मध्यप्रदेश : साल 2018 के विधानसभा चुनावों में मध्यप्रदेश की कमान कमलनाथ के हाथ में थी। कांग्रेस ने यह चुनाव कमलनाथ के नेतृत्व में लड़ा और जीता भी। लेकिन सरकार 15 महीने बाद धराशाही हो गई। इस दौरान लोकसभा उपचुनाव और विधानसभा के उपचुनाव भी हुए लेकिन कांग्रेस के हाथ हार लगी। लेकिन कांग्रेस ने एक बार फिर कमलनाथ पर भरोसा जताया है। मध्यप्रदेश में अगले साल विधानसभा के चुनाव होने है। चुनाव से पहले कांग्रेस ने अपना खाका तैयार करना शुरू कर दिया है। पार्टी नेतृत्व ने कमलनाथ के नेतृत्व में ही अगला चुनाव लड़ने का फैसला किया है। इस बात से समझा जा सकता है कि कांग्रेस के लिए कमलनाथ कितने जरूरी है।
क्यों हैं कमलनाथ की जरूरत?
दरअसल, कमलनाथ पार्टी में सीनियर लीडर है उन्हें सत्ता के गलियारों का काफी अनुभव है। कमलनाथ को चुनावों में संसाधन जुटाने में मास्टर माना जाता है। इसके अलावा उनका मैनेजमेंट भी काफी तगड़ा है। तो वही कमलनाथ पर पूर्व सीएम और रणनीतिकार दिग्विजय सिंह का समर्थन मिला हुआ है। राजनैतिक जानकारों का कहना है कि कांग्रेस को अगला विधानसभा का चुनाव कमलनाथ के नेतृत्व में ही लड़ना चाहिए क्योंकि बीजेपी को चुनौती सिर्फ कमलनाथ ही दे सकते है।
मैं किसी पद पर रहने के लिए इच्छुक नहीं – कमलनाथ
बीते दिनों कमलनाथ ने एक बैठक बुलाई थी। इस दौरान उन्होंने एक बयान दिया था। कमलनाथ ने कहा था कि मैं तो किसी भी पद पर रहने का इच्छुक नहीं हूं। मैंने तो अप्लाई नहीं किया था किसी भी पद के लिए। 1 मई 2018 को अध्यक्ष बना था। मैंने तो नहीं कहा था कि मुझे अध्यक्ष बना दो। मैं तो बड़ा संतुष्ट था दिल्ली में। कमलनाथ के इस बयान से सियासी मायने निकाले जाने लगे है। राजनैतिक गलियारों में उनके इस बयान को लेकर चर्चा है कि एमपी कांग्रेस में ऐसा कोई नेता नहीें जो कमलनाथ के बराबर योग्य हों जिसे पार्टी की कमाना सौंपी जा सकें।
कमलनाथ क्यों कांग्रेस की पसंद
कमलनाथ पार्टी में सीनियर नेता है। उन्हें राजनीति का काफी अच्छा अनुभव है। बीजेपी को मध्यप्रदेश में अगर किसी से खतरा है तो वो हैं कमलनाथ क्योंकि कमलनाथ बीजेपी और शिवराज को हरा चुके है। बीजेपी भी नहीं चाहती की कांग्रेस कमलनाथ के नेत्त्व में चुनाव लड़ें। क्योंकि कमलनाथ वो लीडर है जिनके पास युवा और योग्य नेताओं की टीम है। उनके पास धनबल की भी कमी नहीं है। इसके अलावा कमलनाथ हनुमान भक्त भी हैं। छिंदवाड़ा में उन्होंने 101 फीट की हनुमान जी की मूर्ति लगवाई थी। हाल ही में कांग्रेस ने रामनवमी और हनुमान जयंती पर अपने विधायकों, नेताओं और कार्यकर्ताओं को रामलीला, सुंदरकांड और हनुमान चालीसा का पाठ करने का आदेश जारी किया है।