नासिक। सुर साम्राज्ञी लता मंगेशकर की अस्थियां बृहस्पतिवार को यहां गोदावरी नदी के तट पर पवित्र रामकुंड में प्रवाहित कर दी गईं।
10 बजे रामकुंड पहुंचा परिवार
दिवंगत गायिका की बहन ऊषा मंगेशकर, भतीजा आदिनाथ मंगेशकर और परिवार के अन्य सदस्य पूर्वाह्न करीब 10 बजे रामकुंड पहुंचे। नासिक के कई निवासी भी सुर साम्राज्ञी को श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए इलाके में स्थित गोडा घाट पर आए थे। ऊषा ने बाद में संवाददाताओं से कहा, ‘‘वह (लता) मेरी बहन नहीं थीं, बल्कि मां थीं।
शुभ मुहुर्त पर किये गये कर्मकांड
सभी कर्मकांड शुभ मुहुर्त पर किये गये। ’’नासिक पुरोहित संघ के प्रमुख सतीश शुक्ला ने कर्मकांड किये। नासिक नगर निकाय आयुक्त कैलास जाधव और कुछ स्थानीय नेता भी इस अवसर पर उपस्थित थे। लता (92) का, उनके शरीर के कई अंगों के काम करना बंद कर देने के बाद रविवार की सुबह मुंबई के एक अस्पताल में निधन हो गया था। उनका दाह-संस्कार उसी दिन शाम में पूरे राजकीय सम्मान के साथ मुंबई के शिवाजी पार्क में किया गया था। सोमवार को, लता के तीन अस्थि कलश आदिनाथ को सौंपे गये थे, जो गायिका के भाई एवं संगीतकार हृदयनाथ मंगेशकर के बेटे हैं।