Madhya Pradesh Utsav: मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव आज शुक्रवार को मध्यप्रदेश उत्सव का उद्घाटन किया है। दिल्ली स्थित मध्यप्रदेश भवन में यह कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा। इसमें लघु एमपी की झलक को दिखाया जाएगा। वहीं, प्रदेश की समृद्ध कला, पर्यटन, सांस्कृतिक विरासत, जन कल्याणकारी योजनाओं और उपलब्धियों का वृहद प्रदर्शन किया जाएगा। प्रदेश में अलग-अलग अंचलों-मालवा, विंध्य, महाकौशल और बुंदेलखंड के विशिष्ट व्यंजन भी परोसे जाएंगे।
मध्यप्रदेश भवन में 30 अगस्त से लेकर 2 सितंबर चक यह कार्यक्रम को आयोजित किया जाएगा। राजधानी दिल्ली में चाणक्यपुरी स्थित मध्य प्रदेश भवन में यह उत्सव चार दिनों तक चलेगा। इसमें अनूठी सांस्कृतिक और पारंपरिक झलक को देखने को मिलेगी। साथ ही वह राज्य के हस्तशिल्प और स्थानीय व्यंजनों का लुत्फ भी आसानी से उठा सकते हैं।
सांस्कृतिक कार्यक्रम
इन चार दिनों के उत्सव में रोजाना सांस्कृतिक संध्या का आयोजन किया जाएगा। वहीं, उत्सव के पहले दिन संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार से सम्मानित सुश्री कलापिनी कोमकली के शास्त्रीय गायन का प्रस्तुतीकरण किया जाएगा। जबकि इसके दूसरे दिन सुप्रसिद्ध ओडिसी नृत्यांगना बिंदु जुनेजा के ओडिसी नृत्य की प्रस्तुति की जाएगी।
वहीं, कार्यक्रम के तीसरे दिन मैहर घराने के नलतरंग सहित अन्य परंपरागत वाद्य-यंत्रों के जरिए वाद्य वृन्द किया जाएगा। आंचलिक कलाकारों के द्वारा कार्यक्रम के अंतिम दिन लोक गायन की प्रस्तुति की जाएगी। श्री शशि कुमार पांडेय के द्वारा रीवा के बघेली लोक गायन और सुश्री आलोचना मांगरोले के द्वारा खंडवा के निमाड़ी लोक गायन सम्मिलित है।
इन सामानों की लगेगी दुकानें
राजधानी दिल्ली में मध्यप्रदेश उत्सव के दौरान प्रमुख आकर्षण का केंद्र मध्यप्रदेश हैंडलूम प्रोडक्ट्स होंगे, जो कि अपनी उत्कृष्ट गुणवत्ता और डिजाइन के लिए काफी प्रसिद्ध हैं।
मध्यप्रदेश उत्सव में आए दर्शकों को प्रदेश के विभिन्न इलाकों से आईं रंगीन साड़ियां, शॉल और अन्य वस्त्रों की एक व्यापक रेंज देखने को मिल सकती है। वहीं, हैंडलूम कपड़ों की विशिष्टता और परंपरागत कलाकारी को देखकर आप मध्यप्रदेश का सांस्कृतिक समृद्धि को आसानी से जान सकेंगे।
मध्यप्रदेश का मिलेगा स्वादिष्ट खाना
हैंडलूम प्रोडक्ट्स के अलावा दर्शकों को मध्यप्रदेश के प्रसिद्ध व्यंजन भी खाने को मिलेंगे। मध्यप्रदेश उत्सव में इंदौरी पोहा, सेवभाजी और महेरी जैसे पारंपरिक व्यंजनों का स्वाद चखने को मिलेगा। साथ की सेवभाजी और महेरी जैसी पारंपरिक खाने का स्वाद भी यहां पर दर्शकों को काफी भाने वाला है। सुबह 11 बजे से रात 10 बजे त चलने वाले इस फेस्टिवल में मालवा थाली, बुंदेलखंडी थाली, निमाड़ी थाली और बघेलखंडी थाली का आनंद दर्शक उठा पाएंगे।
दाल-बाटी, चूरमा के लड्डू, रतलामी सेंव, पंचमेल दाल, बाजरा रोटी, अमरूद की चटनी, दाल, पानिया, इंद्रहार, घुइंया की सब्जी जैसे कई खाने का लुत्फ इस उत्सव में शामिल होने वाले लोग उठा सकते हैं।
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