Advertisment

Consumer court Order: LIC को उपभोक्ता अदालत का आदेश, इलाज के खर्चे को ब्याज के साथ लौटाएं, जानिए क्या है मामला

Delhi Consumer Court Life Insurance Corporation (LIC) Policy Case दिल्ली की जिला उपभोक्ता अदालत ने भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) को इलाज के खर्च की प्रतिपूर्ति 7% ब्याज सहित करने का आदेश दिया है।

author-image
Bansal news
LIC

LIC Consumer Court: दिल्ली की जिला उपभोक्ता अदालत ने भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) को इलाज के खर्च की प्रतिपूर्ति 7% ब्याज सहित करने का आदेश दिया है। अदालत ने एलआईसी को सेवा में कमी (deficiency in service) का दोषी माना और कहा कि यदि पॉलिसी की शर्तें स्पष्ट रूप से ग्राहक को न बताई जाएं, तो वे बाध्यकारी नहीं होतीं। साथ ही, शिकायतकर्ताओं को 50,000 हजार का मुआवजा और 50,000 हजार मुकदमेबाजी खर्च के रूप में भी दिए जाने का निर्देश दिया गया है।

Advertisment

क्या है मामला?

यह आदेश डिस्ट्रिक्ट कंज्यूमर डिस्प्यूट्स रिड्रेसल कमीशन-VI, नई दिल्ली की अध्यक्ष पूनम चौधरी और सदस्य शेखर चंद्र की पीठ ने 5 मई को सुनाया। रोहिणी निवासी दंपति धर्वेंद्र कुमार और अनीता ने एलआईसी और टीपीए कंपनी मेड सेवा हेल्थ केयर लिमिटेड के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी।

शिकायत के अनुसार, वर्ष 2008 में धर्वेंद्र कुमार ने एलआईसी से "हेल्थ प्लस" नामक मेडिकल पॉलिसी ली थी, जो 29 वर्षों के लिए थी और इसमें 2 लाख तक का रिस्क कवर शामिल था। वर्ष 2011 में अनीता को गंभीर पीठ दर्द हुआ, जिसके बाद डॉक्टरों ने उन्हें स्पाइनल सर्जरी की सलाह दी। सर्जरी 15 अगस्त को गंगा राम अस्पताल में हुई, जिस पर 1,08,445 का खर्च आया।

LIC ने क्यों ठुकराया दावा?

सर्जरी के बाद जब शिकायतकर्ता ने इलाज का खर्च क्लेम किया, तो एलआईसी ने केवल ₹2,300 मंजूर किए। एलआईसी का तर्क था कि पॉलिसी के तहत केवल गैर-आईसीयू में बिताए गए समय के लिए ही भुगतान किया जा सकता है। इसके अतिरिक्त, उन्होंने कहा कि जिस सर्जरी का खर्च मांगा गया वह पॉलिसी की "अनुमोदित सर्जरी सूची" में शामिल नहीं थी।

Advertisment

अदालत ने क्या कहा?

अदालत ने कहा कि एलआईसी यह साबित नहीं कर सका कि उसने बीमा पॉलिसी बेचते समय स्पष्ट रूप से उन शर्तों और बीमारियों की सूची ग्राहकों को दी थी, जिन पर क्लेम किया जा सकता था। अदालत ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले "मॉडर्न इंसुलेटर लिमिटेड बनाम ओरिएंटल इंश्योरेंस" का हवाला देते हुए कहा कि यह बीमा कंपनी की जिम्मेदारी है कि वह ग्राहक को शर्तें समझाए।

इस आधार पर कोर्ट ने एलआईसी को आदेश दिया कि वह 1,08,445 की रकम 7% वार्षिक ब्याज के साथ लौटाए, साथ ही 50,000 हजार मुआवजे और 50,000 हजार मुकदमा खर्च का भुगतान भी करे।

ऐसी ही ताजा खबरों के लिए बंसल न्यूज से जुड़े रहें और हमें XFacebookWhatsAppInstagram पर फॉलो करें। हमारे यू-ट्यूब चैनल Bansal News MPCG को सब्सक्राइब करें। 
Advertisment

यह भी पढ़ें: Mutual Fund: इन 5 म्यूचुअल फंड में निवेश कर पाएं तगड़ा रिटर्न, छोटी रकम से बन जाएगा करोड़ों का फंड, जानें डिटेल्स

LIC LIC claim dispute Consumer court verdict LIC Health insurance refund एलआईसी क्लेम विवाद हेल्थ इंश्योरेंस शिकायत Consumer Court
Advertisment
WhatsApp Icon चैनल से जुड़ें