भोपाल। MP Weather Update: मध्यप्रदेश में सामान्य से कम बारिश ने आम लोगों के साथ-साथ किसानों की टेंशन बढ़ा दी है। खेतो में खड़ी सोयाबीन की फसलें सूखने लगी हैं। मौसम विभाग के अनुसार फिलहाल कोई भी वैदर सिस्टम एक्टिव नहीं है। जिस वजह से आने वाले 4 से 5 दिनों तक बारिश के आसार नहीं दिखाई दे रहे हैं।
एमपी में 14 अगस्त से बनेगा नया सिस्टम (MP Weather Update)
मौसम विभाग के पुर्वानुमान के अनुसार अभी फिलहाल भारी बारिश के आसार दूर—दूर तक नहीं हैं। राजधानी भोपाल सहित कई जिलों में हल्की हवाएं चलेंगी। लेकिन लोगों को उमस का सामना करना पड़ेगा। तो वहीं 14 अगस्त से बंगाल की खाड़ी में एक नया सिस्टम सक्रिय होगा। जिसके बाद संभावना है कि मध्य प्रदेश का मौसम (Madhya Pradesh ka Mausam) फिर करवट ले सकता है।
कहां-कितनी बारिश (MP Weather Update)
एमपी के कुछ जिलों में जहां सबसे अधिक बारिश हुई है उसमें डिंडौरी, मंडला, सिवनी, नरसिंहपुर और जबलपुर शामिल हैं। तो वहीं ग्वालियर, सतना, अशोकनगर, बड़वानी और खरगोन में बहुत कम बारिश रिकॉर्ड की गई है।
बीते 24 घंटे में बारिश के आंकड़े (MP Weather Update)
बीते 24 घंटे में बारिश के दौरान मध्य प्रदेश के भोपाल, इंदौर, उज्जैन, रीवा, जबलपुर, सागर संभाग के जिलों में कहीं-कहीं वर्षा दर्ज की रही है। शेष संभागों में मौसम शुष्क रहा। बीते 24 घंटों में वर्षा के प्रमुख आंकड़ों की बात करें तो वरला में 9.1, सैलाना में 7.4 कन्नौज में 4, रतलाम में 4, फतेहगढ़ में 2.3 मिमी बारिश दर्ज की गई।
इतनी गति से चलेगी हवाएं
मौसम विभाग के अनुसार ( MP Weather Forcast) गुरूवार के पूर्वानुमान के अनुसार हवा की औसत गति 12 से 14 किमी प्रति घंटे की रह सकती है। तो वहीं सुबह का अधिकतम तापमान 30 डिग्री तो न्यूनतम तापमान 23 डिग्री सेल्सियस तक जा सकता है। आकाश की स्थिति मेघमय रहेगी।
इन जिलों में गरज-चमक के साथ बज्रपात की चेतावनी
मध्यप्रदेश में नर्मदापुरम, बेतूल, हरदा, अलीराजपुर, बड़वानी, सीधी, सिंगरौली में गरज-चमक के साथ बज्रपात की चेतावनी मौसम विभाग ने जारी की है। यहां पर मौसम विभाग ने यलो अलर्ट जारी किया है।
ये जिले सूखे की कगार पर
आपको बता दें वैसे तो बीते दिनों प्रदेश में झमाझम बारिश हुई। लेकिन एमपी के कुछ जिले ऐसे हैं जहां सामान्य से कम बारिश हुई है। बहुत कम बारिश वाले जिलों में नीमच एवं मंदसौर है। इतना ही नहीं सतना, अशोक नगर, बड़वानी, ग्वालियर, खंडवा, खरगोन जिले ऐसे हैं जहां बहुत कम बारिश हुई है। यही कारण है कि यहां फसलों को काफी नुकसान होने की आशंका जताई जा रही है।
सूखने लगी फसलें
एमपी के सतना, अशोकनगर, बड़वानी, ग्वालियर, खंडवा, खरगोन, नीमच एवं मंदसौर जिलों में अभी तक 16 इंच से कम बारिश दर्ज की गई है। जिसके कारण यहां खेतों में खड़ी फसलें सूखने लगी हैं। इनमें से विशेष रूप से सोयाबीन की फसल को सबसे ज्यादा अधिक नुकसान की आशंका है।
सोयाबीन की फसल को ही सबसे अधिक नुकसान क्यों
कृषि वैज्ञानिकों की मानें तो सभी फसलों में सोयाबीन ऐसी फसल है जिसकी जड़ें उथली रहती हैं। यही कारण है कि पानी की कमी से इसकी जड़े सूखने लगी है। जिससे सोयाबीन के पौधे मुरझाने लगे हैं। यही कारण है कि अब किसानों की टेंशन इसे लेकर बढ़ रही है।
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