हाइलाइट्स
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दुनिया की करीब एक तिहाई आबादी मोटापे का शिकार
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190 देशों के आंकड़े के आधार पर ये स्टडी लांसेट जर्नल में
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भारत में मोटे बच्चों की संख्या तेजी से बढ़ रही
Obesity In India: मोटापा एक बीमारी बनता जा रहा है। ऐसी बीमारी जिसकी जद में दुनिया का हर देश, हर जगह है। समस्या को इससे ही समझा जा सकता है कि दुनिया में मोटे लोगों की समस्या अब 100 करोड़ हो गई है।
30 सालों में मोटापा चार गुना बढ़ गया है। ये खुलासा लैंसेट की रिपोर्ट में हुआ है। दुनिया में हर आठ में से एक व्यक्ति मोटा है। इतना ही नहीं, भारत में पुरुषों की अपेक्षा महिलाओं में मोटापे की समस्या अधिक है।
दुनिया में सबसे अधिक मोटे लोग भारत में ही हैं। बाकी जगहों का भी बुरा हाल है। महिलाएं अधिक मोटापे की शिकार हैं। बच्चे भी बड़ी संख्या में मोटापे के शिकात हो रहे हैं। लैंसेट ने ये आंकलन 1990 से 2022 के बीच किया है। ‘द लांसेट’ पत्रिका में प्रकाशित एक वैश्विक विश्लेषण में यह जानकारी दी गई।
भारत टॉप थ्री में
भारत में 1990 में भी कम वजन वालों की संख्या मोटे लोगों के मुकाबले ज्यादा थी। 2022 में भी ऐसा ही है। लेकिन भारत में मोटे लोग (Obesity In India) लगातार बढ़ रहे हैं। द लैंसेट ने भारत के फैमिली हेल्थ सर्वे के आधार पर भारत का जो डाटा पेश किया है, उसके मुताबिक भारत में लोग पेट की गोलाई वाले मोटापे के शिकार सबसे ज्यादा हैं।
यानी बीएमआई के हिसाब से फिट होने के बावजूद ऐसे लोगों की संख्या बहुत ज्यादा है जिनकी कमर का घेरा बड़ा है।
मोटापे की यह है सबसे बड़ी वजह
रिसर्च करने वाले एक्सपर्ट्स के मुताबिक दुनिया भर में मोटापा (Obesity In India) बढ़ाने की सबसे बड़ी वजह गलत खानपान है और उसमें पहला नंबर प्रोसेस्ड फूड का है। इंपीरियल कॉलेज लंदन के मुताबिक शुगर फैट और नमक की तेज मात्रा खाने से मोटापा बढ़ रहा है और बाजार भी इन्हीं सब चीजों से भरा पड़ा है और सबसे ज्यादा इन्हीं चीजों की मार्केटिंग की जा रही है।
मोटापे में कौन राज्य है पहले नंबर पर
केरल (65. 4%) पहले नंबर पर, दूसरे नंबर पर तमिलनाडु (57.9%) तीसरे नंबर पर पंजाब (62.5%) और चौथे नंबर पर दिल्ली (59%) की महिलाएं हैं। जबकि झारखंड (23.9%) और मध्य प्रदेश (24.9%) में मोटापा सबसे कम है।
जानें कितने देशों में हुई स्टडी
स्टडी में 190 देशों के 22 करोड़ लोगों के वज़न और हाइट का डाटा इकट्ठा किया गया। इनमें 6 करोड़ 30 लाख 5 से 19 साल के बच्चे और किशोर थे जबकि 15 करोड़ 80 लाख लोग 20 साल से ज्यादा की उम्र के थे।
इसके आधार पर विश्व का डाटा समझा गया। सर्वे के मुताबिक स्कूली बच्चों में 4 गुना मोटापा बढ़ा है। स्कूली बच्चों के आंकड़े सबसे ज्यादा खराब हुए हैं। 1990 में दुनिया भर में 3 करोड़ बच्चे मोटापे के शिकार थे जबकि 2022 के लेटेस्ट डाटा के मुताबिक 16 करोड़ बच्चों में मोटापे की बीमारी आ चुकी है।