Madhya Pradesh (MP) School Students Crisis: मध्यप्रदेश में साढ़े चार हजार से अधिक ऐसे स्कूल सामने आए हैं, जहां छात्रों की संख्या जीरो के करीब पहुंच चुकी हैं, लेकिन फिर भी उन्हें बंद नहीं किया जा रहा है।
एक मीडिया रिपोर्ट मुताबिक, इसके पीछे नेता और अफसरों का रसूख बताया जा रहा है। जिन स्कूलों में मध्यप्रदेश के ओबीसी आयोग अध्यक्ष के पीए, डीपीसी की बहन, अध्यापक्ष संघ सचिव पदस्थ हैं, उन स्कूलों में 20 से कम छात्रों की संख्या दर्ज हैं, इनमें कुछ ऐसी स्कूलें हैं, जहां दो से पांच ही छात्र हैं, लेकिन फिर भी नेता-अफसरों के रसूख से स्कूल चल रहे हैं। ताकि उनके रिश्तेदारों और करीबियों को काम न करना पड़े।
एक साल पहले बंद होना थे 4608 स्कूल
दरअसल, मध्यप्रदेश में शिक्षा विभाग ने उन स्कूलों को बंद करने का प्लान तैयार किया था, जिन स्कूलों में छात्रों की संख्या 20 या उससे कम हैं। प्लान के तहत उन छात्रों को पास के स्कूल और शिक्षकों को वहां तैनात करना था जहां शिक्षकों की संख्या कम है, लेकिन नेता-अफसरों के रसूख से अब भी ये स्कूल चल रहे।
बंद स्कूलों में अटके 5000 शिक्षक
स्कूल शिक्षा विभाग के सर्वे के अनुसार, प्रदेश के 17 जिलों में ऐसे करीब 4 हजार 608 स्कूल हैं। जिन्हें एक साल पहले ही बंद कर दिया जाना चाहिए था। यदि इन सभी स्कूलों को बंद करने लगभग 5,000 शिक्षकों को उन स्कूलों में भेजा जा सकता है जहां स्टाफ की कमी है।
इन स्कूलों में रसूखदारों का कब्जा
– दमोह के हटा ब्लॉब में झामरपांडे प्राथमिक स्कूल में 19 छात्र हैं। यहां सुरेश पटेल पदस्थ है, लेकिन वह अभी पिछड़ा वर्ग आयोग अध्यक्ष डॉ रामकृष्ण कुसमारिया के निजी सहायक के रूप में काम कर रहे हैं।
– सागर के देवरी में टिकरिया की प्राथमिक स्कूल में पूर्व जनपद पंचायत उपाध्यक्ष राजधर यादव के रिश्तेदार राजेंद्र यादव पदस्थ हैं। यह पूर्व मंत्री हर्ष यादव के करीबी हैं। यहां भी छात्र कम हैं।
– सागर के गांधी मुहाल पटकुई प्राथमिक स्कूल में 5 छात्र हैं और यहां भाजपा नेता विनोद गुरु की भतीजी अर्चना तिवारी पदस्थ है।
– टीकमगढ़ के नयागांव आदिवासी बस्ती स्कूल में डीपीसी पीआर ़िपाठी की बहन लक्ष्मी पांडे पदस्थ हैं। यहां 20 छात्रों पर लक्ष्मी पांडे के अलावा एक और शिक्षक तैनात हैं।
– छतरपुर के वीरपुरा प्राथमिक स्कूल में नौगांव के पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष अंजुल सक्सेना की बहन शालिनी सक्सेना शिक्षक के पद पर पदस्थ हैं। 19 छात्रों पर शालिनी के अलावा तीन शिक्षक हैं।
– छतरपुर के परा चौकी स्कूल में बिजावर विधायक राजेश शुक्ला की करीबी सरोज लिटौरिया पदस्थ हैं, जबकि यहां 18 छात्र ही दर्ज हैं।
– रायसेन की बिरौली प्राथमिक स्कूल में 15 छात्र दर्ज होने के बाद भी आजाद अध्यापक संघ जिला सचिव राजकुमार धाकड़ पदस्थ हैं।
रसूखदारों पर क्या कहते हैं जिम्मेदार ?
शिक्षा विभाग के आयुक्त संजय गोयल के मुताबिक, प्लान के तहत स्कूलों को मर्ज करने की प्रक्रिया चल रही है। रसूखदारों के रिश्तेदार और करीबियों के शिक्षकों के पदस्थ होने जैसी कोई शिकायत नहीं है, लेकिन फिर भी जांच करवाते हैं।
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