शुभम जैन/ग्यारसपुर : मध्यप्रदेश के विदिशा जिले की ग्यारसपुर तहसील पुरातत्व संपदा की भरमार शुरू से ही देखने को मिलती है। ग्यारसपुर में ही विश्व प्रसिद्ध माला देवी मंदिर, हिंडोला तोरणा बाजरा मठ एवं ग्वालियर के म्यूजियम में रखी विश्व सुंदरी शाल भंजिका की मूर्ति भी ग्यारसपुर से मिली थी और अन्य पुरातत्व अवशेष भी ग्यारसपुर में पाए जाते हैं।
बीते दिनेां ग्यारसपुर के बिजासन मंदिर के समीप पहाड़ी पर ग्रामीणों को एक मूर्ति मिली है। बताया जा रहा है कि प्रतिमा 9वी/10 वीं शताब्दी की हो सकती है। मूर्ति मिलने की सूचना पुरातत्व विभाग को दी गई जिसके बाद पुरात्तव विभाग ने मूर्ति अपने कब्जे में ले ली है। जिला पुरातत्व अधिकारी नम्रता यादव द्वारा जहां से मूर्ति निकली है वहां पहुंचकर जांच पड़ताल की और अपनी रिपोर्ट वरिष्ठ अधिकारियों को सौंपी।
वहीं इतिहास के जानकार सुरेंद्र मालवीय से जब इस संबंध में हमने चर्चा की तो उन्होंने बताया कि यह प्रतिमा जैन धर्म के तीर्थंकर नमीनाथ/पदम प्रभु की हो सकती है, क्योंकि उपरोक्त प्रतिमा पर कमल का चिन्ह स्पष्ट रूप से दिखाई दे रहा है और ग्यारसपुर का इतिहास भी जैन धर्म से जुड़ा हुआ रहा है। यहां माला देवी एवं बाजरा मठ जो की प्रसिद्ध प्राचीन इमारतों में भी जैन धर्म के तीर्थंकरों की खंडित प्रतिमाएं विराजमान है। वही ग्रामीणों ने जिस जगह यह मूर्ति पाई गई है वहां एवम् हैदर गढ़ के समीप मृगननाथ धाम जहां 10 वीं शताब्दी की बराह सहित अन्य प्रतिमाएं मिली है। आंशका जताई जा रही है कि अगर उस जगह पर खुदाई की जाए तो अन्य मूर्तियां भी मिल सकती है। क्योंकि वहां पर अन्य अवशेष भी दिखाई दे रहे हैं।
#विदिशा के #ग्यारसपुर में मिली 9वीं सदी की प्राचीन मूर्ती pic.twitter.com/lYjnlZuHMZ
— Bansal News (@BansalNewsMPCG) March 15, 2023