आदित्य शर्मा की रिपोर्ट
शाजापुर। मध्यप्रदेश के स्कूल शिक्षा (स्वतंत्र प्रभार) एवं सामान्य प्रशासन राज्यमंत्री इंदरसिंह परमार की पहल पर अनूठे एवं अनुकरणीय अभियान “अपना विद्यालय-अपना कोष” की शुरूआत जिले के शुजालपुर के शारदा उत्कृष्ट उमावि में बसंत पंचमी के अवसर पर हुई। इसका मुख्य उद्धेश्य शिक्षण संस्थाओं के प्रति लोगों में अपनत्व की भावना पैदा करने के लिए यह अभियान पूरे प्रदेश में चलाया जायेगा। लोग विद्यालयों को सरकारी विद्यालय है, ऐसा नहीं कहेंगे, बल्कि यह हमारा अपना विद्यालय है यह कहेंगे। समाज की भागीदारी से विकास होगा। विद्यालय के लिए हम भी कुछ करेंगे लोगों में उत्साह पैदा होगा। इस अनुपम प्रयोग की शुरूआत शुजालपुर मंडी के इस विद्यालय से करते हुए राज्यमंत्री परमार ने कहा कि विद्यालय के सर्वांगिण विकास के लिए हम सभी शुजालपुर नगर के लोगों के आगे झोली फैलाकर अनुरोध करेंगे कि वे अपनी सामर्थ्य अनुसार संस्था के विकास के लिए दान करें।
सामाज आधारित भेदभाव रहित शिक्षा दी जाती थी
इस अवसर पर उन्होंने संबोधित करते हुए कहा कि अंग्रेजों ने हमारे देश के इतिहास और शिक्षा पद्धति को तहस-नहस कर दिया है। भारत जो कभी संपन्न होकर विश्व गुरू था। यहां शिक्षा ग्रहण करने देश-विदेश से विद्यार्थी आते थे, उसे अंग्रेजों ने अनपढ़ों, भूखमरी, गरीबी, सपेरों का देश बताया था। अंग्रेजों ने अपनी शिक्षा नीति शुरू कर इतिहास को छुपा दिया था। उन्होंने कहा कि भारत में पहले ज्ञान की परंपरा थी। यहां गांव-गांव में लगभग 6.50 लाख से अधिक गुरूकुल थे, जिनमें सामाज आधारित भेदभाव रहित शिक्षा दी जाती थी। अंग्रेजों के द्वारा दी गई शिक्षा पद्धति को बदलने के लिए 2 करोड़ से अधिक लोगों के विचारों एवं मंथन के बाद शिक्षा प्रणाली में आमूलचल परिवर्तन कर नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति बनाई गई है। इसमें रोजगारमूलक, समाज आधारित, शिक्षा देने का प्रावधान किया गया है।
अपनी मातृ भाषा में अध्ययन कराया जायेगा
उन्होंने कहा कि शिक्षा बाजार नहीं है और शिक्षक रोजगार नहीं है। शिक्षक बायचांस नहीं बायच्वाईस होना चाहिये। शिक्षा को बाजार नहीं बनने दिया जायेगा। अच्छी और बेहतर शिक्षा के लिए आधुनिक स्कूल बनाए जायेंगे। प्रदेश में 53 सीएम राईज स्कूल बनाए जा रहे हैं। वही 650 से अधिक विद्यालय भी बना रहे हैं। इन विद्यालयो में रोजगार मूलक अपनी मातृ भाषा में अध्ययन कराया जायेगा। समारोह के दौरान दिनेश राय ने अतिथि परिचय दिया। कार्यक्रम का संचालन शिक्षक अनिल विजयवर्गीय ने किया और उपस्थित जनों के प्रति प्राचार्य एनडी गुप्ता ने आभार व्यक्त किया।