Bank loan : कई बार देखा जाता है कि लोग लोन तो ले लेते है, लेकिन उसे समय पर चुका नहीं पाते है। ऐसे में लोगों की परेशानियां बढ़ जाती है। अगर आप 91 दिनों तक लोन का पेमेंट नहीं करते है, तो बैंक आपको नोटिस भेज देता है और आपके लोन को नॉन परफॉर्मिंग एसेट की कैटेगिरी में डाल देता है। अगर आपने लोन लेने के लिए कुछ गारंटी लागाई है तो बैंक आपकी उस संपत्ति पर अधिकार जमाने की कोशिश करता है।
Bank Loan: लोन लेने वाले की हो जाए मृत्यु, तो बैंक उसके लोन का निपटारा कैसे करती है?
बैंक के कई अनुरोध के बाद भी अगर लोग लोन का पेमेंट नहीं करते हैं तो बैंक आपको लोन सेटलमेंट (Loan Settlement) का प्रस्ताव भेजती है। जिसमें आपसे बैंक की मूल राशि को भरने और लोन के इंटरेस्ट को माफ करनी की बात कहता है। बैंक इस परिस्थति में लोन (Loan Settlement) का ब्याज, पेनाल्टी, और अन्य चार्ज को पूरी तरह से माफ कर देता है। हालांकि कुछ बैंक मूल राशि में भी राहत देते है। लेकिन ऐसे समय में आपको क्या विकल्प चुनना चाहिए, आइए बताते है।
Bank Loan: लोन लेने वाले की हो जाए मृत्यु, तो बैंक उसके लोन का निपटारा कैसे करती है?
सेटलमेंट यानी लोन क्लोज नहीं! (Loan Settlement)
आर्थिक मामलों के सलाहकार के अनुसार लोन सेटलमेंट (Loan Settlement) करने से उधारकर्ता को रिकवरी एजेंट या एजेंसियों से तो छुटकारा मिल जाता है, भले ही बैंक शर्तो के साथ ड्यू क्लीयर कर दे लेकिन याद रहे लोन सेटलमेंट (Loan Settlement) को कभी लोन क्लोजर समझने की भूल न करें। क्योंकि लोन उस परिस्थति में क्लोज होता है, जब आप लोन की सभी किस्ते चुका देते है।
Bank Loan: लोन लेने वाले की हो जाए मृत्यु, तो बैंक उसके लोन का निपटारा कैसे करती है?
सेटलमेंट से क्या नुकसान (Loan Settlement)
लोन सेटलमेंट (Loan Settlement) यानी उधारकर्ता के पास पैसे नहीं है। लेकिन ऐसे में उधारकर्ता का क्रेडिट स्कोर बेकार हो जाता है। अगर लोन लेने वाला एक से ज्यादा क्रेडिट अकाउंट का सेटलमेंट (Loan Settlement) करता है, तो क्रेडिट स्कोर ज्यादा कम हो सकता है। ऐसे में नुकसान ये होता है कि उधारकर्ता का क्रेडिट स्कोर अगले सात सालों तक बेकार रह सकता है। ऐसे में आप अगले सात सालों तक कोई भी लोन नहीं ले सकते है। वही बैंक आपको ब्लैक लिस्टेड भी कर देता है।
Bank Loan: लोन लेने वाले की हो जाए मृत्यु, तो बैंक उसके लोन का निपटारा कैसे करती है?
ऐसे में क्या करें?
आर्थिक सलाहकारों के अनुसार अगर आपके पास लोन सेटलमेंट (Loan Settlement) के अलावा कोई विकल्प नहीं है, तो आप इस विकल्प को चुन सकते है। लेकिन ऐसी स्थिति में सेटल्ड अकाउंट को क्लोज्ड अकाउंट में बदलने का भी विकल्प होता है। इसमें जब आप आर्थिक रूप से सक्षम हो जाते है, तो आप लोन का चुकता कर सकते है। इसमें आपको पेनाल्टी और अन्य चार्जो से छुट मिलती है। लोन चुकता होने के बाद बैंक से आपको ड्यू पेमेंट का सर्टिफिकेट भी मिलता हैं। इसके बाद बैंक क्रेडिट ब्यूरो को इसकी जानकारी देता और आपका खाता बंद कर दिया जाता है। इससे आपका क्रेडिट स्कोर सुधर जाता है। क्रेडिट स्कोर सुधरने के बाद आप अन्य बैंक से लोन ले सकते है।