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MP Weather Update: दक्षिण-पूर्वी अरब सागर में बने लो प्रेशर एरिया (निम्न दाब क्षेत्र) का असर अब मध्यप्रदेश तक पहुंच गया है। पिछले 24 घंटों में ग्वालियर, जबलपुर समेत 12 जिलों में बूंदाबांदी और गरज-चमक का दौर देखने को मिला। मौसम विभाग के अनुसार, अगले 4 दिन तक ऐसा ही मौसम बने रहने की संभावना है।
सीनियर मौसम वैज्ञानिक डॉ. दिव्या ई. सुरेंद्रन के मुताबिक, यह सिस्टम धीरे-धीरे आगे बढ़ रहा है, जिससे प्रदेश में इसका असर बढ़ सकता है। उन्होंने बताया कि राज्य के उत्तरी हिस्सों में दो साइक्लोनिक सर्कुलेशन (चक्रवात) और वेस्टर्न डिस्टरबेंस (पश्चिमी विक्षोभ) भी सक्रिय हैं, जिससे मौसम में बदलाव जारी है।
अगले चार दिन इन जिलों में रहेगा असर
मौसम विभाग ने बताया कि आने वाले चार दिनों तक दक्षिणी जिलों में हल्की बारिश, आंधी और गरज-चमक की संभावना है। गुरुवार को बड़वानी, खरगोन, खंडवा, बुरहानपुर, बैतूल, पांढुर्णा और बालाघाट में बारिश के आसार। 24 से 26 अक्टूबर तक इंदौर, नर्मदापुरम और जबलपुर संभाग में सिस्टम का प्रभाव दिखेगा।
इससे पहले बीते 24 घंटे में ग्वालियर, सागर, छतरपुर, नर्मदापुरम, हरदा, बुरहानपुर, रायसेन, बैतूल, जबलपुर, सिवनी, रीवा और छिंदवाड़ा में हल्की बारिश दर्ज की गई। जबलपुर में दिवाली की रात करीब पौन इंच बारिश हुई थी।
दिन का तापमान बढ़ा, रातें हुई ठंडी
हल्की बारिश और बादलों के बीच रातें ठंडी, लेकिन दिन गर्म बने हुए हैं। मौसम विभाग का कहना है कि अक्टूबर में यही स्थिति बनी रहेगी, जबकि नवंबर के दूसरे सप्ताह से ठंड तेज हो जाएगी।।पिछली रात भोपाल में तापमान 18.2°C, इंदौर में 20.8°C, उज्जैन में 21.5°C, ग्वालियर में 22.2°C और जबलपुर में 22.1°C दर्ज किया गया।।कई शहरों जैसे नरसिंहपुर, नौगांव, टीकमगढ़, मलाजखंड, धार, खंडवा, खरगोन, पचमढ़ी, राजगढ़ और शिवपुरी में पारा 20°C से नीचे रहा। वहीं दिन में ग्वालियर, गुना, रतलाम, जबलपुर, सागर, सतना, उमरिया समेत कई जिलों में तापमान 32°C से अधिक दर्ज किया गया।
नवंबर से शुरू होगी ठंड, इस बार ज्यादा पड़ेगी
मौसम विभाग के अनुसार, नवंबर से जनवरी तक कड़ाके की ठंड रहेगी। इस बार फरवरी तक ठंड का असर जारी रहने की संभावना है। मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि 2010 के बाद यह सबसे सर्द सर्दी हो सकती है। इस दौरान सामान्य से अधिक बारिश भी संभव है, क्योंकि उत्तर-पश्चिम भारत में पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय रहेंगे। आईएमडी ने संकेत दिए हैं कि जल्द ही ला-नीना परिस्थितियाँ विकसित हो सकती हैं।
पूरे प्रदेश से मानसून विदा, लेकिन बारिश जारी
मौसम विभाग ने पुष्टि की है कि मध्यप्रदेश से मानसून पूरी तरह विदा हो चुका है। इस साल मानसून ने 16 जून को एंट्री और 13 अक्टूबर को वापसी ली यानी 3 महीने 28 दिन तक सक्रिय रहा। इसके बावजूद, बादलों और हल्की बारिश का दौर अभी भी जारी है।
इस बार मानसून की ‘हैप्पी एंडिंग’ हुई
ग्वालियर और भोपाल समेत 30 जिलों में बहुत अधिक बारिश दर्ज की गई। गुना जिला सबसे ज्यादा बारिश वाला रहा यहाँ 65.7 इंच बारिश हुई।।श्योपुर में 216% अधिक वर्षा, जबकि शाजापुर में सबसे कम (81%) बारिश हुई।
मौसम विभाग के अनुमान के अनुसार, 106% बारिश की उम्मीद थी, लेकिन प्रदेश में 15% ज्यादा वर्षा हुई।
ग्वालियर-चंबल संभाग में दोगुनी बारिश, जबकि भोपाल, उज्जैन और नर्मदापुरम संभाग के चार जिलों में औसत से थोड़ी कम वर्षा रही।
एक्सपर्ट्स के मुताबिक, इस अच्छी बारिश से भूजल स्तर और सिंचाई के स्रोत दोनों भरपूर रहेंगे, जिससे आने वाले महीनों में जल संकट की संभावना नहीं है।
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