Lithium Mines in Chhattisgarh: छत्तीसगढ़ में लिथियम का बड़ा भंडार मिला है। इस भंडार के मिलने से अब यह उम्मीद जताई जा रही है कि आने वाले 2030 तक देशभर में करीब तीस फीसदी बाइक लिथियम इलेक्ट्रिक बैट्री से चलने लगेगी।
देश में आने वाले समय में इलेक्ट्रिक व्हीकल क्रांति (Lithium Mines in Chhattisgarh) में छत्तीसगढ़ का बड़ा योगदान माना जाएगा। लिथियम का यह भंडार कोरबा जिले के कटघोरा में 250 हेक्टेयर में फैला हुआ है। जिसे मैकी साउथ माइनिंग प्राइवेट लिमिटेड ने खरीदा है।
छत्तीसगढ़ का इनते प्रतिशत हक
लिथियम (Lithium Mines in Chhattisgarh) की खदान का जीएसआई सर्वे के शुरुआत में करीब 10 पीपीएम से 2 हजार पीपीएम लिथियम कंटेंट होना पाया गया है। इसके साथ ही इस ब्लॉक में रेयर अर्थ एलिमेंट की पुष्टि हुई है। कंपनी को यह ब्लॉक 76.05 प्रतिशत नीलामी प्रीमियम पर मिला है। इसका तात्पर्य यह है कि कटघोरा से उत्पादन होने वाले लिथियम की कुल कीमत का 76 प्रतिशत पर छत्तीसगढ़ का हक रहेगा।
कंपनी को खनन का अधिकार
क्रिटिकल एंड स्ट्रेटेजिक मिनरल्स की जरूरत रिन्यूवेबल (Lithium Mines in Chhattisgarh) एनर्जी, कृषि, रक्षा, फार्मास्युटिकल, दूरसंचार, उच्च-तकनीकी इलेक्ट्रॉनिक्स, परिवहन में की जाती है। इस खनिज को वर्तमान में भारत आयात करता है और इसी पर निर्भर भी है।
ऐसे में कटघोरा के लीथियम (Lithium Mines in Chhattisgarh) आरईई ब्लॉक मामले में कंपोजिट लाइसेंस प्रदान किया है। मैकी साउथ कंपनी को खनन पूर्व सर्वे व खनन दोनों के राइट्स दिए गए हैं। इस कंपनी ने नीलामी के चौथे दौर में लिथियम ब्लॉक को खरीदा है।
इस ब्लॉक की नीलामी की प्रक्रिया पिछले साल शुरू हुई थी। यह कोरबा के गांव घुचापुर कटघोरा के आसपास है। जिसका सर्वे जियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया के द्वारा किया गया था। जिसमें लिथियम होने की पुष्टि हुई थी।
छत्तीसगढ़ के युवाओं को मिलेगा रोजगार
छत्तीसगढ़ में जब लिथियम खदान शुरू (Lithium Mines in Chhattisgarh) हो जाएगी तो प्रदेश और देश में समृद्धि के द्वारा खुलेंगे। इसी के साथ ही तकनीकी एक्सपर्ट और संसाधनों के विकास को लेकर भी लोगों की आवश्यकता होगी। प्रदेश में रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे। इसी के साथ ही राजस्व और उद्योगों की ग्रोथ में भी बढ़ोतरी होगी।
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जल्द ही देश में इलेक्ट्रिक व्हीकल क्रांति
लिथियम मिलने के बाद अब पूरा विश्व ईवी क्रांति की राह पर है। लिथियम (Lithium Mines in Chhattisgarh) से बैट्री का निर्माण अब तेजी से होने लगेगा। इसका नतीता इलेक्ट्रिक व्हीकल वाहनों में भी बढ़ोतरी होगी। ऐसा माना जा रहा है कि देश में इलेक्ट्रिक व्हीकल क्रांति 2030 तक देश में तेजी से फैल जाएगी।
इसी के चलते 2030 तक लिथियम बैट्री से चलने वाली गाड़ियों की संख्या 30 फीसदी से अधिक होने की संभावना है। लिथियम की बैट्री मोबाइल फोन, कंप्यूटर, बिजली के उपकरण, विंड और सोलर पॉवर से उत्पन्न ऊर्जा के भंडारण में उपयोग किया जाता है। इतना ही नहीं लिथियम का उपयोग बीमारियों के इलाज में भी होता है।
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