नई दिल्ली। कांग्रेस के नेता जयराम रमेश ने कहा कि आईआईटी-मंडी के निदेशक लक्षमीधर बेहरा कथित तौर पर यह कहने के बाद इस पद पर रहने के लायक नहीं हैं कि हिमाचल प्रदेश में बादल फटने और भूस्खलन की घटनाएं इसलिए हो रही हैं क्योंकि लोग मांस खाते हैं।
हिमाचल प्रदेश में इस साल हुई मानसून की बारिश (Heavy Rain in Himachal) ने कहर बरपाया है। भारी बारिश और बाढ़ के कारण सैंकड़ों लोगों की मौत हो गई तो कई घर जमीदोंज हो गए। बार-बार भूस्खलन होने से सैंकड़ों सड़कें क्षतिग्रस्त हो गई है।
प्रदेश करोड़ों का नुकसान झेल रहा है। इसी बीच आईआईटी मंडी (IIT Mandi) के निदेशक का अजीबो-गरीब बयान सामने आया है। उन्होंने हिमाचल में आई प्राकृतिक आपदा (Natural Disaster) के लिए मांसाहार (Non-vegetarian) को वजह बताया है।
मासांहार खाने से हिमाचल में आई प्राकृतिक आपदा
बेहरा का कहना है कि हिमाचल के लोग जानवरों को मारकर मांस (Meat Eating) खाते और इसी कारण यहां पर प्राकृतिक त्रासदी (Natural Disaster) आई है। अपने संबोधन में वह विद्यार्थियों को नेक इंसान बनने की सलाह देते हैं और उन्हें मांसाहार न करने की शपथ दिलाते हैं। वह खुद मंच से विद्यार्थियों से पूछते हैं कि वह मांसाहार करेंगे या नहीं। एक प्रश्न एक नहीं अनेक बार पूछा गया। इसका जवाब हां व न में देने को कहा गया।
IIT Mandi director, Laxmidhar Behera, claims that Himachal Pradesh landslides and cloudbrusts are happening because people eat meat. Then he forced students to take an oath "I will not eat meat". pic.twitter.com/nSuJ4Hyy07
— Crimes Against Unprivileged (@DeprivedVoices) September 7, 2023
आईआईटी-मंडी के निदेशक इस पद पर रहने लायक नहीं: जयराम रमेश
कांग्रेस के नेता जयराम रमेश ने कहा कि आईआईटी-मंडी के निदेशक लक्षमीधर बेहरा कथित तौर पर यह कहने के बाद इस पद पर रहने के लायक नहीं हैं कि हिमाचल प्रदेश में बादल फटने और भूस्खलन की घटनाएं इसलिए हो रही हैं क्योंकि लोग मांस खाते हैं। बेहरा के बयान से संबंधित खबर साझा करते हुए रमेश ने ‘एक्स’ पर लिखा कि वह जितने अधिक समय तक पद पर रहेंगे, “वैज्ञानिक स्वभाव की भावना को उतना अधिक नुकसान होगा।”
उन्होंने लिखा, “प्रधानमंत्री ने कहा था कि हमारे पूर्वजों को प्लास्टिक सर्जरी के बारे में जानकारी थी। उन्होंने बच्चों से यह भी कहा था कि जलवायु नहीं बदलती, हम बदलते हैं। एक वरिष्ठ मंत्री न्यूटन और आइंस्टीन को लेकर दुविधा में पड़ गए थे जबकि दूसरे मंत्री ने पाठ्यपुस्तकों से डार्विन को बाहर करने को उचित ठहराया था।”
रमेश ने लिखा, “अब, एक प्रतिष्ठित संस्थान के निदेशक का यह चौंकाने वाला बयान! उन्होंने वास्तव में दिखा दिया है कि वह इस पद पर बने रहने के लायक नहीं हैं। वह जितने समय तक इस पद पर रहेंगे, वैज्ञानिक स्वभाव की भावना को उतना ही अधिक नुकसान पहुंचाएंगे।”
The PM spoke of plastic surgery being known to our ancestors. He also told children climate has not changed, while we have.
A senior Minister confused Newton and Einstein while another justified excluding Darwin from textbooks.
Now, this simply…
— Jairam Ramesh (@Jairam_Ramesh) September 7, 2023
जानवरों पर क्रूरता का प्रभाव है…लोग मांस खाते हैं”
बेहरा को लेकर उस समय विवाद खड़ा हो गया था जब उन्होंने छात्रों से मांस न खाने की शपथ लेने को कहा था और दावा किया था कि पशुओं पर क्रूरता के कारण हिमाचल प्रदेश में भूस्खलन और बादल फटने की घटनाएं हो रही हैं। सोशल मीडिया पर प्रसारित एक वीडियो में उन्हें एक कार्यक्रम के दौरान छात्रों से कथित तौर पर यह कहते हुए सुना जा सकता है, “यहां बार-बार भूस्खलन, बादल फटने और कई अन्य चीजें हो रही हैं, ये सब जानवरों पर क्रूरता का प्रभाव है…लोग मांस खाते हैं।”
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