नई दिल्ली। RBI ने एक रिपोर्ट जारी किया है। इस रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि भारत में ऑनलाइन या डिजिटल तौर पर लोन की सुविधा देने वाले 600 से भी अधिक मोबाइल अप्लीकेशन फर्जी या अवैध हैं। RBI के वर्किंग ग्रुप ने इस रिपोर्ट को जारी करते हुए लोगों को आगाह किया है ऐसे ऑनलाइन प्लेफॉर्म या मोबाइल ऐप के माध्यम से उधार, लोन या क्रेडिट की सुविधा लेने से बचें।
RBI को इन ऐप के बारे में ऐसे पता चला
बतादें कि ये अवैध ऐप ज्यादातर अनजान लोगों को अपना शिकार बनाते हैं। डिजिटल लोन पर एक विस्तृत रिपोर्ट तैयार करने और सिफारिशों का सुझाव देने के दौरान, RBI के वर्किंग ग्रुप को 1,100 से अधिक लोन या क्रेडिट ऐप के बारे में पता चला था। इन ऐप को इंटरनेट या ऐप स्टोर्स पर, loan, instant loan और quick loan जैसे कीवर्ड के जरिए खोजा जा सकता है। रिपोर्ट के अनुसार, 01 जनवरी 2021 से 28 फरवरी 2021 तक 81 ऐप स्टोर पर इस तरह के ऐप उपलब्ध थे।
लोग अब काफी संख्या में इन ऐप के खिलाफ शिकायत कर रहे हैं
RBI पैनल ने इस बारे में बताया कि जनता द्वारा शिकायतें दर्ज करने के लिए स्टेट लेवल कोऑर्डिनेशन कमेटी (SLCC) के तहत रिजर्व बैंक द्वारा स्थापित एक पोर्टल में लोन देने वाले डिजिटल ऐप के खिलाफ शिकायतों की संख्या में काफी ज्यादा बढ़ोतरी हुई है। पिछले साल जनवरी से लेकर इस साल मार्च के महीने तक 2,562 शिकायतें प्राप्त हो चुकी हैं। जारी हुई रिपोर्ट में यह कहा गया है कि, “ज्यादातर शिकायतें रिजर्व बैंक द्वारा विनियमित संस्थाओं जैसे एनबीएफसी (गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी), अनिगमित निकायों और व्यक्तियों के अलावा अन्य कंपनियों द्वारा उधार देने वाले ऐप्स से संबंधित हैं।”
सबसे ज्यादा शिकायतें महाराष्ट्र से
इन ऐप से संबंधित सबसे ज्यादा शिकायतें महाराष्ट्र से प्राप्त हुई हैं। इसके बाद कर्नाटक, दिल्ली, हरियाणा, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु और गुजरात जैसे राज्यों का नाम आता है। भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा 23 दिसंबर, 2020 को प्रेस रिलीज के बाद, अनधिकृत डिजिटल लोन देने वाले प्लेटफार्मों और मोबाइल ऐप के खिलाफ जनता को आगाह किया गया और ऐसे ऐप्स के खिलाफ शिकायत दर्ज करने के लिए जागरूकता पैदा की गई। दिसंबर 2020 में शिकायतों की तादाद में वृद्धि देखने को मिली। इस दौरान कुल शिकायतों में से 35 फीसद से भी अधिक शिकायतें दिसंबर के महीने में की गई थी।