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Lung Cancer Symptoms: फेफड़ों के कैंसर के 7 शुरुआती लक्षण, खांसी से लेकर आवाज़ बदलना भी हो सकता है संकेत।

फेफड़ों के कैंसर के शुरुआती लक्षणों में खांसी, सीने में दर्द, खून की खांसी, सांस फूलना और वजन कम होना शामिल है। इन संकेतों को इग्नोर करना खतरनाक हो सकता है।

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Bansal news
Lung Cancer Symptoms: फेफड़ों के कैंसर के 7 शुरुआती लक्षण, खांसी से लेकर आवाज़ बदलना भी हो सकता है संकेत।

Lung Cancer Symptoms: फेफड़ों का कैंसर (Lung Cancer) दुनिया भर में तेजी से बढ़ रही स्वास्थ्य समस्याओं में से एक है। ज्यादातर लोग इसके शुरुआती संकेतों को इग्नोर कर देते हैं और यही बड़ी गलती साबित होती है। आइए जानते हैं वे शुरुआती लक्षण जो इस बीमारी की चेतावनी हो सकते हैं।

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कैसे होती है फेफड़ों के कैंसर की शुरुआत?

फेफड़ों का कैंसर तब शुरू होता है जब असामान्य सेल्स लगातार बढ़ते जाते हैं और उन पर नियंत्रण नहीं हो पाता। यह बीमारी ज्यादातर श्वसन नली से शुरू होती है और धीरे-धीरे फेफड़ों के अन्य हिस्सों तक फैलने लगती है। शुरुआती स्टेज पर इसकी पहचान करना काफी मुश्किल होता है। इसका इलाज सर्जरी, कीमोथेरेपी, रेडिएशन और इम्यूनोथेरेपी जैसी प्रक्रियाओं के जरिए किया जाता है।

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फेफड़ों के कैंसर के शुरुआती लक्षण

कैंसर का समय रहते पता लगना बेहद जरूरी है, वरना इलाज जटिल हो सकता है। इस बीमारी के शुरुआती संकेतों में यह लक्षण शामिल है।

बार-बार खांसी आना

अगर खांसी 1–2 हफ्तों से ज्यादा समय तक लगातार बनी रहती है तो यह फेफड़ों के कैंसर का संकेत हो सकता है।

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सीने में दर्द

दवाइयां लेने के बाद भी अगर सीने का दर्द ठीक नहीं हो रहा है तो यह गंभीर समस्या का लक्षण हो सकता है।

खून की खांसी

खांसी या मुंह से खून आना फेफड़ों के कैंसर का स्पष्ट चेतावनी संकेत माना जाता है।

सांस फूलना

हल्का काम करने पर, थोड़ा चलने पर या बिना वजह सांस फूलना भी इस बीमारी का लक्षण है।

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आवाज़ में बदलाव

अगर आवाज़ भारी हो गई है, कमजोर हो गई है या बोलने में हवा का दबाव महसूस हो रहा है तो यह श्वसन नली में रुकावट और कैंसर का संकेत हो सकता है।

निगलने में परेशानी

खाना निगलने में तकलीफ होना फेफड़ों की समस्या का एक और चेतावनी संकेत है।

वजन कम होना और सूजन

अचानक वजन गिरना, हर समय थकान रहना और चेहरे, गर्दन या गले पर सूजन आना फेफड़ों के कैंसर की ओर इशारा कर सकता है।

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किन लोगों को खतरा ज़्यादा है?

धूम्रपान करने वाले लोगों को फेफड़ों के कैंसर का खतरा सबसे अधिक होता है। यही खतरा उन लोगों में भी बना रहता है जिन्होंने धूम्रपान छोड़ दिया हो लेकिन पहले स्मोकिंग करते रहे हों। इसके अलावा, ऐसे लोग जो सैकंड हैंड स्मोक यानी दूसरों के धुएं के संपर्क में रहते हैं, उन्हें भी यह बीमारी हो सकती है। परिवारिक इतिहास वाले व्यक्तियों, यानी जिनके परिवार में पहले किसी को फेफड़ों का कैंसर रहा हो, उनमें भी यह रिस्क बढ़ जाता है। प्रदूषण वाले इलाकों में रहने वाले लोगों को भी इस बीमारी का खतरा ज्यादा होता है।

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डॉक्टर को कब दिखाना चाहिए?

अगर खांसी लगातार 2 हफ्तों से ज्यादा समय तक बनी रहती है, खून की खांसी शुरू हो जाती है या बिना कारण सांस फूलने लगे, तो इसे सामान्य समस्या समझने की गलती नहीं करनी चाहिए। अचानक वजन कम होना और चेहरे या गले पर सूजन दिखना भी ऐसे संकेत हैं जिन पर तुरंत डॉक्टर से परामर्श लेना जरूरी है।

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फेफड़ों के कैंसर से बचाव का सबसे अच्छा तरीका है इसके शुरुआती लक्षणों को पहचानना और तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना।

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