हाइलाइट्स
- 7 सितंबर को लगेगा साल 2025 का आखिरी चंद्र ग्रहण
- ग्रहण और भोजन से जुड़े अंधविश्वास का सच जानें
- साइंस के अनुसार ग्रहण का सेहत और खाने पर कोई असर नहीं
Chandra Grahan Myth vs Fact 2025: साल 2025 का दूसरा आखिरी चंद्र ग्रहण 7 सितंबर को लग रहा है। भारतीय समयानुसार यह ग्रहण रात 9 बजकर 58 मिनट पर शुरू होगा और अगली सुबह 1 बजकर 26 मिनट पर खत्म होगा। चंद्र ग्रहण (Lunar Eclipse) एक दुर्लभ खगोलीय घटना है, जिसे लोग उत्सुकता से देखते हैं। लेकिन इसके साथ ही समाज में कई तरह के अंधविश्वास और मान्यताएं जुड़ी हुई हैं। खासतौर पर यह सवाल अक्सर उठता है कि ग्रहण के समय खाना बनाना या खाना क्या सेहत के लिए हानिकारक होता है? आइए जानते हैं इसके पीछे की सच्चाई।
ग्रहण और गर्भवती महिलाओं से जुड़ा अंधविश्वास
मान्यता है कि ग्रहण के दौरान गर्भवती महिला अगर बाहर निकलती है तो बच्चे पर दाग या निशान पड़ता है। लेकिन विज्ञान कहता है कि यह सिर्फ मिथक है। बच्चे की शारीरिक बनावट डीएनए और विकास प्रक्रिया से तय होती है, ग्रहण से नहीं।
क्या खाना जहरीला हो जाता है?
अक्सर कहा जाता है कि ग्रहण के समय खाना बनाना या खाना जहरीला हो जाता है। लेकिन वैज्ञानिक दृष्टि से ग्रहण का भोजन पर कोई असर नहीं पड़ता। पहले के समय फ्रिज और सामान को ठंडा रखने का साधन नहीं था, इसलिए लोग खाने को जल्दी खराब होने से बचाने के लिए precaution लेते थे। यही वजह है कि यह अंधविश्वास फैल गया।
क्या आंखों पर असर डालता है ग्रहण?
लोग मानते हैं कि ग्रहण देखने से आंखें खराब हो जाती हैं। दरअसल, यह सूर्य ग्रहण (Solar Eclipse) पर लागू होता है। बिना सुरक्षा चश्मे के सूर्य ग्रहण देखने से आंखों को नुकसान हो सकता है। लेकिन चंद्र ग्रहण (Lunar Eclipse) पूरी तरह सुरक्षित है और इसे नंगी आंखों से भी देखा जा सकता है।
पानी, पौधे और घर पर असर
कुछ लोग मानते हैं कि ग्रहण के दौरान घर का पानी और पौधे दूषित हो जाते हैं। वैज्ञानिक रूप से इसका कोई प्रमाण नहीं है। ग्रहण का जल, पौधों या घरेलू वस्तुओं पर कोई असर नहीं पड़ता।
पूजा-पाठ और स्नान से क्या बचना चाहिए?
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार ग्रहण काल में पूजा-पाठ या स्नान से बचना चाहिए। हालांकि विज्ञान की दृष्टि से ग्रहण का इंसानी कर्मों या धार्मिक गतिविधियों से कोई लेना-देना नहीं है।
क्या ग्रहण आपदाएं लाता है?
कुछ लोग मानते हैं कि ग्रहण के दौरान भूकंप, बाढ़ या अन्य प्राकृतिक आपदाएं आती हैं। लेकिन यह सिर्फ अंधविश्वास है। ग्रहण एक खगोलीय घटना है, जिसका प्राकृतिक आपदाओं से कोई सीधा संबंध नहीं होता।
सेहत पर ग्रहण का असर
अक्सर लोग कहते हैं कि ग्रहण के दौरान शरीर पर बुरा असर होता है। विज्ञान मानता है कि इसका कारण डर और मान्यता है, न कि ग्रहण। इसे placebo effect कहा जाता है। यानी जब व्यक्ति किसी चीज पर विश्वास करता है, तो सिर्फ उस विश्वास के कारण उसे असर महसूस होता है, भले ही असल में कोई बदलाव न हुआ हो।
चंद्रग्रहण लगता क्यों है?
चंद्रग्रहण तब होता है जब पृथ्वी सूर्य और चंद्रमा के बीच में आ जाती है, जिससे पृथ्वी की छाया चंद्रमा पर पड़ती है। यह खगोलीय घटना केवल पूर्णिमा की रात को हो सकती है, जब सूर्य, पृथ्वी और चंद्रमा एक सीधी रेखा में होते हैं। पृथ्वी की छाया दो भागों में होती है, गहरी छाया (umbra) और हल्की छाया (penumbra)। जब चंद्रमा पूरी तरह या आंशिक रूप से पृथ्वी की गहरी छाया में प्रवेश करता है, तो चंद्रग्रहण होता है, जिसके कारण चंद्रमा का रंग लाल या गहरा हो सकता है।
FAQs
Q. क्या चंद्र ग्रहण के समय खाना खाना हानिकारक होता है?
नहीं, वैज्ञानिक दृष्टि से चंद्र ग्रहण का भोजन पर कोई असर नहीं होता। यह सिर्फ एक मिथक है।
Q. क्या गर्भवती महिलाओं को ग्रहण के दौरान सावधानी बरतनी चाहिए?
साइंस के अनुसार गर्भवती महिलाओं और शिशु पर ग्रहण का कोई असर नहीं पड़ता। यह केवल अंधविश्वास है।
Q. क्या चंद्र ग्रहण नंगी आंखों से देखा जा सकता है?
हां, चंद्र ग्रहण पूरी तरह सुरक्षित है और इसे बिना किसी विशेष उपकरण के नंगी आंखों से भी देखा जा सकता है।
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