भोपाल। MP Cabinet Expansion: मध्यप्रदेश में डॉ. मोहन यादव सरकार का पहला मंत्रिमंडल विस्तार हो गया है। सोमवार को राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने 28 मंत्रियों को पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई। इसमें 18 कैबिनेट, 6 स्वतंत्र प्रभार और 4 राज्य मंत्रियों ने शपथ ली।
सीएम डॉ. मोहन यादव और दोनों डिप्टी सीएम जगदीश देवड़ा और राजेंद्र शुक्ल राजभवन में मौजूद है। मोहन यादव के शपथ ग्रहण समारोह (MP Cabinet Expansion) के 12 दिन बाद सोमवार को मंत्रिमंडल का विस्तार किया गया। मोहन कैबिनेट में क्षेत्रीय और जातिगत समीकरणों को साधा गया है। शपथ ग्रहण समारोह में सीएम मोहन यादव के साथ केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया भी मौजूद रहे।
इन्होंने ली कैबिनेट मंंत्री पद की शपथ
1 -प्रह्लाद पटेल- ओबीसी वर्ग
जबलपुर संभाग से आने वाले प्रहलाद पटेल की गिनती बीजेपी के दिग्गज नेताओं में होती है। प्रहलाद पटेल को मोहन कैबिनेट में जगह दी गई है। मोदी सरकार के तीन विभागों के मंत्री रहे हैं। वो मध्यप्रदेश में बीजेपी के उन चंद नेताओं में शामिल हैं जो चार-चार लोकसभा सीटों से चुनाव लड़ चुके हैं। 2023 के विधानसभा चुनाव में उन्होंने 1 लाख से ज्यादा वोटों से जीत दर्ज की थी। प्रहलाद ने कांग्रेस के लक्ष्मण सिंह को हराया था। ओबीसी वर्ग से आने वाले प्रहलाद पटेल ने ग्रेजुएशन किया है। प्रहलाद पटेल जबलपुर संभाग के कद्दावर नेता माने जाते हैं।
2 -प्रदुम्न सिंह तोमर (ग्वालियर चंबल संभाग) – सामान्य वर्ग
केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के समर्थक माने जाने वाले प्रद्युम्न सिंह तोमर को भी मोहन कैबिनेट में जगह मिली है। सामान्य वर्ग से ताल्लुक रखने वाले तोमर ग्वालियर चंबल संभाग से आते हैं। 2023 में हुए चुनाव में उन्होंने अपने निकटतम प्रत्याशी कांग्रेस के सुनील शर्मा को 19 हजार वोटों से हराया था। तोमर शिवराज सरकार में भी मंत्री रहे।
प्रद्युम्न सिंह तोमर ज्योतिरादित्य सिंधिया के कट्टर समर्थक कहे जाते हैं। वो कई बार खुद को सिंधिया परिवार का सेवक भी बता चुके हैं। माधवराव और ज्योतिरादित्य की सार्वजनिक चरण वंदना तक करते देखे गए हैं। प्रधुम्न सिंह तोमर ने 1984 में छात्र राजनीति शुरू की थी। 1984 में माधवराव सिंधिया ने ग्वालियर लोकसभा से चुनाव लड़ा, तो प्रधुम्न ने युवा छात्र नेता के तौर पर प्रचार की कमान संभाली थी।
3 -गोविंद सिंह राजपूत- (सागर संभाग)- सामान्य वर्ग
2008 से लेकर 2023 तक पांच चुनाव (एक उपचुनाव) जीतने वाले गोविंद सिंह राजपूत को इस बार भी मध्यप्रदेश मंत्रिमंडल में जगह मिली है। सागर संभाग से ताल्लुक रखने वाले गोविंद सिंह राजपूत कट्टर सिंधिया समर्थक हैं। सामान्य वर्ग से आने वाले गोविंद सिंह राजपूत ने सिंधिया के साथ बीजेपी छोड़ी थी। उपचुनाव के बाद उन्होंने 2023 विधानसभा चुनाव में भी बड़ी जीत दर्ज की थी। उन्हें सागर संभाग से मंत्री बनाया गया है।
4 -तुलसी सिलावट (इंदौर संभाग)- एससी वर्ग
SC वर्ग से आने वाले तुलसी सिलावट को एक बार फिर मंत्री बनाया गया है। वो शिवराज सरकार में भी मंत्री रहे। कट्टर सिंधिया समर्थक माने जाने वाले तुलसी सिलावट को 2018 के विधानसभा चुनाव में सांवेर सीट से बीजेपी उम्मीदवार राजेश सोनकर को हराया था। इसके बाद वे सिंधिया गुट के साथ हो लिए और कांग्रेस को छोड़कर बीजेपी में शामिल हो गए।
2020 में उपचुनाव हुआ और सिलावट ने बीजेपी उम्मीदवार के रूप में ताल ठोंकी। उन्होंने कांग्रेस प्रत्याशी प्रेमचंद्र गुड्डू को चुनाव में हरा दिया। वह 53 हजार वोटों से चुनाव जीते थे। 2023 में भी उन्होंने 50 हजार से ज्यादा वोटों से जीत हासिल की। कांग्रेस की महिला कैंडिडेट रीना बौरासी को सिलावट ने बुरी तरह हराया था। शिक्षा की बात करें तो तुलसी सिलावट ने MA और LLB की डिग्री हासिल की है।
5 -ऐंदल सिंह कंसाना (ग्वालियर चंबल संभाग)- ओबीसी वर्ग
ऐंदल सिंह कंसाना मुरैना जिले की सुमावली विधानसभा सीट से चुनाव जीते थे। कंसाना ने 16 हजार वोट से BSP के कुलदीप सिकरवार को हराया था। आपको बता दें कि बीजेपी ने 2023 में ऐंदल सिंह कंसाना पर फिर से भरोसा जताया था। दलबदल के वक्त यह सीट उस वक्त काफी चर्चा में आई थी जब वर्तमान विधायक एंदल सिंह कंसाना कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में चले गए, लेकिन सिंधिया समर्थक नेता बीजेपी में जाने के बाद उपचुनाव हार गए थे। मोहन कैबिनेट में ऐंदल सिंह कंसाना को मंत्री बनाया गया है। ऐंदल सिंह कंसाना ने 10वीं तक पढ़ाई की है।
6 – नारायण सिंह कुशवाहा (ग्वालियर चंबल संभाग)- ओबीसी वर्ग
ग्वालियर दक्षिण से चुनाव जीतने वाले नारायण सिंह कुशवाह को भी मंत्री बनाया गया है। उन्होंने इस चुनाव में 80 हजार से ज्यादा वोटों से जीत दर्ज की थी। कुशवाह ने कांग्रेस के मौजूद विधायक प्रवीण पाठक को हराया था। उन्होंने 12वीं कक्षा तक पढ़ाई की है।
7 -विजय शाह- एसटी वर्ग हुआ
विजय शाह खंडवा जिले की हरसूद विधानसभा से विधायक हैं। उन्होंने अपने प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस प्रत्याशी सुखराम सालवे को 50 हजार से अधिक वोटों से हराकर लगातार आठवीं बार विधानसभा चुनाव जीता था। उन्हें मोहन कैबिनेट में जगह मिली है। एसटी वर्ग से आने वाले विजय शाह ने पोस्ट ग्रेजुएशन किया है। शाह शिवराज सरकार में भी मंत्री रह चुके हैं।
8 -राकेश सिंह- सामान्य वर्ग
बीजेपी के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष और जबलपुर से सांसद रहे राकेश सिंह को भी मोहन कैबिनेट में शामिल किया गया है। सांसद राकेश सिंह को टिकट मिलने के बाद यह कयास लगाए जा रहे थे कि वे इस चुनाव में हार भी सकते है क्योंकि संसद सदस्य के नाते वे सभी 8 विधान सभा के नेता थे और पश्चिम सीट पर ज्यादा सक्रिय नहीं थे। हालांकि इन सबके बावजूद उन्होंने यहां से बड़ी जीत हासिल की। राकेश सिंह ग्रेजुएट हैं। कांग्रेस के पूर्व वित्त मंत्री और कद्दावर नेता तरुण भनोत को उन्होंने 30 हजार 134 वोटों से पटखनी दी थी।
9 -कैलाश विजयवर्गीय- सामान्य वर्ग
कैलाश विजयवर्गीय – बीजेपी महासचिव और इंदौर-1 से कांग्रेस के संजय शुक्ला को चुनाव हराने वाले कैलाश विजयवर्गीय को भी मध्यप्रदेश के मंत्रिमंडल में शामिल किया गया है। विजयवर्गीय का नाम सीएम पद की दौड़ में भी चल रहा। विजयवर्गीय ने ग्रेजुएट तक की पढ़ाई की है और वो इंदौर संभाग से आते हैं। बीजेपी ने मध्य प्रदेश चुनाव को लेकर अपनी दूसरी सूची जब जारी की थी तो लोग चौंक गये थे. इस लिस्ट में एक नाम पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय का भी था।
सीएम बनने की रेस में शामिल कैलाश विजयवर्गीय को मंत्री बनाया गया है। कैलाश विजयवर्गीय का इंदौर में खासा दबदबा है। वो प्रदेश की पूर्ववर्ती सरकार में लोक निर्माण विभाग जैसे महत्वपूर्ण पद संभाल चुके हैं। बाद में उन्हें पश्चिम बंगाल का प्रभारी बनाकर भेजा गया था। अपने 35 साल के पॉलिटिकल करियर में कैलाश इंदौर की 4 अलग अलग सीटों से चुनाव लड़ चुके हैं और हर बार जीते भी हैं। इस बार बीजेपी ने सबको चौंकाते हुए उन्हें इंदौर 1 से चुनाव में उतारा और वो कांग्रेस के हैविवेट प्रत्याशी संजय शुक्ला को हराकर 57 हजार 719 वोट से जीते थे।
10- करण सिंह वर्मा- ओबीसी वर्ग
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के गृह जिले सीहोर की इछावर विधानसभा से 8वीं बार जीत दर्ज करने वाले विधायक करण सिंह वर्मा जीत के मामले में, सीएम शिवराज से दो कदम आगे हैं। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने जहां बुधनी विधानसभा से 6 बार जीत दर्ज की है, तो वहीं करण सिंह वर्मा ने इछावर विधानसभा से आठवीं बार जीत दर्ज कर विधानसभा पहुंचे। ओबीसी वर्ग से आने वाले करण सिंह वर्मा को भोपाल संभाग से मंत्री बनाया गया है।
11- संपतिया उईके- एसटी वर्ग
मंडला सीट से विधानसभा चुनाव जीतने वालीं संपतिया उइके को मंत्री बनाया गया है। एसटी वर्ग से आने वाली उईके जबलपुर संभाग हैं। उन्होंने कांग्रेस के डॉ. अशोक मर्सकोले को हराया था।
12-राव उदय प्रताप सिंह- (ओबीसी वर्ग)
राव उदय प्रताप सिंह- लाइमलाइट से दूर रहने वाले होशंगाबाद के सांसद उदय प्रताप सिंह को भी बीजेपी ने इस विधानसभा चुनाव में टिकट दिया था। नरसिंहपुर जिले के गाडरवारा से उन्होंने बड़ी जीत हासिल की। उन्होंने कांग्रेस की विधायक सुनीता पटेल को चुनाव हराया था।
होशंगाबाद संभाग से ताल्लुक रखने वाले राव उदय प्रताप सिंह ओबीसी समुदाय से आते हैं। चुनावी जीत ने के बाद ही ये माना जा रहा था कि, उन्हें मंत्री बनाया जा सकता है। ग्रेजुएशन की डिग्री हासिल करने वाले उदय प्रताप सिंह ने 2019 के लोकसभा चुनाव में भी रिकॉर्ड वोटों से जीत हासिल की थी।
13-निर्मला भूरिया (इंदौर संभाग) एसटी वर्ग
निर्मला भूरिया झाबुआ की पेटलावद सीट से विधायक हैं, उन्होंने कांग्रेस के वेलसिंह मेड़ा को हराया था। निर्मला भूरिया एसटी वर्ग से आती हैं। निर्मला भूरिया पूर्व सांसद स्वर्गीय दिलीप सिंह भूरिया की बेटी हैं। जून 2015 में सांसद रहते हुए ही दिलीप सिंह भूरिया का निधन हो गया था। फिर भाजपा ने लोकसभा सीट के लिए निर्मला भूरिया को अपना उम्मीदवार बनाया था। हालांकि,से इस चुनाव में उन्हें सफलता नहीं मिली और हार का सामना करना पड़ा था.
14-विश्वास सारंग (भोपाल संभाग) सामान्य वर्ग
नरेला विधानसभा क्षेत्र के विधायक विश्वास सारंग ने इस बार चुनाव में कांग्रेस के मनोज शुक्ला को 23151 वोटों के अंतर से हराया है। सारंग तीसरी बार मंत्री बने हैं। विश्वास सारंग का जन्म 29 दिसम्बर 1971 को भोपाल में हुआ था। मंत्री विश्वास सारंग की शिक्षा स्टैण्डर्ड पब्लिक स्कूल लखेरापुरा, भोपाल से हुई है, जहां उन्होंने बारहवीं की परीक्षा उत्तीर्ण की। इसके बाद मंत्री विश्वास सारंग ने गोंदिया जिले के M.I.E.T. महाविद्यालय से बी.ई. (सिविल इंजीनियरिंग) की उपाधि प्राप्त की। वे 2008 से भोपाल के नरेला से मध्यप्रदेश विधानसभा के पहले एवं वर्तमान विधायक हैं। सारंग ने 2013 से 2018 तक मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के अधीन मध्यप्रदेश के कैबिनेट मंत्री के रूप में काम किया है।
15-इंदर सिंह परमार (उज्जैन संभाग)- सामान्य वर्ग
शिवराज सरकार में मंत्री रहे इंदर सिंह परमार को इस बार भी मध्यप्रदेश के मंत्रिमंडल में जगह मिली है। शाजापुर जिले की शुजालपुर विधान सभा सीट से विधायक इंदर सिंह परमार ने कांग्रेस के रामवीर सिंह सिकरवार को हराया था। इंदर सिंह परमार ने ग्रेजुएशन तक पढ़ाई की है। एक साल पहले वे तब चर्चा पाए थे जब उनकी बहू ने फांसी लगा ली थी। परमार पहली बार विधानसभा चुनाव 2013 में कालापीपल से विधायक चुने गए थे। परमार पहली बार विधानसभा चुनाव 2013 में कालापीपल से विधायक चुने गए थे। वो सामान्य वर्ग से आते हैं।
16-नागर सिंह चौहान (इंदौर संभाग)- एसटी वर्ग
अलीराजपुर सीट से बीजेपी विधायक नागर सिंह चौहान ने 80 हजार वोटों से जीत दर्ज की थी। ग्रेजुएशन तक पढ़ाई करने वाले चौहान इंदौर संभाग से आते हैं। नागर सिंह चौहान ने 2003 भाजपा से विधानसभा में जीत हासिल की थी। 2008 व 2013 में लगातार जीत कर हैट्रिक बनाई थी। इसके बाद वर्तमान विधायक मुकेश पटेल ने 2018 में उनका विजय रथ रोका था। भारतीय जनता पार्टी ने फिर नागरसिंह चौहान पर भरोसा जताते हुए आगामी 2023 के विधानसभा चुनाव के लिए प्रत्याशी घोषित किया था।
17-चैतन्य कश्यप (उज्जैन संभाग)- सामान्य वर्ग
रतलाम विधानसभा सीट से विधायक चैतन्य कश्यप को भी मोहन मंत्रिमंडल में जगह मिली है। चैतन्य ने कांग्रेस के उम्मीदवार पारस सकलेचा को 60 हजार वोटों से हराया था। उन्हें उज्जैन संभाग से मंत्री बनाया गया है। चैतन्य कश्यप का नाम तब बेहद चर्चा में आया था जब उनके हलफनामे को देखकर यह साफ हुआ कि वह मध्य प्रदेश के सबसे अमीर उम्मीदवार हैं। नॉमिनेशन के दौरान जमा कराए गए ऐफिडेविट के मुताबिक, इनकी कुल संपत्ति 296.08 करोड़ रुपये है।
18-राकेश शुक्ला (ग्वालियर चंबल) – सामान्य वर्ग
भिंड जिले की मेहगांव विधानसभा सीट से बीजेपी विधायक को मध्यप्रदेश के मंत्रिमंडल में जगह मिली है। उन्होंने कांग्रेस के राहुल सिंह भदौरिया को 20 हजार वोटों से हराया था। (ग्वालियर चंबल) संभाग से आने वाले राकेश शुक्ला ने ग्रेजुएशन किया है। राकेश शुक्ला सामान्य वर्ग से आते हैं।
ये बने राज्यमंत्री
19–राधा सिंह (रीवा संभाग)- एसटी वर्ग
मध्य प्रदेश की चितरंगी सीट विधानसभा चुनाव जीतने वालीं राधा सिंह को राज्यमंत्री बनाया गया है। आदिवासी वर्ग से आने वालीं राधा सिंह ने 1 लाख वोटों से बड़ी जीत दर्ज की थी। राधा सिंह ने पोस्ट ग्रेजुएशन की डिग्री हासिल की है। उन्होंने कांग्रेस नेता माणिक सिंह को इस चुनाव में हराया था।
20-प्रतिमा बागरी(रीवा संभाग)- एससी वर्ग
SC वर्ग से आने वालीं प्रतिमा बागरी ने रैगांव सीट से चुनाव जीता था। उन्होंने कांग्रेस की कल्पना वर्गा को 36 हजार वोटों से हराया था। प्रतिमा बागरी को राज्यमंत्री बनाया गया है। उन्होंने ग्रेजुएशन तक पढ़ाई की है। मध्यप्रदेश मंत्रिमंडल में उन्हें राज्यमंत्री के पद से नवाजा गया है।
21-दिलीप अहिरवार (सागर संभाग)- एससी वर्ग
छतरपुर की चंदला विधानसभा सीट से विधायक दिलीप अहिरवार ने कांग्रेस के अनुरागी हरप्रसाद को हराया था। वो 30 हजार से ज्यादा वोटों से यहां से चुनाव जीते थे। सागर संभाग से आने वाले दिलीप अहिरवार को राज्यमंत्री बनाया गया है। दिलीप अहरिवार ने 10वीं तक पढ़ाई की है।
22-नरेन्द्र शिवाजी पटेल (भोपाल संभाग)- ओबीसी वर्ग
उदयपुरा रायसेन से विधानसभा चुनाव जीतने वाले नरेंद्र शिवाजी पटेल को राज्यमंत्री बनाया गया है। भोपाल संभाग से आने वाले नरेंद्र शिवाजी पटेल ने ग्रेजुएशन किया है। ओबीसी वर्ग से आने वाले नरेंद्र ने उदयपुरा सीट से करीब 12 हजार वोटों से जीत दर्ज की थी। उन्होंने कांग्रेस के देवेंद्र सिंह पटेल को हराया था।
इन्हें बनाया गया राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार)
23-कृष्णा गौर (भोपाल संभाग) – ओबीसी वर्ग
कृष्णा गौर पूर्व सीएम बाबूलाल गौर की बहू हैं। इस बार के चुनाव में गोविंदपुरा सीट से चुनाव जीती हैं। कृष्णा गौर ने अपने निकटतम प्रत्याशी गिरीश शर्मा जो कांग्रेस के उम्मीदवार थे उनको 46359 वोटों के अंतर से हराया।
कृष्णा गौर का जन्म 26 सितंबर 1967 को इन्दौर के प्रतिष्ठित व परंपरागत भारतीय परिवार में हुआ था। गौर ने इंदौर विश्वविद्यालय से प्रथम श्रेणी में एमए किया है। उनका विवाह मध्यप्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री बाबूलाल गौर के पुत्र पुरूषोत्तम गौर के साथ हुआ था। 2005 में गौर को मध्य प्रदेश राज्य पर्यटन निगम का अध्यक्ष नियुक्त किया गया। वह भोपाल की महापौर भी रह चुकी हैं। गौर पहली बार मध्यप्रदेश की मंत्री बनीं हैं।
24-धर्मेंद्र लोधी (सागर संभाग)- (ओबीसी वर्ग)
दमोह की जबेरा विधानसभा सीट से चुनाव जीतने वाले धर्मेंद्र लोधी ने कांग्रेस के प्रताप सिंह लोधी को हराया था। सागर संभाग से आने वाले धर्मेंद्र लोधी को मोहन कैबिनेट में राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार ) दिया गया है। उन्होंने पोस्ट ग्रेजुएट तक पढ़ाई की है।
25-दिलीप जायसवाल (शहडोल संभाग)- (ओबीसी वर्ग)
अनूपपुर की कोतमा विधानसभा सीट से बीजेपी विधायक दिलीप जायसवाल को राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार ) दिया गया है। इस चुनाव में उन्होंने कांग्रेस के सुनील सराफ को 20 हजार से ज्यादा वोटों से शिकस्त दी थी। शहडोल संभाग से आने वाले दिलीप जायसवाल ने 12वीं कक्षा तक पढ़ाई की है।
26-गौतम टेटवाल (भोपाल संभाग)- एससी वर्ग
राजगढ़ जिले की सारंगपुर विधानसभा सीट से चुनाव जीतने वाले भोपाल संभाग से आते हैं। गौतम टेटवाल ने कांग्रेस की कला महेश मालवीय को हराया था। राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) बनाए गए टेटवाल ने ग्रेजुएशन तक पढ़ाई की है।
27- लखन पटेल (सागर संभाग)- (ओबीसी वर्ग)
दमोह की पथरिया विधानसभा सीट से चुनाव जीतने वाले लखन पटेल ने पोस्ट ग्रेजुएशन किया है। लखन पटेल सागर संभाग से आते हैं। पथरिया विधानसभा सीट से उन्होंने कांग्रेस के राव बृजेंद्र सिंह को 18 हजरा से ज्यादा वोटों से चुनाव हराया था। लखन पटेल को राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) बनाया गया है।
28- नारायण पवार (भोपाल संभाग)- (ओबीसी वर्ग)
नारायण सिंह पवार राजगढ़ की ब्यावरा विधानसभा से विधायक हैं। उन्होंने कांग्रेस प्रत्यारशी पुरुषोत्तम दांगी को 36 हजार मतों से चुनाव हराया था।
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