दमोह: ग्राम पंचायत में आमतौर पर सरपंच और सचिव के एक साथ मिलकर किए गए कारनामों का सच सामने आता रहा है। लेकिन मध्य प्रदेश में स्थित हटा जिले में सचिव ने सरपंच को किनारे करके सरकारी योजनाओं का लाभ दिला दिया। इसे लेकर सरपंच ने सीईओ को सचिव के खिलाफ ज्ञापन सौंपा है।
ज्ञापन में सरपंच ने बताया कि पंचायत में पीएम आवास जो लक्ष्य मिला उसे मेरी सहमति के बिना ही सचिव और रोजगार सहायक द्वारा नामों का चयन किया गया है। यहां तक कि, सूची पर हस्ताक्षर कराना भी उचित नहीं समझा गया। सरपंच ने आरोप लगाया कि लटोरी अहिरवार को इंदिरा आवास दिया गया है। जिसमें 2019-20 में पीएम आवास योजना भी दिया गया है। कमलेश पटेल को मुख्यमंत्री आवास दिया गया। लेकिन सचिव ने लेनदेन करके साल 2019-20 में पीएम आवास योजना भी दिया है। जबकि कमलेश पटेल को पहले भी मुख्यमंत्री आवास दिया गया है। इसके बाद भी सचिव ने लेनदेन करके वर्ष 2019-20 पीएम आवास दे दिया।
इसके साथ ही मृतक व्यक्तियों के नाम पर भी मजदूरी निकाली गई। जिसमें पंचम नाम के एक व्यक्ति का नाम शामिल है। जिसकी मौत 18 दिसंबर 2018 को हो गई। तेजराम पिता करोड़ी लाल कोरी की 15 एकड़ जमीन फिर भी सचिव द्वारा पीएम आवास दिया गया। वहीं इस मामले में हटा सीईओ का कहना है कि इस मामले में जानकारी मिली है जिसकी जांच कर आरोपी के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।