bjp Mission Lok Sabha 2024 भोपाल। एमपी के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की डिमांड दूसरे राज्यों में भी बढ़ रही है। बीजेपी हाई कमान के प्लान मुताबिक डॉ. यादव को सीएम बनाया है, उसी के अनुरूप उनको यूपी और बिहार से बुलावा आने लगा है। मुख्यमंत्री 18 जनवरी को बिहार यात्रा पर जाएंगे। पटना में उनका स्वागत समारोह रखा गया है। बता दें कि बिहार में करीब 14 प्रतिशत यादव हैं।
इस प्लान से फतेह किया 23 का किला
बीजेपी हाई कमान ने मप्र में इस बार नए प्लान के तहत विधानसभा चुनाव 2023 लड़ा था। इस चुनाव में 3 केंद्रीय मंत्री समेत चार सांसदों को भी (bjp Mission Lok Sabha 2024)टिकट दिया था। इस प्लान में भाजपा सफल हुई। केंद्रीय मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते को छोड़कर केंद्रीय मंत्री प्रहलाद पटेल, और नरेंद्र सिंह तोमर चुनाव जीत गए।
वहीं लोकसभा सदस्यों ने भी बीजेपी की झोली में अपने खाते की सीटें डाल दी। सांसद रीति पाठक, उदयराव प्रताप सिंह, राकेश सिंह ने भी जीत दर्ज की। इसके अलावा सांसद गणेश सिंह चुनाव नहीं जीत सके। हालांकि एमपी में विधानसभा चुनाव 2023 में बीजेपी ने एमपी में प्रचंड जीत हासिल की।
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मोहन से यूपी—बिहार साधने की कोशिश
एमपी में बीजेपी ने प्रचंड जीत तो हासिल कर ली लेकिन इस जीत के साथ दूसरा प्लान भी बीजेपी हाई कमान ने तैयार कर लिया। लोकसभा (bjp Mission Lok Sabha 2024) चुनाव 2024 में यूपी और बिहार के यादवों के गढ़ को कैसे भेदा जाए। इसी प्लान के साथ 2003 से कांग्रेस के 15 माह के कार्यकाल को छोड़कर शिवराज सिंह चौहान ही मुख्यमंत्री रहे, उनकी जगह मप्र में डॉ. मोहन यादव को मुख्यमंत्री बनाया गया।
डॉ. यादव को सीएम बनाने के साथ ही बीजेपी ने एमपी में ओबीसी को साधा है। इसके साथ—साथ यूपी और बिहार में यादवों को साधने का प्रयास किया है। आने वाले लोकसभा चुनाव 2024 में बीजेपी हाईकमान सीएम डॉ. मोहन यादव को यूपी और बिहार के यादव वोटरों को साधने का प्रयास करेगी। इसकी शुरुआत हो भी गई है। डॉ. यादव को बिहार बुलाया गया है। जहां उनका अभिनंदन कर सम्मान किया जाएगा।
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बिहार में लंबे समय से लालू यादव परिवार का कब्जा
सीएम डॉ. मोहन 18 जनवरी को बिहार की यात्रा पर जाएंगे। पटना में उनका स्वागत सम्मान समारोह रखा गया है। बिहार की आबादी में 14 प्रतिशत यादव हैं। वर्तमान में आरजेडी, जदयू, कांग्रेस के गठबंधन वाली सरकार है।
बीजेपी लोकसभा (bjp Mission Lok Sabha 2024) चुनाव के लिए बिहार में एमपी के सीएम डॉ. मोहन को मोर्चे पर तैनात करने जा रही है। राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के वोट बैंक में सेंधमारी के लिए डॉ. मोहन को बिहार से बुलावा भेजा गया है।
बिहार में जोरों पर तैयारियां
बिहार बीजेपी के प्रवीण चंद्र राय ने बताया कि मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री के पटना आगमन की तैयारियां तेजी से चल रही है। संभावित कार्यक्रम के मुताबिक एयरपोर्ट पर डॉ. मोहन का गर्मजोशी से स्वागत किया जाएगा। इसके बाद वे सीधे श्रीकृष्ण मेमोरियल हॉल जाएंगे। यहां श्रीकृष्ण चेतना मंच द्वारा आयोजित अभिनंदन कार्यक्रम में उनको सम्मानित किया जाएगा।
इस कार्यक्रम में बिहार के यादव समाज के बड़े नेता और पदाधिकारी भी मौजूद रहेंगे।
जनगणना में 14 फीसदी यदुवंशी
नीतीश सरकार ने बिहार में जातिगत जनगणना कराकर देश में नया मुद्दा छेड़ दिया है। बिहार में जाति जनगणना के बाद देश के हिंदीभाषी राज्यों में भी इसको लेकर चर्चा होने लगी है। इधर बिहार में जातिगत जनगणना के आंकड़े पिछले साल जारी किए थे।
सरकार की रिपोर्ट के मुताबिक बिहार में अत्यंत पिछड़ा वर्ग 36%, अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) 27% है। सबसे ज्यादा 14.26% यादव हैं। ब्राह्मण 3.65%, राजपूत (ठाकुर) 3.45% हैं। सबसे कम संख्या 0.60% कायस्थों की है। बिहार की जनसंख्या 13 करोड़ 7 लाख 25 हजार 310 है। इसमें 2 करोड़ 83 लाख 44 हजार 160 परिवार हैं। अनुसूचित जाति 19.65%, अनुसूचित जनजाति 1.68% और सामान्य वर्ग 15.52% है।
इस आंकड़े के जारी होने के बाद देश में जातिगत जनणना की मांग बढ़ने लगी है।
यूपी से भी सीएम यादव को बुलावा
(bjp Mission Lok Sabha 2024) एमपी के सीएम डॉ. मोहन यादव को बिहार के बाद अब उत्तर प्रदेश से भी कार्यक्रमों के आमंत्रण मिलना शुरू हो गए हैं।
बताया जा रहा है कि मुख्यमंत्री की लगातार व्यवस्तताओं के चलते उन्होंने यूपी जाने का प्रोग्राम नहीं बनाया है। जानकारी मिली है कि जल्द ही लखनऊ या झांसी में जल्द ही सीएम का स्वागत समारोह आयोजित किया जा सकता है।
यूपी में 20 प्रतिशत यादव
(bjp Mission Lok Sabha 2024) 80 लोकसभा सीटों पर उत्तर प्रदेश में CSDS के आंकड़ों के मुताबिक, ओबीसी जातियों में यादवों की आबादी कुल 20% है, जबकि राज्य की आबादी में यादवों की हिस्सेदारी 11 फीसदी है।
आपको बता दें कि यही वोटर समाजवादी पार्टी का परंपरागत वोटर है। मीडिया रिपोर्टों के अनुसार गैर-यादव में ओबीसी जातियों में सबसे ज्यादा कुर्मी-पटेल 10%, कुशवाहा-मौर्या-शाक्य-सैनी 6%, लोध 4%, गडरिया-पाल 3%, कुम्हार/प्रजापति-चौहान 3 %, राजभर 2 और गुर्जर 2% हैं।
सरकारी तौर पर जातीय आधार पर कोई आधिकारिक आंकड़ा मौजूद नहीं है, लेकिन अनुमान के मुताबिक, यूपी में 52 प्रतिशत ओबीसी वोट बैंक है। इस ओबीसी समाज में 79 जातियां हैं, जिनमें सबसे ज्यादा यादव और दूसरे नंबर कुर्मी समुदाय है।
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