हाइलाइट्स
- लखनऊ में गरीब रथ ट्रेन पलटाने की बड़ी साजिश नाकाम।
- रेलवे ट्रैक पर रखा गया 6 इंच मोटा और 2.5 लंबा लकड़ी का टुकड़ा।
- जांच में जुटी RPF और पुलिस की टीमें।
Lucknow Garib Rath Express derail conspicracy: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में एक बार फिर ट्रेन को पटरी से उतारने की साजिश सामने आई है। रेलवे ट्रैक पर शरारती तत्वों ने ढाई फीट लंबा और 6 इंच मोटा लकड़ी का टुकड़ा रख दिया। रहीमाबाद और दिलावर नगर रेलवे स्टेशन के बीच सहरसा-आनंद विहार गरीब रथ एक्सप्रेस (05577) को निशाना बनाने की कोशिश की गई थी।
इस ट्रेन को पलटाने की कोशिश बुधवार तड़के करीब 2:43 बजे की गई। जब ट्रैक पर करीब ढाई फीट लंबा और छह इंच मोटा लकड़ी का टुकड़ा रख दिया गया। गनीमत रही कि इससे पहले इसी मार्ग से गुज़र रही काशी विश्वनाथ एक्सप्रेस के ड्राइवर ने समय रहते लकड़ी को देख लिया था। ड्राइवर ने घटना की जानकारी रहीमाबाद स्टेशन मास्टर ओम प्रकाश को दी। उनकी तत्परता के चलते गरीब रथ को मलिहाबाद स्टेशन पर रोक दिया गया, जिससे एक बड़ा हादसा टल गया।
घटनास्थल से मिला सबूत
घटना की सूचना मिलने पर मौके पर पहुंचे रेलवे कर्मचारी राजेश रंजन को खंभा नंबर 1109/9-11 के पास लकड़ी का टुकड़ा मिला, जिस पर पीला गमछा रखा था और ‘राम नाम’ लिखा हुआ था। पास में आम की हरी टहनियां भी पड़ी मिलीं। यह घटना किसी बड़ी साजिश की ओर इशारा कर रही है।
RPF ने दर्ज किया मुकदमा, जांच में जुटी टीमें
आरपीएफ इंस्पेक्टर हुकुम सिंह और कर्मचारी राजेश रंजन की तहरीर पर रहीमाबाद थाने में अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है। आरपीएफ और यूपी पुलिस की संयुक्त टीम अब इस मामले की जांच कर रही है। डीसीपी पश्चिम विश्वजीत श्रीवास्तव ने बताया कि घटनास्थल के आसपास के रास्तों के सीसीटीवी फुटेज खंगाले जा रहे हैं और संदिग्धों की पहचान की जा रही है।
रेलवे प्रशासन की तत्परता से टला हादसा
उत्तर मध्य रेलवे मुरादाबाद मंडल के जनसंपर्क अधिकारी अभिषेक दीक्षित ने बताया कि जैसे ही घटना की जानकारी मिली, रेलवे की टीम तुरंत मौके पर पहुंची और ट्रैक से लकड़ी व टहनियां हटाई गईं। घटना के कारण चार ट्रेनों की आवाजाही प्रभावित हुई, लेकिन स्थिति को जल्द ही नियंत्रण में ले लिया गया।
यूपी में पहले भी हो चुकी हैं ऐसी घटनाएं
छह महीने पहले – लखनऊ
मलिहाबाद और काकोरी के बीच ट्रेन को पटरी से उतारने की कोशिश हुई थी। ट्रैक पर दो फीट लंबा और छह किलो वजनी लकड़ी का टुकड़ा व पत्थर रखा गया था, जिससे ट्रेन का एक्सल टूट गया था।
एक महीना पहले – हरदोई
दून एक्सप्रेस के ट्रैक पर नट-बोल्ट और पत्थर रख दिए गए थे। लोको पायलट ने ब्रेक लगाकर ट्रेन रोकी, दो संदिग्ध युवकों को आरपीएफ के हवाले किया गया।
तीन महीने पहले – बरेली
ट्रैक पर पत्थर रखकर ट्रेन को पलटाने की कोशिश की गई थी। इंजन से टकराकर पत्थर टूट गए, लेकिन बड़ा हादसा टल गया।
कानपुर – बर्राजपुर रेलवे स्टेशन
ट्रैक पर सिलेंडर रखे जाने और धमकी भरे पत्र की घटना सामने आई थी। मामले की जांच में ATS भी शामिल हुई थी।
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