कोलकाता। तेजी से बढ़ते शहरीकरण और आय का स्तर बढ़ने के साथ भारतीय मदिरा प्रेमी शराब की गुणवत्ता को लेकर अधिक जागरूक हो रहे हैं, और इसके लिए अच्छी कीमत देने को तैयार हैं। भारतीय अंतरराष्ट्रीय आर्थिक संबंध शोध परिषद (इक्रियर) और सॉलिसिटर फर्म पीएलआर चैंबर्स के एक अध्ययन में पाया गया कि बढ़ती अंतरराष्ट्रीय यात्राओं और विदेशी ब्रांडों के संपर्क में आने के साथ उनके व्यवहार में आया बदलाव उनकी खरीद में दिखाई दे रहा है। इसके साथ ही भारत वैश्विक विनिर्माताओं और खुदरा विक्रेताओं के लिए एक आकर्षक बाजार बन गया है। अध्ययन के अनुसार, देश में शराब का अनुमानित बाजार 52.5 अरब डॉलर का है और यह सबसे तेजी से बढ़ते बाजारों में से एक है। इसके 2020 और 2023 के बीच 6.8 प्रतिशत की दर से बढ़ने की उम्मीद है।
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