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हाइलाइट्स
- मंदसौर में गांधीसागर फॉरेस्ट रिट्रीट का चौथा संस्करण।
- सीएम मोहन यादव ने किया फॉरेस्ट रिट्रीट का शुभारंभ।
- आयोजन में जेट स्की, पैरासेलिंग, जंगल सफारी जैसे साहसिक खेल।
Mandsaur GandhiSagar Forest Retreat 4th Edition CM Mohan Yadav: मध्यप्रदेश के मंदसौर जिले में गांधीसागर फॉरेस्ट रिट्रीट का चौथा संस्करण शुरू हो गया है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने मंदसौर पहुंचकर इस फेस्टिवल की शुभारंभ किया। यह आयोजन प्रदेश में साहसिक पर्यटन को बढ़ावा देने, रोजगार सृजन और पर्यावरण संरक्षण को साथ लेकर चलने की अनूठी पहल है। इस रिट्रीट में पैरामोटरिंग, जंगल सफारी, हॉट एयर बैलूनिंग जैसी रोमांचक गतिविधियों का आनंद लिया जा सकता है। यहां बैकवाटर एरिया में 50 टेंट की सिटी बनाई गई है। यह पर्यटकों के साथ-साथ स्थानीय लोगों के रोजगार के लिए बड़ी पहल है।
प्रकृति, रोमांच और रोजगार का संगम
मध्यप्रदेश के मंदसौर जिले में स्थित गांधीसागर डैम के बैकवाटर क्षेत्र में शुक्रवार से गांधीसागर फॉरेस्ट रिट्रीट का चौथा संस्करण शुरू हो गया है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने इस आयोजन का उद्घाटन करते हुए इसे प्रदेश के विकास की दिशा में एक अहम कदम बताया। पर्यटन मंत्री धर्मेंद्र सिंह लोधी ने बताया कि यह आयोजन न केवल पर्यटकों को आकर्षित करेगा, बल्कि स्थानीय लोगों के लिए भी रोजगार का साधन बनेगा। यह आयोजन प्रदेश की सांस्कृतिक विरासत, प्राकृतिक सौंदर्य और पर्यावरण संरक्षण को भी बढ़ावा देगा।
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फॉरेस्ट रिट्रीट में जानें क्या-क्या रहेगा खास
मध्यप्रदेश टूरिज्म बोर्ड और गुजरात की एक निजी कंपनी के सहयोग से विकसित गांधीसागर फॉरेस्ट रिट्रीट, रोमांच और प्राकृतिक सौंदर्य का अद्भुत संगम है। यह रिट्रीट पर्यटकों को एक ऐसा अनुभव देने जा रहा है, जो जमीन, पानी और आकाश-तीनों से जुड़ा रोमांच समेटे होगा।
गांधीसागर डैम के खूबसूरत बैकवाटर में बसी टेंट सिटी में एडवेंचर लवर्स के लिए जेट स्की, कयाकिंग और स्पीड बोटिंग जैसी वॉटर स्पोर्ट्स एक्टिविटीज होंगी। साथ ही पैरामोटरिंग और हॉट एयर बैलूनिंग का रोमांच भी पर्यटकों को आकाश में उड़ने जैसा अनुभव देगा।
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प्रकृति, रोमांच और संस्कृति का अनोखा मेल
यह रिट्रीट सिर्फ एडवेंचर ही नहीं, बल्कि प्राकृतिक प्रेमियों और इतिहास के शौकीनों के लिए भी खास है। गांधीसागर अभयारण्य में वन्यजीव सफारी के दौरान चीते, तेंदुए और चीतल जैसे दुर्लभ प्राणी देखे जा सकते हैं। वहीं ऐतिहासिक हिंगलाजगढ़ किला अपनी हेरिटेज ट्रेल के साथ इतिहास में झांकने का मौका देता है। इसके साथ ही चतुर्भुज नाला की प्राचीन शैलचित्र कला और बायोडायवर्सिटी वॉक पर्यटकों को प्रकृति से जुड़ने का अनूठा अवसर प्रदान करते हैं।
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रिट्रीट में पर्यावरण संरक्षण पर विशेष ध्यान
करीब 2,500 वर्ग मीटर में फैला बटरफ्लाई गार्डन भी पर्यटकों के लिए एक बड़ा आकर्षण है, जहां 40 से ज्यादा तितलियों की प्रजातियां देखने को मिलती हैं। इस गार्डन में 4,000 से अधिक पोषक एवं पराग प्रजातियों के पौधे लगाए गए हैं। यह केंद्र शिक्षा एवं इंटरप्रिटेशन स्थल के रूप में पर्यटकों को तितलियों के जीवन चक्र की जानकारी प्रदान करेगा। इस डैम के आसपास कई जंगली जानवर भी हैं।
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ग्लैम्पिंग और रोमांच का मिलेगा अनुभव
अपर मुख्य सचिव शिवशेखर शुक्ला ने बताया कि चंबल नदी पर बने गांधीसागर डैम के खूबसूरत बैकवाटर क्षेत्र को एडवेंचर टूरिज्म हब बनाया जा रहा है। फॉरेस्ट रिट्रीट अनुभव आधारित पर्यटन का बेहतरीन उदाहरण है। यहां आने वाले पर्यटक सर्व सुविधा युक्त ग्लैम्पिंग के साथ पैरासेलिंग, पैरामोटरिंग, जेट स्की, हॉट एयर बैलूनिंग, जंगल सफारी, नाइट वॉक और स्टार गेजिंग जैसी रोमांचक गतिविधियों का आनंद ले सकेंगे। यहां 50 लग्जरी टेंट्स वाली ऑल-सीजन टेंट सिटी है। जिसमें कॉटेज भी बनाए गए हैं।
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ऑल सीजन टेंट सिटी से जुड़ेगा स्थानीय जीवन
ऑल सीजन टेंट सिटी में बोट सफारी, बोट स्पा, योग सत्र, स्थानीय व्यंजन, हस्तशिल्प और सांस्कृतिक प्रस्तुतियां पर्यटकों को प्रदेश की संस्कृति और जीवनशैली से जोड़ेंगी। इस आयोजन में पर्यटन, पर्यावरण संरक्षण, स्थानीय भागीदारी और सतत विकास को साथ लेकर चलने का प्रयास किया गया है। पर्यटक पैरासेलिंग, पैरामोटरिंग, जेट स्की, जोरबिंग, बोट सफारी, जंगल सफारी जैसे रोमांचक अनुभव ले सकेंगे।
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गांधीसागर फॉरेस्ट रिट्रीट में कैसे पहुंचें?
यह फॉरेस्ट रिट्रीट भोपाल, इंदौर, उज्जैन, मंदसौर और कोटा जैसे शहरों से सड़क मार्ग से आसानी से पहुँचा जा सकता है।
- भोपाल से दूरी: लगभग 350 किमी (राजगढ़–मंदसौर मार्ग)
- इंदौर/उज्जैन से: मंदसौर होते हुए
- राजस्थान से: कोटा व झालावाड़ के रास्ते
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