हाइलाइट्स
- मध्य प्रदेश नर्सिंग कॉलेज घोटाल में हाईकोर्ट सख्त।
- CBI को दिए जांच फाइलें स्कैन कर सौंपने के निर्देश।
- सरकार को CBI को आवश्यक सहयोग देने के निर्देश।
MP Nursing Colleges Scam CBI High Court Orders: मध्यप्रदेश के नर्सिंग कॉलेजों की मान्यता में अनियमितताओं को लेकर एमपी हाईकोर्ट ने केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) को जांच संबंधी फाइलें स्कैन करने और याचिकाकर्ता को उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं। कोर्ट ने राज्य सरकार को CBI को सभी जरूरी संसाधन और सहयोग देने का आदेश भी दिया है। अगली सुनवाई 7 अगस्त को होगी।
नर्सिंग घोटाले में हाईकोर्ट सख्त
मध्यप्रदेश में नर्सिंग कॉलेजों की मान्यता में हुए घोटाले को लेकर हाईकोर्ट ने बड़ा आदेश दिया है। लॉ स्टूडेंट्स एसोसिएशन के अध्यक्ष विशाल बघेल द्वारा दाखिल जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने सीबीआई को निर्देशित किया है कि वह जांच में उपयुक्त पाए गए कॉलेजों की फाइलें स्कैन कर याचिकाकर्ता को प्रदान करें। इस काम के लिए राज्य सरकार को सीबीआई को आवश्यक सहयोग देने के निर्देश भी जारी किए गए हैं।
CBI को जांच फाइलें स्कैन कर सौंपने का आदेश
लॉ स्टूडेंट्स एसोसिएशन के अध्यक्ष विशाल बघेल की जनहित याचिका की सुनवाई करते हुए जस्टिस अतुल श्रीधरन और जस्टिस अनुराधा शुक्ला की युगलपीठ ने सीबीआई को आदेश दिए हैं। अदालत ने कहा कि सीबीआई जांच में सुटेबल पाए गए कॉलेजों का रिकॉर्ड स्कैन कर हाईकोर्ट में पेश करें एवं याचिकाकर्ता को उपलब्ध कराए, इस मामले में आवश्यक संसाधन और सहायता राज्य शासन को उपलब्ध कराने होंगे। हाईकोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया है कि रिकॉर्ड की सुरक्षा का जिम्मा सीबीआई का होगा और किसी सीबीआई अधिकारी के निर्देशन में ही स्कैनिंग कर कार्य संपादित होगा।
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CBI ने दिया था संसाधनों की कमी का हवाला
बता दें कि हाईकोर्ट ने 3 जुलाई को सीबीआई को निर्देश दिए थे कि नर्सिंग कॉलेजों की जांच से जुड़ी सभी फाइलें स्कैन कर एक प्रति याचिकाकर्ता को उपलब्ध कराई जाए, इस मामले में सीबीआई ने एक आवेदन दाखिल कर कोर्ट को बताया था कि सीबीआई के पास 800 कॉलेजों के लगभग 1 लाख से ज्यादा दस्तावेज हैं, इतनी बड़ी संख्या में दस्तावेज स्कैन करने के संसाधन और मैन पॉवर सीबीआई के पास नहीं है, डेटा दिए जाने से उसके दुरुपयोग की संभावना है भी इस कारण डेटा स्कैन कर नहीं दिया जा सकता है।
फर्जी मार्कशीट पर मिली क्लीनचिट
इसके जबाब में याचिकाकर्ता ने सीबीआई जांच में दो बार सुटेबल पाए गए सेंधवा नर्सिग कॉलेज का उदाहरण पेश कर बताया था कि उक्त कॉलेज की फैकल्टी की मार्कशीट फर्जी है, फिर भी उसे सीबीआई जांच में क्लिनचिट मिली है।
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फर्जी मार्कशीट को लेकर कोर्ट भी हैरान
सीबीआई के द्वारा आपत्ति करने पर याचिकाकर्ता ने चलती सुनवाई में नर्सिंग काउंसिल के पोर्टल पर अपलोड की गई फर्जी मार्कशीट कोर्ट में दिखाई थीं, जिसके बाद जजों ने भी फर्जी मार्कशीट डाउनलोड कर इस बात पर हैरानी जताई थी।
गुरुवार को हुई सुनवाई में हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ता की दलीलों को स्वीकार करते हुए CBI को सख्त निर्देश जारी किए हैं। याचिकाकर्ता ने फिर से सीबीआई से डेटा दिलाने की मांग की गई और कोर्ट को बताया गया कि जिन कॉलेजों को सीबीआई जांच में सुटेबल बताया गया है उससे संबंधित रिकॉर्ड देखे बिना अपना पक्ष रखना संभव नहीं है। मामले की अगली सुनवाई 7 अगस्त को होगी।