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MP में नया टाइगर रिजर्व जल्द: ग्वालियर-चंबल में माधव नेशनल पार्क को मिलेगा टाइगर रिजर्व का दर्जा, 9वां टाइगर रिजर्व होगा

MP Tiger Reserve: माधव टाइगर रिजर्व के लिए औपचारिकताएं पूरी हो चुकी हैं। यह एमपी का 9वां टाइगर रिजर्व पार्क होगा।

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Kushagra valuskar
MP में नया टाइगर रिजर्व जल्द: ग्वालियर-चंबल में माधव नेशनल पार्क को मिलेगा टाइगर रिजर्व का दर्जा, 9वां टाइगर रिजर्व होगा

MP Tiger Reserve: मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने बड़ी खुशखबरी दी है। उन्होंने कहा कि राज्य में एक और टाइगर रिजर्व पार्क बनने जा रहा है। उन्होंने कहा, 'प्रदेश में एक नया टाइगर अभयारण्य बनने जा रहा है।' माधव टाइगर रिजर्व के लिए औपचारिकताएं पूरी हो चुकी हैं। यह एमपी का 9वां टाइगर रिजर्व पार्क होगा।

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सीएम मोहन यादव ने कहा कि हमने कूनो नेशनल पार्क में पांच चीते छोड़े हैं। उनमें से 3 का जन्म एमपी में हुआ है। उन्होंने कहा कि पहले छोड़े गए चीते न सिर्फ शिकार कर रहे हैं, बल्कि जंगल में कुशलता से विचरण कर रहे हैं। प्रकृति और संतुलन की अनमोल झलक राज्य में देखने को मिल रही है।

पिछले टाइगर रिजर्व प्रस्ताव को दी थी मंजूरी

पिछले साल, राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण की तकनीकी समिति ने शिवपुरी के माधव राष्ट्रीय उद्यान को एमपी के 9वें टाइगर रिजर्व के रूप में घोषित करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी थी। NTCA की तकनीकी समिति ने प्रस्तावित बाघ अभयारण्य के कोर क्षेत्र को 375 वर्ग किमी, बफर क्षेत्र को 1276 वर्ग किमी और कुल क्षेत्रफल को 1751 वर्ग किमी निर्धारित किया है।

समिति ने इस राष्ट्रीय उद्यान में एक नर और एक मादा बाघ को छोड़ने की भी मंजूरी दी है। सीएम यादव के निर्देश पर राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण को माधव नेशनल पार्क को टाइगर रिजर्व घोषित करने के लिए प्रस्ताव भेजा गया था।

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देशभर के टाइगर रिजर्व में बाघों की गणना शुरू

एमपी के टाइगर रिजर्व में बाघों की चौथे चरण की गणना शुरू हो गई है। इस गणना के आंकड़े भारत सरकार को भेजे जाएंगे। इन आंकड़ों के आधार पर वर्ष 2026 के लिए बाघ गणना के आधिकारिक आंकड़े तैयार किए जाएंगे।

बाघ गणना के आंकड़े जारी होने से पहले एक बार फिर से बाघों की गिनती की जाएगी। इस दौरान वन मंडलों में मौजूद बाघों की भी गणना की जाएगी। बाघ गणना 2026 के आंकड़े जुलाई 2027 में जारी किए जाएंगे।

हर चार साल में जारी होते हैं आंकड़े

देशभर के वनक्षेत्र और टाइगर रिजर्व में मौजूद बाघों के आंकड़े हर चार साल में केंद्र सरकार के वन एवं पर्यावरण मंत्रालय द्वारा जारी किए जाते हैं। पिछली बाघ गणना में प्रदेश में देश के सबसे ज्यादा 785 टाइगर पाए गए थे। बाघों को संरक्षित करने के लिए वर्ष 1973 में केंद्र सरकार ने प्रोजेक्ट टाइगर शुरू किया था।

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प्रदेश स्तर पर होती है वार्षिक गणना

प्रदेश स्तर पर बाघों की गिनती टाइगर रिजर्व में हर साल की जाती है। इसी के तहत मध्य प्रदेश के सभी टाइगर रिजर्व में बाघों की गिनती शुरू हो गई है। बाघों की गणना के यह आंकड़े केंद्र सरकार को भेजे जाएंगे। माना जा रहा है कि अगली बाघ गणना में मध्य प्रदेश में बाघों की संख्या में और इजाफा हो सकता है।

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