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Delhi Blast Case News: राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) को दिल्ली के लाल किले के पास 10 नवंबर को हुए कार ब्लास्ट मामले में एक और बड़ी सफलता मिली है। एजेंसी ने इस केस में आतंकी डॉक्टर उमर उन नबी के मददगार सोयब को गिरफ्तार किया है। यह इस मामले में सातवीं गिरफ्तारी है।
NIA की जांच में सामने आया है कि सोयब, जो हरियाणा के फरीदाबाद के धौज इलाके का रहने वाला है, ने ब्लास्ट से कुछ घंटे पहले मुख्य आरोपी उमर को सुरक्षित ठिकाना और लॉजिस्टिकल सपोर्ट प्रदान किया था। इसमें रहने की व्यवस्था, आने-जाने की सुविधा और अन्य जरूरी मदद शामिल थी। अधिकारियों के अनुसार, सोयब उमर का भरोसेमंद सहयोगी था और वारदात को अंजाम देने से पहले उसके लिए शरण उपलब्ध कराता रहा।
10 नवंबर को लाल किला क्षेत्र में हुए इस कार विस्फोट में कई लोगों की मौत हुई थी और कई घायल हुए थे। विस्फोट के बाद तुरंत ही मामले की जांच NIA को सौंप दी गई थी। तब से एजेंसी ने सुरागों की तलाश में देश के कई राज्यों में छापेमारी की है और अब तक उमर के छह अन्य करीबी सहयोगियों को गिरफ्तार किया जा चुका है।
NIA की टीम अब उमर के नेटवर्क और फंडिंग चैनलों की जांच कर रही है, ताकि इस आतंकी साजिश की पूरी कड़ी सामने आ सके। एजेंसी इस ब्लास्ट को एक आत्मघाती हमले के रूप में देख रही है और इसके मास्टरमाइंड की तलाश जारी है।
- Nov 26, 2025 16:55 IST
NIA की रिमांड में भेजे गए शोएब-आमिर, दिल्ली ब्लास्ट केस में खुल सकते हैं कई राज
लाल किला के पास हुए धमाके की जांच में एक बड़ा मोड़ आया है। Delhi Blast Case NIA Investigation, Shoaib Aamir NIA Custody, और White Collar Terror Module जैसे कीवर्ड्स के बीच यह मामला तेजी से सुर्खियों में है। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने फरीदाबाद से गिरफ्तार शोएब और पहले से गिरफ्तार आमिर राशिद अली को बुधवार, 26 नवंबर 2025 को दिल्ली की अदालत में पेश किया।
प्रधान जिला एवं सत्र जज अंजू बजाज चंदना की अदालत ने शोएब को 10 दिन की NIA रिमांड पर भेज दिया है, जबकि आमिर को 7 दिन की रिमांड मिली है। NIA का दावा है कि शोएब ने धमाके का मुख्य आरोपी, आतंकवादी डॉ. उमर उन नबी को पनाह देने के साथ-साथ विस्फोटक सामग्री पहुँचाने, सुरक्षित रास्ते बताने और फरार होने में मदद की थी।
जम्मू पुलिस और NIA के अनुसार शोएब किसी White Collar Terror Module का हिस्सा हो सकता है। जांच एजेंसी ने खुलासा किया कि शोएब ने उमर को अपने घर में शरण देने के अलावा कई तरह से लॉजिस्टिक सपोर्ट दिया। कॉल डिटेल्स और लोकेशन रिकॉर्ड की जांच में कई संदिग्ध संपर्क सामने आए हैं।
NIA अब इस बात की भी जांच कर रही है कि क्या शोएब किसी बड़े आतंकी संगठन से सीधे जुड़ा था। इसी सिलसिले में एजेंसी ने पंजाब, हरियाणा, यूपी और राजस्थान में एक साथ बड़े पैमाने पर तलाशी अभियान चलाया है।
- Nov 26, 2025 14:45 IST
आतंकी आदिल की व्हाट्सएप चैट से सामने आई पैसों की बेताबी, ‘ट्रेज़रर’ निकला मास्टरमाइंड
दिल्ली ब्लास्ट केस में जांच एजेंसियों को एक बड़ा सुराग मिला है, जिससे धमाके की फंडिंग को लेकर नया खुलासा हुआ है। आतंकी आदिल के फोन से डिलीट की गई व्हाट्सएप चैट को रिकवर करने के बाद पता चला कि वह लगातार पैसों की मांग कर रहा था। एजेंसियों का मानना है कि यह रकम धमाके की तैयारी और आवश्यक संसाधन जुटाने के लिए इस्तेमाल की गई हो सकती है।
जांच में पता चला है कि दिल्ली ब्लास्ट में कुल 26 लाख रुपये खर्च किए गए, जिसमें से 8 लाख रुपये आदिल ने दिए थे। पूछताछ में यह भी सामने आया कि आतंकी नेटवर्क के भीतर आदिल को ‘ट्रेज़रर’ कहा जाता था, क्योंकि वह फंड मैनेज करने की जिम्मेदारी संभालता था।
रिकवर की गई चैट्स 5, 6, 7 और 9 सितंबर की हैं। इनमें आदिल बार-बार अपनी सैलरी एडवांस में ट्रांसफर करने की गुहार लगा रहा है। एक मैसेज में वह लिखता है— "गुड आफ्टरनून सर… मैंने सैलरी क्रेडिट करने की रिक्वेस्ट की थी… पैसे की बहुत जरूरत है।"
अगले संदेशों में उसकी बेताबी और बढ़ती दिखती है—
“सर, प्लीज़ जल्द से जल्द सैलरी चाहिए…”
“बहुत ज़रूरत है सर, कल कर दीजिए…”एजेंसियां अब यह पता लगाने में जुटी हैं कि आदिल को पैसा कौन भेज रहा था और क्या यह रकम सीधे आतंकी मॉड्यूल तक पहुंचाई गई थी। डिजिटल फॉरेंसिक टीम द्वारा रिकवर की गई ये चैट्स केस की बेहद अहम कड़ी मानी जा रही हैं।
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