हाइलाइट्स
- PWD की महिला कर्मचारियों ने ठेकेदार पर उत्पीड़न का आरोप लगाया।
- आशीष दीक्षित पर सोशल मीडिया से बदनाम करने का भी आरोप।
- एसोसिएशन ने दीक्षित के प्रवेश पर रोक और FIR की मांग की।
Lucknow PWD Employee Harassment: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ स्थित लोक निर्माण विभाग (PWD) मुख्यालय में कार्यरत महिला कर्मचारियों ने एक ठेकेदार के खिलाफ गंभीर आरोप लगाते हुए सुरक्षा की मांग की है। आरोपी आशीष दीक्षित, विभाग से जुड़ा ठेकेदार बताया जा रहा है। वह कथित रूप से बिना किसी रोक-टोक के PWD मुख्यालय में आता-जाता है। अधिकारियों के साथ बैठकों में भी शामिल होता है।
मानसिक उत्पीड़न, अभद्र भाषा और धमकी के आरोप
PWD की महिला कर्मचारियों द्वारा सामूहिक रूप से हस्ताक्षरित शिकायती पत्र में आरोप लगाया गया है कि आशीष दीक्षित न केवल अभद्र टिप्पणियां करता है, बल्कि सोशल मीडिया के माध्यम से महिला कर्मचारियों को बदनाम करने की कोशिश करता है। इतना ही नहीं, जब कर्मचारी उसके अनुचित व्यवहार की अनदेखी करते हैं, तो वह उच्च अधिकारियों से संबंधों की धमकी देकर उन्हें स्थानांतरित कराने की बात करता है।
महिला कर्मियों ने यह भी आरोप लगाया है कि आशीष दीक्षित विभागीय गोपनीय दस्तावेजों को भी हासिल करने का प्रयास करता है और जब उसे टोक दिया जाता है, तो वह शासकीय कार्य में बाधा डालता है। आशीष दीक्षित द्वारा कार्यालयों में घंटों बैठकर माहौल को असहज बना देने की बात भी सामने आई है।
संगठन ने उठाई आवाज
PWD के मिनिस्टीरियल एसोसिएशन के प्रदेश महामंत्री मनीष कुमार शुक्ला ने इस गंभीर मुद्दे को लेकर प्रमुख सचिव, लोक निर्माण विभाग को पत्र लिखते हुए तत्काल कानूनी कार्रवाई और मुख्यालय परिसर में आशीष दीक्षित के प्रवेश पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने की मांग की है।
शुक्ला ने यह भी कहा कि आशीष दीक्षित की गतिविधियां केवल महिला कर्मचारियों की गरिमा पर हमला नहीं हैं, बल्कि इससे शासकीय कार्य भी बाधित हो रहा है। उन्होंने दीक्षित के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की सुसंगत धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज कराने के लिए पुलिस को भी पत्र भेजा है।
पहले भी मिल चुकी हैं शिकायतें
यह पहला मामला नहीं है। इससे पूर्व भी 12 अप्रैल 2025 को अभिषेक नामक व्यक्ति द्वारा दी गई शिकायत में दीक्षित पर फर्जी दस्तावेजों के आधार पर कार्य कराने, छींटाकशी करने और बदनाम करने जैसे संगीन आरोप लगाए जा चुके हैं। इस पर 19 अप्रैल को ही एसोसिएशन ने विभागीय अधिकारियों से दीक्षित के प्रवेश पर रोक लगाने का अनुरोध किया था।
क्या कहता है विभाग?
फिलहाल विभाग की ओर से कोई स्पष्ट कार्रवाई सामने नहीं आई है। लेकिन कर्मचारी संगठनों ने चेताया है कि यदि जल्द प्रभावी कदम नहीं उठाए गए, तो यह मुद्दा और विकराल रूप ले सकता है।
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