छतरपुर। शराब पीने के नुकसान किसी से कोई अनजान नहीं है। शराब पीकर गाड़ी चलाने से हर साल हजारों लोग सड़क दुर्घटना का शिकार हो जाते हैं। इसके बावजूद भी शराब बंदी पर कोई बात नहीं करना चाहता। हालांकि प्रदेश के एक गांव में ग्रामीणों ने स्वेच्छा से ही अपने गांव में शराबबंदी कर दी है। दरअसल यहां शराब पीकर गाड़ी चलाते समय दो युवाओं की मौत हो गई थी। इसके बाद ग्रामीणों ने यह फैसला लिया है। ग्रामीणों ने स्वेच्छा से ही गांव में शराब बंदी कर दी। साथ ही यह भी फैसला लिया है कि कोई भी व्यक्ति बाहर से लाकर इस गांव में शराब पिएगा तो उसे जुर्माना देना होगा।
गांव की सरपंच ने इस फैसले को ग्रामीणों के साथ साझा किया और ग्रामीणों ने भी इसका साथ दिया है। दरअसल प्रदेश के छतरपुर जिले में आने वाली लवकुश नगर तहसील के टेढ़ीकबरी गांव में बीते दिनों शादी का समारोह था। इस समारोह में इस गांव के दो युवाओं दिलीप पटेल (30) और पप्पू पटेल (36) ने शराब पी थी। शराब पीकर दोनों वाहन से जा रहे थे और इसी दौरान इनका वाहन एक बिजली के खंभे से टकरा गया था। जिससे दोनों की अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई थी। इन मौतों के बाद ग्रामीण काफी आहत हुए थे।
तेरहवीं में बदला शादी का माहौल
शादी के माहौल के बाद तेरहवीं के माहौल ने ग्रामीणों को हिलकर रख दिया। इस गांव की सरपंच शकुंतला पटेल ने गांव में शराबबंदी करने की पहल की। जब इस प्रस्ताव को ग्रामीणों के सामने रखा तो सभी सहमत हो गए। इसके बाद फैसला लिया गया कि गांव में अब कोई भी शराब नहीं पिएगा और न ही यहां शराब मिलेगी। इतना ही नहीं यहां कोई भी व्यक्ति बाहर से आकर भी शराब पीता है तो उसे जुर्माना भरना होगा। इस गांव के रहवासियों ने बताया कि शराब के कारण लोग होश खो बैठते हैं।
शराब के सेवन से आदमी और उसके परिजनों को भी भारी दुखों का सामना करना पड़ता है। इसी को देखते हुए गांव में शराब बंदी कर दी गई है। गांव के थाने ने भी ग्रामीणों के इस फैसले का स्वागत किया है। सर्बई पुलिस स्टेशन के एसएचओ कुलदीप सिंह जादौन ने मीडिया से कहा कि ग्रामीणों की शराबबंदी की यह पहल स्वागत योग्य है। इस फैसले से ग्रामीणों का जीवन स्तर सुधरेगा। साथ ही शराबखोरी पर भी लगाम लगेगी।