Guwahati: जहां देश में दो बड़े धार्मिक कॉरिडोर काशी विश्वनाथ और महाकाल कॉरिडोर का निर्माण पहले ही हो चुका है। इन कॉरिडोरों की तर्ज पर असम की राजधानी गुवाहाटी में मां कामाख्या कॉरिडोर बनेगा। असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने कामाख्या कॉरिडोर का प्रतीकात्मक वीडियो शेयर किया है। यानी वीडियो के माध्यम से दिखाया गया है कि आने वाले कुछ समय के बाद मां कामाख्या कॉरिडोर कैसा दिखेगा।
सीएम बिस्वा सरमा ने 18 अप्रैल को ट्वीट कर एक वीडियो शेयर किया था। यह शक्तिपीठ का वीडियो था, जिस पर देश और दुनिया के लाखों लोगों की आस्था है। वीडियो शेयर करते हुए मुख्यमंत्री डॉ. हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा, “मैं जीर्णोद्धार किए गए मान कामाख्या कॉरिडोर की एक झलक शेयर कर रहा हूं, जो निकट भविष्य में ऐसा दिखेगा। ‘
জয় মা কামাখ্যা |
Sharing a glimpse of how the renovated Maa Kamakhya corridor will look like in the near future . #NewIndia pic.twitter.com/XP0swh2i3l
— Himanta Biswa Sarma (@himantabiswa) April 18, 2023
51 शक्तिपीठों में सबसे पवित्र
माँ कामाख्या या कामेश्वरी इच्छा की प्रसिद्ध देवी हैं, जिनका प्रसिद्ध मंदिर राजधानी गुवाहाटी के पश्चिमी भाग में नीलाचल पर्वत के बीचो-बीच स्थित है। मां कामाख्या मंदिर को पृथ्वी पर 51 शक्तिपीठों में सबसे पवित्र और सबसे पुराना माना जाता है। यह शक्तिशाली तांत्रिक शक्ति पंथ का केंद्र है जो भारत में काफी फेमस है।
कामाख्या मंदिर परिसर में हैं कई मंदिर
नीलाचल पर्वत के इस हिस्से में मुख्य मंदिर मां कामाख्या का है लेकिन परिसर में और भी कई मंदिर हैं। ‘माँ कामाख्या’ के मुख्य मंदिर के अलावा, कामाख्या (अर्थात मातंगी और कमल के साथ त्रिपुर सौंदर्य), काली, तारा, भुवनेश्वरी, बगलामुखी, छिन्नमस्ता, भैरवी, धूमावती, दसमहाविद्या (देवता के दस अवतार) मंदिर हैं।
दूसरी ओर, नीलाचल पहाड़ी के चारों ओर शिव के पाँच मंदिर हैं, कामेश्वर, सिद्धेश्वर, केदारेश्वर, अमरटोकेश्वर, अघोरा और कौटिलिंग, जिन्हें कामाख्या मंदिर परिसर भी कहा जाता है। ऐसे में कहा जा सकता है कि न केवल मां कामाख्या मंदिर का स्वरूप बदलेगा, बल्कि अन्य सभी मंदिरों को भी नया रूप मिलेगा।
इतने अनमोल इतिहास वाली मां का यह सिद्ध धाम जल्द ही नए और भव्य रूप में नजर आएगा। अंत में बताते चलें कि PM नरेंद्र मोदी ने नॉर्थ-ईस्ट में चुनाव प्रचार के दौरान मां कामाख्या कॉरिडोर का ऐलान किया था।
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