MP High Court News: सूचना का अधिकार वह होता है जिसके जरिए व्यक्ति अपनी समस्या और निराकरण की जानकारी ले सकता है। केन्द्र सरकार ने इसके लिए बाकायदा अधिकारियों को नियुक्त किया है। आयुक्त की नियुक्ति भी की है, पर मध्यप्रदेश में सूचना के अधिकार अधिनियम के प्रावधान ताक पर हैं।
जबलपुर निवासी अधिवक्ता विशाल बघेल ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर बताया कि उनके द्वारा मंत्रालय वल्लभ भवन स्वास्थ्य विभाग में एक आवेदन सूचना के अधिकार अधिनियम, 2005 की धारा 6(1) के तहत ऑनलाइन दाखिल किया था, जिसमें जबलपुर में हुए न्यू लाइफ अस्पताल अग्निकांड में संभागायुक्त की कमेटी से कराई गई जांच की रिपोर्ट की कॉपी मांगी गई थी।
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— Bansal News (@BansalNewsMPCG) August 31, 2024
मंत्रालय ने नहीं दी जानकारी
विशाल बघेल के आरटीआई आवेदन पर मंत्रालय द्वारा कोई जानकारी नहीं दी गई जिसके चलते, आवेदक ने अधिनियम की धारा 19 के तहत प्रथम अपील वरिष्ठ अधिकारी को पेश की किंतु अधिकारियों द्वारा प्रथम अपील की भी सुनवाई नहीं की गई। जिस कारण सूचना ना मिलने से राज्य सूचना आयोग में द्वितीय अपील 21 सितंबर 2023 को दाखिल की गई।
1 साल से नहीं अपील का निराकरण
राज्य सूचना आयोग ने विशाल बघेल की अपील का निराकरण लगभग 1 साल से नहीं किया गया। जबकि मध्यप्रदेश सूचना का अधिकार फीस तथा अपील नियम के अनुसार दूसरी अपील का निराकरण 180 दिनों में किया जाना अनिवार्य है।
हाईकोर्ट ने जारी किया नोटिस
याचिकाकर्ता ने हाईकोर्ट में दलील दी है कि उसकी अपील का निराकरण इसलिए नही हो रहा है, क्योंकि मध्य प्रदेश राज्यसूचना आयोग में वर्तमान में एक भी आयुक्त पदस्थ नही है। पूरा आयोग 5 महीने से एक भी सूचना आयुक्त ना होने से बंद पड़ा है, जिससे अपीलार्थी परेशान हो रहे हैं और हजारों अपील पेंडिंग पड़ी हैं। हाईकोर्ट की जस्टिस विशाल धगट की एकल पीठ ने याचिका में राज्य शासन को नोटिस जारी कर 3 सप्ताह के अंदर जवाब पेश करने के निर्देश दिए हैं और मामले की अगली सुनवाई अब 23 सितंबर को करने के निर्देश दिए हैं।
सरकार ने नहीं की नियुक्ति
मध्यप्रदेश में राज्य सूचना आयोग में सूचना आयुक्तों के 10 पद स्वीकृत हैं, लेकिन सभी पदों पर नियुक्त आयुक्त के सेवानिवृत हो जाने के बाद सरकार द्वारा नियुक्ति नहीं की जा रही है। सामान्य प्रशासन विभाग ने पिछले 3 सालों में 3 बार विज्ञापन जारी कर सूचना आयुक्त के पदों पर आवेदन मंगाए है। इसके बाद भी नियुक्तियां नही की गई। इसके कारण आज भी राज्य सूचना आयोग बंद पड़ा हुआ है।
कैसे होती है आयुक्तों की नियुक्ति
सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 की धारा 15 के प्रावधान के अनुसार राज्य सूचना आयुक्तों की नियुक्ति मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में बनी कमेटी के द्वारा की जाती है। इस कमेटी में नेता प्रतिपक्ष और मुख्यमंत्री के साथ एक अन्य कैबिनेट मंत्री भी समिति में शामिल होते हैं।
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