जबलपुर। Madhya Pradesh Highcourt. रिटायर्ड सरकारी कर्मचारियों के हक में मध्यप्रदेश हाईकोर्ट (Madhya Pradesh Highcourt) ने एक बड़ा फैसला सुनाया है। फैसले के मुताबिक अब C और D ग्रेड के कर्मचारियों से रिटायरमेंट के बाद सरकार रिकवरी नहीं कर पाएगी।
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क्या है पूरा मामला
पूरा मामला मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh Highcourt) के छिंदवाड़ा से जुड़ा है। यहां के निवासी रमेश खुरसांगे हाल ही में नगर पालिका परिषद मैहर से ड्राइवर के पद से रिटायर हुए थे। रमेश खुरसांगे के रिटायरमेंट के बाद संबंधित विभाग ने गलत वेतन काउंटिंग का हवाला देते हुए उन पर करीब 84 हजार की रिकवरी निकाल दी। 2007 में निकाली गई इस रिकवरी का ड्राइवर रमेश खुरसांगे ने विरोध किया था।
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रमेश खुरसांगे ने ली HC की शरण
इस फैसले का विरोध करते हुए रमेश खुरसांगे ने रिकवरी देने से मना कर दिया था। हालांकि, विरोध के बावजूद नगर पालिका प्रशासन अपने फैसले पर अड़ा रहा। इसके बाद रमेश खुरसांगे ने हाईकोर्ट (Madhya Pradesh Highcourt) की शरण ली। रमेश खुरसांगे ने इस पूरे मामले को लेकर एक याचिका दायर करते हुए रिकवरी पर रोक लगाने की मांग की थी।
HC में मिला इंसाफ
याचिकाकर्ता रमेश खुरसांगे की ओर से कोर्ट (Madhya Pradesh Highcourt) में दलील दी गई कि विभाग में हर साल ऑडिट किया जाता है। ऐसे में विभाग ये जानकारी नहीं दे रहा है कि सैलरी काउंटिंग में गलती कैसे हुई। याचिकाकर्ता ने इस केस में सुप्रीम कोर्ट के थॉमस डेनियल मामले का भी हवाला दिया। जिसमें सुप्रीम कोर्ट ने सी और डी ग्रेड के कर्मचारियों से रिकवरी नहीं करने का आदेश दिया था। सारी दलीलों को सुनने के बाद हाईकोर्ट (Madhya Pradesh Highcourt) ने याचिकाकर्ता रमेश खुरसांगे को रिकवरी से मुक्त करने का फैसला सुनाया।
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