अलीगढ़। अपने उच्च गुणवत्ता वाले तालों के लिए मशहूर अलीगढ़ के कारीगरों ने अब हथकड़ी के निर्माण में भी पहचान बनायी है और उनके इस हुनर की देश तथा विदेश में भी मांग बढ़ रही है।ताला बनाने वाले परिवार से आने वाले शुभांक मिश्रा यहां एक ताला निर्माण इकाई संचालित करते हैं।
मिश्रा ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘हर कोई अलीगढ़ को उसके तालों के लिए जानता है, लेकिन शहर उच्च गुणवत्ता वाली हथकड़ी के उत्पादन में समान रूप से योगदान दे रहा है।’’ उन्होंने कहा कि शहर में करीब छह प्रमुख निर्माता हैं जो हथकड़ी बनाने के कारोबार में माहिर हैं। अलीगढ़ के एक अन्य हथकड़ी और ताला निर्माता सुमित अवस्थी ने कहा, ‘‘हथकड़ी मुख्य रूप से दो प्रकार से बनाई जाती है – स्थिर (फिक्स्ड) हथकड़ी और कब्जेदार (हिंज्ड) हथकड़ी।
कलाई के तीन आकारों में बनाए जाते हैं हथकड़ी
कानून प्रवर्तन अधिकारी पारंपरिक रूपथकड़ियों में दो कड़े होते से स्थिर हथकड़ी का उपयोग करते हैं। इन ह हैं जो एक जंजीर से जुड़े होते हैं जिसमें ताला लगा होता है। ये भारी होते हैं और कलाई के तीन आकारों में बनाए जाते हैं।’’ कलाई के तीन आकार में हथकड़ियों के निर्माण की शुरुआत ब्रिटिशों ने की थी और तब से इसमें कोई बदलाव नहीं आया है।
1930 के दशक में शुरू हुआ था हथकड़ियां
अवस्थी ने कहा कि स्थिर हथकड़ियों का निर्माण 1930 के दशक में ही अलीगढ़ में शुरू हो गया था। उन्होंने कहा कि उस समय अंग्रेजों के आदेश पर हथकड़ी बनाई जाती थी। ये हथकड़ी भारी होती हैं और ताला खोलने और बंद करने दोनों के लिए चाबी की आवश्यकता होती है।
ज्यादातर ऑर्डर कब्जेदार हथकड़ी के मिलते हैं
उन्होंने कहा, ‘‘हम अब भी स्थिर हथकड़ी बनाते हैं लेकिन अब ज्यादातर ऑर्डर कब्जेदार हथकड़ी के मिलते हैं। ये हथकड़ी हल्की हैं, विभिन्न कलाई के आकार में फिट हो सकती हैं और केवल इसे खोलने के लिए चाबी की आवश्यकता होती है।’’ अवस्थी ने बताया कि स्थानीय ताला कारीगरों के अनुसार कब्जेदार हथकड़ी का निर्माण 1970 के दशक में अलीगढ़ में शुरू हुआ था। ताला बनाने वालों में से एक के पास इसके डिजाइन और विशेषताओं का अध्ययन करने के लिए इंग्लैंड से एक कब्जेदार हथकड़ी आयी थी।
विदेशों से बड़ी संख्या में हथकड़ी के लिए मिलते हैं ऑर्डर
इसके बाद ही इसका निर्माण शुरू हुआ। अलीगढ़ में निर्माताओं को हथकड़ी के लिए विदेशों से बड़ी संख्या में ऑर्डर मिलते हैं। उन्होंने कहा, ‘‘हथकड़ी के स्थानीय निर्माता इसका भारत के विभिन्न हिस्सों में आपूर्ति करने के अलावा नेपाल, श्रीलंका, नाइजीरिया और मलेशिया जैसे देशों में निर्यात करते हैं।’’पिछले कुछ वर्षों में निर्यात में वृद्धि हुई है लेकिन हथकड़ी निर्माताओं को चीनी कंपनियों से कड़ी प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड़ रहा है, जिनके उत्पाद तुलनात्मक रूप से अलीगढ़ में बने उत्पादों से सस्ते हैं।
निर्माताओं ने ये कहा
निर्माताओं का कहना है कि चीनी हथकड़ी के आयात पर पूर्ण प्रतिबंध लगाकर ही समस्या का समाधान किया जा सकता है। सरकार के हस्तक्षेप के अलावा, निर्माताओं ने भी बिक्री बढ़ाने के प्रयास शुरू कर दिए हैं।अपने परिवार के आधा दश्क पुराने ताला निर्माण कारोबार का हाल में जिम्मा संभालने वाले दिव्यांश गुप्ता (29) ने कहा, ‘‘ज्यादातर निर्माताओं ने खिलौना हथकड़ी का उत्पादन शुरू कर दिया है। ये हथकड़ी चाबी वाले ताले के साथ नहीं आती हैं।
ऑनलाइन बाजार में ऐसी हथकड़ी की मांग बढ़ी
इनमें एक क्लिप होती है जिसका उपयोग इसे खोलने के लिए किया जा सकता है। पिछले कुछ वर्षों में ऑनलाइन बाजार में ऐसी हथकड़ी की मांग बढ़ी है।’’ उन्होंने कहा कि बाजार का विस्तार करने के लिए नए जमाने के निर्माता हथकड़ी के लिए क्लिप, कवर और उसे रखने के विभिन्न विभिन्न प्रकार के सामान भी बना रहे हैं।
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