Trikonasana Yoga: त्रिकोणासन योग विज्ञान का एक महत्वपूर्ण आसन है। इसके अभ्यास के लिए शरीर और दिमाग के बीच संतुलन बनाना होता है, जिसमें एकाग्रता की जरूरत होती है।
यह आसन मांसपेशियों को फैलाने और नियमित शारीरिक काम में सुधार करने के लिए जाना जाता है। नियमित रूप से इसके अभ्यास से स्वास्थ्य संबंधी कई लाभ मिलते हैं।
इस योगासन का नाम संस्कृत के दो शब्दों से मिलकर बना है। पहला, त्रिकोण यानी 3 कोण वाला और दूसरा आसन यानी मुद्रा है।
इस आसन को करने के दौरान शरीर की मांसपेशियां 3 अलग-अलग कोणों में खिंचती हैं। इस वजह से इसका नाम त्रिकोणासन है।
यह आपको स्वस्थ रखने में सहायक आसान हो सकता है।
कैसे करें ये आसन
त्रिकोणासन करने के लिए सबसे पहले योगा मैट पर सीधे खड़े हो जाएं।
इसके बाद दोनों पैरों को जितना हो सके उतना खोलें।
अब दोनों हाथों को कंधों की सीध में फैलाएं ।
अब दाहिने हाथ की उंगलियों से दाहिने पैर के अंगूठे को छूने की कोशिश करें। इस मुद्रा में 2-3 मिनट तक रहने के बाद सामान्य हो जाएं।
अब इसी प्रक्रिया को बाएं हाथ की तरफ से भी दोहराएं।
आपको इस आसान को 2 से 3 बार दोहराना चाहिए इससे आपका यह आसान पूरा हो जाएगा और धीरे-धीरे आपको इसके लाभ भी मिलने लगेंगे।
त्रिकोणासन योग के लाभ
इस योग के अभ्यास की आदत पूरे शरीर के लिए कई प्रकार से लाभकारी हो सकती है। पैरों, घुटनों, टखनों (Ankles), बाहों और छाती को इससे मजबूती मिलती है।
कमर, हैमस्ट्रिंग, कंधों, छाती और रीढ़ की स्ट्रेचिंग और लचीलेपन को बढ़ाने में इस योग के अभ्यास से लाभ हो सकता है।
इस आसन के रोजाना अभ्यास से मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य संतुलन ठीक रहता है।
इस आसन से पाचन में सुधार होने लगता है। चिंता-तनाव, पीठ दर्द और साइटिका जैसी समस्याओं से परेशान लोगों को इस अभ्यास से लाभ मिलता है।
किन लोगों को रखनी चाहिए सावधानियां
अगर आप माइग्रेन, उच्च रक्तचाप या दस्त जैसी समस्याओं से पीड़ित हैं तो त्रिकोणासन का अभ्यास करने से बचें।
ऐसे लोग जिन्हें गर्दन, कंधे, पीठ या कूल्हे पर चोट है, उन्हें भी इसके अभ्यास से परहेज करना चाहिए।
इसके अलावा गर्भवती महिलाएं और हाल ही में सर्जरी करवाने वाले लोग इसे करने से बचें या फिर पहले डॉक्टर की सलाह लें।
यह योगासन इन सभी लोगों के लिए नुकसानदायक हो सकता है। इसे करने से पहले डॉक्टरों से सलाह जरुर लें।