Bhind Municipality Scam FIR: मध्य प्रदेश के शहर भिंड की नगर पालिका में कर्मकार मंडल और संबल योजना में हुए भ्रष्टाचार के मामले में शनिवार शाम को सिटी कोतवाली पुलिस ने 2 पूर्व सीएमओ सहित 6 कर्मचारियों के खिलाफ एफआईआर (FIR) दर्ज की है।
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— Bansal News (@BansalNewsMPCG) November 10, 2024
इन धाराओं में केस दर्ज
मध्य प्रदेश शासन के श्रम विभाग द्वारा संचालित मध्य प्रदेश भवन एवं कर्मकार मंडल और संबल योजना के तहत साल 2021 से 2024 तक वित्तीय अनियमितताओं के मामले में, जिसमें गलत तरीके से (Municipality Scam FIR) आवेदकों/हितग्राहियों के नाम पर शासन की धनराशि का दुरुपयोग कर लाभ लिया गया था।
मीडिया रिपोर्ट की मानें तो सिटी कोतवाली पुलिस ने नगर पालिका सीएमओ यशवंत वर्मा की शिकायत पर 6 कर्मचारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। इसमें राजेंद्र सिंह चौहान (सहायक ग्रेड थ्री), राधेश्याम राजौरिया (एआरआई), शिवनाथ सिंह सेगर (सेवानिवृत्त एआरआई), अशोक जाटव (सेवानिवृत्त एआरआई), पूर्व सीएमओ सुरेंद्र शर्मा (Municipality Scam FIR) और पूर्व सीएमओ वीरेंद्र तिवारी शामिल हैं। इनके खिलाफ धारा 409, 420, 467, 468, 120B के तहत केस दर्ज किया गया है।
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फरियादी ने दी जानकारी
मीडिया रिपोर्ट की मानें तो फरियादी और नपा सीएमओ यशवंत वर्मा ने पुलिस को बताया कि कर्मकार मंडल और संबल योजना के तहत साल 2021-2024 तक आवेदकों/हितग्राहियों के भवन निर्माण के लिए स्वीकृत राशि के मामले में कूटरचित बैंक खाता खोला गया और वास्तविक हितग्राहियों को भुगतान नहीं किया गया, बल्कि (Municipality Scam FIR) अन्य व्यक्तियों को राशि जारी की गई।
इस वित्तीय अनियमितता के संबंध में जिला परियोजना समन्वयक जिला शिक्षा केंद्र और कलेक्टर की जांच रिपोर्ट के आधार पर आरोपियों को दोषी पाया गया।
आरोपितों द्वारा कुल 3 करोड़ 4 लाख रुपए का गबन किया गया है। इस मामले में नपा के पूर्व सहायक राजस्व निरीक्षक राघवेंद्र मिश्रा का भी नाम था, लेकिन उनका निधन हो चुका है।
यशवंत वर्मा ने दर्ज कराई FIR
नपा सीएमओ यशवंत वर्मा ने कर्मकार मंडल और संबल योजना (Bhind Municipality Scam FIR) में हुए भ्रष्टाचार के मामले में कार्रवाई करने के लिए नपा कर्मचारियों बृजेंद्र बघेल और शेर सिंह बघेल को नियुक्त किया था, ताकि वे आरोपितों पर केस दर्ज कराने में सहयोग कर सकें।
हालांकि, जब एफआईआर दर्ज कराने की बारी आई, तो दोनों कर्मचारी केस दर्ज कराने से मुकर गए। इसके बाद नपा प्रतिनिधि मंडल के सदस्य नपा सीएमओ के बंगले पहुंचे। इसके बाद सीएमओ यशवंत वर्मा ने स्वयं सिटी कोतवाली जाकर आरोपितों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई।
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