Advertisment

Leap Second: लीप ईयर तो सब जानते हैं, लेकिन क्या आप 'लीप सेकंड' के बारे में जानते हैं, जानिए क्यों पड़ती है इसकी जरूरत?

Leap Second: लीप ईयर तो सब जानते हैं, लेकिन क्या आप 'लीप सेकंड' के बारे में जानते हैं, जानिए क्यों पड़ती है इसकी जरूरत? Leap Second: Everyone knows about leap year, but do you know about leap second, know why it is needed? nkp

author-image
Bansal Digital Desk
Leap Second: लीप ईयर तो सब जानते हैं, लेकिन क्या आप 'लीप सेकंड' के बारे में जानते हैं, जानिए क्यों पड़ती है इसकी जरूरत?

Leap Second: लीप ईयर के बारे में तो हम सब जानते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं लीप ईयर की तरह लीप सेकंड भी होता है? ज्यादातर लोग इस चीज के बारे में नहीं जानते होंगे। हर 4 साल में 1 लीप ईयर होता है। लीप ईयर साल में फरवरी के महीने में 29 दिन और साल में 366 दिन होते हैं। वहीं लीप सेकंड में 60 की जगह 61 सेकंड होते हैं। लीप ईयर की तरह लीप सेकंड हर चाल साल में तो नहीं आता, लेकिन अब तक 27 बार लीप सेकंड आ चुका है।

Advertisment

कब शरू हुई थी लीप सेकंड की परंपरा

लीप सेकंड की परंपरा सन 1972 में शुरू हुई थी। यह हमेशा या तो 30 जून या फिर 31 दिसंबर को जोड़ा जाता है। 27वीं बार इसे 31 दिसंबर 2016 को जोड़ा गया था। लीप सेकंड को लेकर वैज्ञानिकों का कहना है कि धरती के धूमने की गति में बाधा उत्पन्न हो रही है। धरती को ठीक 24:00 घंट में अपनी धुरी पर एक राउंड पूरा कर लेना चाहिए परंतु कभी-कभी डस्टबेंस आता है।

धरती के रोटेशन को कौन जांचता है?

वैज्ञानिकों के अनुसार चंद्रमा के कारण धरती का गुरुत्वाकर्षण बल प्रभावित होता है। जिसके कारण धरती, इंटरनेशनल अटॉमिक टाइम यानी TAI की 'टाइमिंग' से डिस्टर्ब हो जाती है। इंटरनेशनल अटॉमिक टाइम यानी TAI के तहत सैकड़ों एटॉमिक घड़ियों के माध्यम से एटम्स के स्पंदन को मापा जाता है। इस प्रक्रिया के तहत सीजियम के एक सेकंड के हजारवें हिस्से की हलचल को भी भांप लिया जाता है। इंटरनेशलन अर्थ रोटेशन ऐंड रेफरेंस सिस्टम्स सर्विसेस (IERS) द्वारा लीप सेकंड की घोषणा की जाती है।

लीप सेकंड कितने साल बाद आता है

इसकी शुरुआत सन 1972 में हुई थी। तब साल में दो बार लीप सेकंड जोड़ा गया। इसके बाद 7 साल तक प्रत्येक वर्ष 6 सेकंड जोड़े गए। जब घड़ी दुरुस्त हो गई तो फिर इसे लंबे समय के लिए ब्रेक दे दिया गया। 1998 से फिर यह प्रक्रिया शुरू हुई। इसका कोई साल या समय निर्धारित नहीं है। केवल तारीख निर्धारित है 30 जून अथवा 31 दिसंबर। एक अनुमान है कि इस साल 2021 में 31 दिसंबर को लीप सेकंड जोड़ा जा सकता है।

Advertisment

लीप सेकंड क्या है?

एक दिन में 86,000 सेकंड होते हैं, लेकिन पृथ्वी को अपने घूर्णन के दौरान चन्द्रमा और सूर्य के गुरूत्वाकर्षण का प्रभाव सहना पड़ता है जिस कारण पृथ्वी को उसके नियत समय से कुछ अतिरिक्त समय अर्थात् 86,400.002 सेकंड लग जाता है। परिणामस्वरूप औसत सौर समय और इंटरनेशनल अटॉमिक टाइम या आणविक समय या वैश्विक समय के मध्य का सामंजस्य बिगड़ जाता है। तब आणविक घड़ियों के माध्यम से वैश्विक समय में एक अतिरिक्त सेकंड जोड़ दिया जाता है जिसे लीप सेकंड कहा जाता है।

2020 leap second a leap second current gps leap seconds current leap seconds gps leap seconds gps leap seconds list gps time leap seconds gps utc leap seconds iers leap second last leap second Leap Second leap second 2020 leap second 2021 leap second adjustment leap second december 2020 leap second meaning leap second on june 30 2012 leap second time adjustment day leap second today leap seconds list leapseconds linux leap second negative leap second negative leap second 2021 negative leap second meaning next leap second ntp leap second ptp leap seconds the leap second utc leap seconds
Advertisment
WhatsApp Icon चैनल से जुड़ें