भोपाल. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि प्रदेश में बाढ़ प्रभावित लोगों की तत्परता से सहायता की जा रही है। प्रभावित क्षेत्रों में राहत के प्रयासों को अंजाम दिया गया है। रेस्क्यू ऑपरेशन के माध्यम से करीब 10 हजार लोगों को सुरक्षित कर दिया गया है। किसी की जान का नुकसान नहीं होने दिया गया है। नौकाएं भी लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाने के लिए सक्रिय हैं। वायुसेना के तीन हेलीकाप्टर कार्य कर रहे हैं। एनडीआरएफ के चार दल सक्रिय रूप से कार्य कर रहे हैं। भोपाल कमिश्नर सहित अन्य अधिकारी भोपाल संभाग के बाढ़ प्रभावित इलाकों की निरंतर निगरानी कर रहे हैं। राहत के प्रयासों में कोई कसर नहीं छोड़ी जाएगी।
जिलों में सतत् जारी है रेस्क्यू ऑपरेशन
मुख्यमंत्री ने बताया कि होशंगाबाद जिले के वालावेट ग्राम में एक परिवार मूसलाधार बारिश के बाद संकट की स्थिति में आ गया था। इस परिवार को बोट की माध्यम से निकाला गया। परिवार में दो दुधमुंहे बच्चों सहित पांच लोग बाढ़ में फंसे थे। सभी को सुरक्षित निकाला गया। इस तरह के प्रयास छिंदवाड़ा, बालाघाट, सीहोर, देवास, सिवनी, रायसेन जिलों में भी किए गए हैं। सीहोर जिले के सोमलवाड़ा से परिवारों को एयरलिफ्ट कर शाहगंज पहुंचाया गया।
रातभर जागकर मुख्यमंत्री ने की मॉनिटरिंग
पिछले दो दिन में प्रदेश के 12 जिलों के बाढ़ प्रभावित ग्रामों से 7 हजार से अधिक व्यक्ति बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों से बाहर निकाले जा चुके हैं। मुख्यमंत्री निवास में भी नियंत्रण कक्ष स्थापित कर निगरानी रखी जा रही है। मुख्यमंत्री ने शनिवार और रविवार की मध्यरात्रि सतत् मॉनिटरिंग भी की। प्रदेश के करीब 400 ग्राम बाढ़ से प्रभावित हैं। आवश्यकतानुसार सेना का सहयोग भी लिया जा रहा है।
करीब 10 हजार लोग राहत शिविरों में
मुख्यमंत्री ने बताया कि नर्मदांचल के कुछ हिस्सों में 20 वर्ष पूर्व हुई अतिवर्षा का रिकॉर्ड टूटा है। प्रदेश में 170 राहत शिविर लगाए गए जहां करीब 9300 लोग रह रहे हैं। अनेक स्थानों पर कोरोना के संकट को देखते हुए स्क्रीनिंग की व्यवस्था भी की गई। मुख्यमंत्री ने बताया कि प्रदेश में बाढ़ की स्थिति को देखते हुए प्रभावित क्षेत्रों में आवश्यक राहत कार्य संचालित किए जा रहे हैं। बचाव दल सक्रिय हैं। प्रदेश में जान का नुकसान नहीं होने दिया गया है। मुख्यमंत्री ने बताया कि वर्ष 1999 की बाढ़ का रिकॉर्ड टूटा है।
प्रधानमंत्री मोदी को भी दी जानकारी
मुख्यमंत्री ने बताया कि प्रदेश के बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों की स्थिति के संबंध में प्रधानमंत्री मोदी को अवगत करवाया गया है। पूर्व में रक्षा मंत्री को भी जानकारी दी गई। मुख्यमंत्री ने बताया कि प्रदेश के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में राहत पहुंचाने में कोई कसर नहीं छोड़ी जाएगी। मुख्यमंत्री ने बताया कि अतिवर्षा, बाढ़ पर निरंतर नजर रखी जा रही है। युद्धस्तर पर आपदा राहत के कार्य चल रहे हैं। कहीं भी किसी की जान का नुकसान नहीं हुआ है।
कच्चे मकानों से निकलकर स्वयं को करें सुरक्षित
मुख्यमंत्री ने आमजन से अपील की कि वे पानी से घिरे स्थानों पर रहने की जिद न करते हुए प्रशासन जब निकलने का कहे तो सावधानी रखते हुए तुरंत अन्य स्थान पर या राहत शिविर में शिफ्ट होने में सहयोग करें। बेहतर से बेहतर व्यवस्थाएं की जा रही हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि कच्चे मकान भारी बारिश नहीं सह पाते। ऐसे मकानों को खाली करवाने की कार्रवाई भी हो रही है। कोई कसर नहीं छोड़ी जाएगी। मुख्यमंत्री ने स्वैच्छिक संगठनों से भी आग्रह किया है कि सहयोग का हाथ बढ़ाएं। बाढ़ प्रभावित लोगों को भोजन वस्त्र और अन्य सहायता प्रदान करने में सहयोग करें। कच्चे मकानों में रहने वालों को दुर्घटना से बचाने के लिए अन्य स्थान पर शिफ्ट होने का परामर्श दिया गया है।
राजस्व पुस्तक परिपत्र के प्रावधानों का देंगे पूरा लाभ
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि राजस्व पुस्तक परिपत्र (आरबीसी-6-4) के राहत के समस्त प्रावधानों का लाभ किसानों को दिया जाएगा। अतिवर्षा से उत्पन्न स्थिति का सर्वे कर आकलन किया जाएगा। फसलों की वास्तविक स्थिति की जानकारी प्राप्त कर पात्रतानुसार पूरी सहायता दी जाएगी। किसानों को बीमा योजना का लाभ दिलवाने की प्रक्रिया भी चल रही है।
सेना की सहायता से किया गया एअरलिफ्ट
मुख्यमंत्री चौहान ने बताया कि बालाघाट जिले में बाढ़ प्रभावित ग्राम कुलमी के तीन लोगों को एयरलिफ्ट किया गया है। छिंदवाड़ा जिले में भारतीय वायुसेना की सहायता से 29 अगस्त को 6 लोगों को बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों से निकाला गया। होशंगाबाद जिले के कुछ गांवों बांद्राभान आदि में आर्मी और एनडीआरएफ की टीम बाढ़ प्रभावित लोगों को बाहर निकालने के लिए प्रयास कर रही है। होशंगाबाद जिले में दो कंपनी तैनात की गई हैं। सीहोर जिले में अभी भी कुछ गांव बाढ़ से घिरे हुए हैं। प्रशासन लगातार उनके संपर्क में बना हुआ है। जरूरत पड़ी तो एनडीआरएफ की टीम के साथ आर्मी के जवान प्रभावित लोगों की मदद करेंगे। सेना द्वारा की टीम नसरुल्लागंज और शाहगंज को बेस बनाकर आसपास के लोगों की मदद करेगी।
नागरिकों की सजगता महत्वपूर्ण
मुख्यमंत्री चौहान ने बताया कि एक राहत की बात यह है कि बारिश अभी कहीं-कहीं थमी है, बांधों से भी डिस्चार्ज थोड़ा कम हुआ है और नर्मदा जी का जलस्तर धीरे-धीरे कम होना प्रारंभ हुआ है। लेकिन हमें सावधान रहने की आवश्यकता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि अतिवर्षा की स्थिति में नागरिकों की सजगता मायने रखती है। स्वयं की सुरक्षा के लिए सभी सजग, सतर्क रहें, यह आवश्यक है। उन्होंने बाढ़ से घिरे गांवों के बहनों और भाइयों से अपील की है कि प्रशासन के कहने पर कृपया बाहर जरूर निकल जाएं।
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मुख्यमंत्री ने कहा कि मेरा आग्रह है प्रशासन निकलने का कहे तो तुरंत निकलना है। अभी भी बारिश हो सकती है। डैम भरे हुए हैं। ऐसी स्थिति में फिर बाढ़ की स्थिति बन सकती है। इस कारण सावधानी रखना बहुत जरूरी है। कोरोना काल में भी राहत शिविरों में यथासंभव बेहतर से बेहतर व्यवस्था का प्रयास किया जा रहा है जो जन सहयोग से सफल होगा। मुख्यमंत्री ने जनता के सहयोग के लिए समाजसेवी संस्थाओं और समाजसेवियों से अपील की है कि बाढ़ प्रभावितों को राहत पहुंचाने में अधिकतम सहयोग करें।
सराहनीय कार्य के लिए जवानों की प्रशंसा
मुख्यमंत्री ने होशंगाबाद जिले में होमगार्ड और एसडीईआरएफ के जवानों की सराहनीय कार्य के लिए प्रशंसा की। मुख्यमंत्री ने कहा कि जिला प्रशासन के स्टाफ, राजस्व विभाग के स्टाफ, जिला पुलिस बल, सामाजिक संगठनों के पदाधिकारियों ने भी बाढ़ प्रभावित लोगों की मदद की है। अन्य जिलों से भी मानवता के पक्ष में इस तरह के कार्यों की जानकारी प्राप्त हो रही है।