Lok Sabha Election 2024: लोकसभा चुनाव 2024 के दूसरे चरण के मतदान पूरे हो चुके हैं। इस बार वोटर्स में चुनाव के प्रति उत्साह पिछली बार से कम देखने को मिला है। हालांकि दूसरे चरण के चुनाव के दौरान युवाओं में इसके लिए अधिक जोश भी देखा गया है।
मगर पिछली तीन लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Election 2024) में वोटिंग से इस बार हुई कम वोटिंग का फायदा किस पार्टी के लिए फायदे का काम करेगा तो वहीं किस पार्टी को इससे भारी नुकसान हो सकता है। चलिए जानते हैं इस खबर के माध्यम से।
2014 और 2019 में वोटिंग प्रतिशत
2024 के वोटिंग प्रतिशत को बेहतर तरीके से समझने के लिए पहले हमें मध्यप्रदेश लोकसभा चुनाव 2014 (Lok Sabha Election 2024) और 2019 के वोटिंग प्रतिशत को समझना पड़ेगा। पहले 2014 और 2019 की छह लोकसभा सीटों की बात करें तो, 2014 में रीवा में 53.74, सतना 62.63, खजुराहो 51.36, दमोह 55.33, टीकमगढ़ 50.16 और होशंगाबाद में 65.80 प्रतिशत वोटिंग हुई थीं।
जिसका औसत प्रतिशत 56.50 रहा था। जबकि 2019 में इन्हीं 6 सीटों पर 67.65 प्रतिशत वोटिंग रही थी। 2019 में सबसे ज्यादा वोटिंग होशंगाबाद (74.19%) में हुई थी, तो वहीं सबसे कम वोटिंग प्रतिशत रीवा (60.33%) का था।
कैसा रहा 2024 का हाल
26 अप्रैल को मध्यप्रदेश की 6 सीटों पर लोकसभा (Lok Sabha Election 2024) के दूसरे चरण की वोटिंग हुई थी। इस बार शाम 6 बजे तक 58.59 प्रतिशत लोगों ने अपने मतदान का उपयोग किया था। बता दें कि इन 6 सीटों पर कुल 1 करोड़ 11 लाख 62 हजार 460 मतदाता है।
जिसके बावजूद इन 6 सीटों पर सिर्फ 58.59 वोटिंग ही हो पाई। 2019 के मुकाबले इस बार की वोटिंग प्रतिशत देखी जाएगी तो जहां 2019 में 67.65 प्रतिशत वोटिंग हुई थी।
जिसके बाद देखा जाए तो इस बार 9.05 प्रतिशत वोटिंग कम हुई है। हालांकि 2014 के मुकाबले इस बार की वोटिंग प्रतिशत बेहतर रही और इस बार 2.09 प्रतिशत वोटिंग एक्स्ट्रा रही थी।
लोकसभा और विधानसभा चुनाव के आंकड़े
दूसरे चरण की वोटिंग खत्म होने के बाद शाम 6 बजे तक चुनाव आयोग ने आंकड़े जारी किए हैं। जिसके मुताबिक इस बार रीवा में सबसे कम 49.44 फीसदी मतदान हुई है।
पिछले 10 लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Election 2024) की तुलना में इस बार देखा जाए तो 10 प्रतिशत वोटिंग कम हुई है, तो वहीं 2023 में हुए विधानसभा चुनाव में रीवा में 18 फीसदी ज्यादा वोटिंग हुई थी।
6 सीटों पर हुए चुनाव में होशंगाबाद के वोटर्स ने बाजी मारी और 67.16 फीसदी मतदान किए गए। जबकि वहीं 2019 में 74.19 फीसदी वोट डाले गए थे।
मगर इस बार पिछली बार की तुलना में 7 फीसदी कम वोट डाले गए हैं। इस आंकड़े की तुलना विधानसभा चुनाव से की जाए तो इस बार होशंगाबाद में वोटिंग 17 फीसदी कम हुई है। बता दें कि इस लोकसभा सीट से प्रदेश सरकार में 3 मंत्री हैं।
रीवा और होशंगाबाद के बाद खजुराहो लोकसभा सीट की बात करें तो इस सीट से बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा चुनाव लड़ रहे हैं।
इस सीट पर भी विधानसभा चुनाव की तुलना में कम वोटिंग हुई है। 2023 के विधानसभा में इसी सीट पर 12 फीसदी ज्यादा वोटिंग हुई थी। जबकि लोकसभा में इस सीट पर सिर्फ 56.91 प्रतिशत लोगों ने वोट किया है।
क्या कहते हैं राजनीतिक पंडित
राजनीतिक पंडितों की मानें तो 2014 के मुकाबले 2019 के लोकसभा चुनाव में वोटिंग बढ़ने का सीधा फायदा भारतीय जनता पार्टी को मिला था।
बीजेपी ने इन सीटों पर बड़े मार्जिन से परचम लहराया था। मगर इस बार कम वोटिंग प्रतिशत ने कांग्रेस और बीजेपी के लिए खतरे की घंटी बजा दी है।
6 सीटों का पूरा हाल
रीवा- रीवा लोकसभा सीट से दो बार के सांसद जनार्दन मिश्रा भारतीय जनता पार्टी की टिकट से चुनाव लड़ रहे हैं, तो वहीं कांग्रेस ने रीवा सीट पर नीलम अभय मिश्रा को मैदान में उतारा है।
पिछली दो लोकसभा चुनाव में यहां से जनार्दन मिश्रा ने बाजी मारी हैं। बता दें कि 2019 में इस सीट पर 60 फीसदी से ज्यादा वोटिंग हुई थी। जिसमें बीजेपी के जनार्दन मिश्रा ने 3 लाख से भी ज्यादा वोटों से जीत दर्ज की थी।
खजुराहो का भी बुरा हाल
रीवा के बाद खजुराहो लोकसभा सीट (Lok Sabha Election 2024) की बात करें तो यहां से भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा चुनावी मैदान में हैं। खजुराहो में कुल 8 विधानसभा सीटे हैं और सभी पर भारतीय जनता पार्टी ने कब्जा कर रखा है।
लेकिन इस बार पिछले लोकसभा चुनाव के मुकाबले 11 फीसदी कम मतदान हुआ है। जबकि विधानसभा में यहां पर 74 फीसदी मतदान हुआ था। जबकि इस बार लोकसभा चुनाव में 56.82 फीसदी वोटिंग हुई है।
विधानसभा के मुकाबले इस बार लोकसभा में 17.32 फीसदी वोटिंग कम हुई है। बीजेपी के कब्जे वाली कटनी जिले के तीन विधानसभा क्षेत्र मुडवारा, विजयरागगढ़ और बोहरीबंद में 19, 21 और 27 फीसदी कम मतदान हुआ है।
सतना लोकसभा का हाल
सतना लोकसभा (Lok Sabha Election 2024) में भी इस बार पिछले चुनाव से 12 फीसदी कम वोटिंग देखने को मिली है। लेकिन इस सीट पर कांग्रेस के कब्जे वाले सतना विधानसभा क्षेत्र में बाकी विधानसभा क्षत्रों के मुकाबले 10 फीसदी कम मतदान हुआ है।
यहां से भाजपा के गणेश सिंह औ कांग्रेस के सिद्धार्थ कुशवाह प्रत्याशी हैं। 2019 के लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Election 2024) में यहां 70.71 फीसदी मतदान हुआ थ। जिसपर बीजेपी के गणेश सिंह 2 लाख से ज्यादा वोटों से जीते थे।
मगर इस बार सतना की जनता बदलाव की ओर बढ़ती हुई दिखाई दे रही है। जबकि कम वोटिंग प्रतिशत का असर सीधे-सीधे बीजेपी पर पड़ता हुआ दिखाई दे रहा है।
कांग्रेस ने पिछले तीन चुनाव यहां से हर बार एक नया चेहरा उतारा है, लेकिन जीत एक बार भी नहीं मिली। अब देखना यह होगा कि क्या इस बार सतना लोकसभा सीट से जनता कांग्रेस प्रत्याशी सिद्धार्थ कुशवाह को जीताती है या नहीं।
टीकमगढ़ में 6 फीसदी कम वोट
टीकमगढ़ सीट से इस बार भारतीय जनता पार्टी ने डॉ. वीरेंद्र कुमार का उम्मीदवार बनाया है। तो वहीं कांग्रेस ने सतना की तरह ही यहां भी हर बार नया प्रत्याशी चुनावी मैदान में उतारा है।
इस बार कांग्रेस ने पंकज अहिरवार को टिकट दिया है। हालांकि पिछले तीन चुनाव से यहां डॉ. वीरेंद्र कुमार का कब्जा रहा है। बता दें कि इस बार इस सीट पर भी कम वोटिंग देखने को मिली है।
हालांकि इस बार कम वोटिंग का असर वीरेंद्र कुमार की सीट पर पड़ सकता है। उम्मीद की जा रही है कि इस बार टीकमगढ़ से कांग्रेस से पंकज अहिरवार बड़ा खेला कर सकते हैं।
2019 लोकसभा चुनाव में यहां पर 66.58 प्रतिशत वोटिंग हुई थी। जबकि 2024 लोकसभा चुनाव में यहां पर 58.64 फीसदी वोट डाले हैं। जबकि 2023 विधानसभा चुनाव में 76.53 फीसदी वोट डाले गए थे। इस सीट पर कम वोटिंग के कारण इसका सीधा फायदा कांग्रेस के पक्ष में जा सकता है।
दमोह सीट पर भी वोटिंग कटी
दमोह सीट पर भी वोटिंग फीसदी में गिरावट आई है। दमोह से इस बार भारतीय जनता पार्टी ने राहुल लोधी को मैदान में उतारा है। 2019 लोकसभा चुनाव में इस सीट पर 65.80 फीसदी वोटिंग हुई थी।
जबकि इस बार 56.30 फीसदी वोट डाले गए हैं। वहीं 2023 विधानसभा चुनाव में 77.31 प्रतिशत मतदान हुआ था।
होशंगाबाद सीट में भी गिर वोट
होशंगाबाद में लोकसभा चुनाव 2024 (Lok Sabha Election 2024) में 66.16 प्रतिशत वोट डाले गए हैं। जबकि पिछली बार इस सीट पर 74.24 फीसदी मतदान किया गया था।
जबकि विधानसभा चुनाव 2023 (Lok Sabha Election 2024) में यहां पर 83.23 फीसदी वोट डाले गए थे। बता दें कि इस सीट पर बीजेपी ने दर्शन चौधरी को टिकट दिया है। बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी इस सीट पर चुनावी सभा कर चुके हैं। पीएम मोदी की रैली के बाद माना जा रहा है कि होशंगाबाद सीट पर भारतीय जनता पार्टी भारी एक बार फिर अपना कब्जा कर सकती है।
एमपी के मुख्यमंत्री ने कही यह बात
पिछले लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Election 2024) के मुकाबले इस बार वोटिंग प्रतिशत यकीनन कम देखने को मिला है, लेकिन मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने कहा कि मतदाताओं में भारतीय जनता पार्टी के लिए काफी उत्साह देखा गया है।
पहले और दूसरे चरण की सभी 12 सीटों पर भाजपा जीत रही है। हालांकि सीएम ने यह भी कहा कि शादी ब्याह के कारण वोटिंग थोड़ी कम हुई है, लेकिन बाकी राज्यों के मुकाबले एमी में बेहतर वोटिंग प्रतिशत रहा है।
कांग्रेस की राष्ट्रीय प्रवक्ता ने क्या कहा
कांग्रेस की राष्ट्रीय प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने भी इस बार कम वोटिंग को लेकर बयान देते हुए कहा कि वोटिंग पर्सेंट 1 या 2 फीसदी नहीं बल्कि 8 से 10 फीसदी घटा है।
उन्होंने आगे कहा कि कहीं कही जगह तो मतदान (Lok Sabha Election 2024) में 18 फीसदी तक की कमी आई हैय़ इसका मतलब यह साफ है लोगों के मन में उदासीनता है। लोग सरकार के कामों से भी नाखुश हैं। वोटिंग पर्सेंट कम होता है तो इससे सीधा नुकसान बीजेपी को ज्यादा होता है।
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