जगदलपुर। बस्तर संभाग के सबसे बड़े पार्क में बनाई गई विदेशी बर्ड की एवियरी सूनी होने लगी है। एक-एक कर यहां लाए गए पक्षियों की मौत हो रही है। लेकिन विभाग इस मामले पर गंभीर नहीं हैं। लामनी बर्ड पार्क में 2.46 करोड़ रुपए की लागत से बर्ड पार्क बनाया गया था।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल किया था उद्घाटन
बर्ड पार्क का उद्घाटन प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने किया था। इस पक्षी विहार के शुभारंभ होने से स्थानीय लोगों में खासा उत्साह देखने को मिला था। लेकिन लोगों के इस पक्षी विहार में घूमने से पहले ही यहां पक्षियों की मौत बदइंतजामी की वजह से होनी शुरू हो गई है। जिसे देखकर ऐसा लग रहा है कि अब बस्तरवासियों में विदेशी पक्षियों को देखने का सपना अधूरा ही रह जाएगा ।
पक्षियों की देखरेख नहीं होने से मौत
वन विभाग ने शहर में एवियरी शुरू करने के इरादे से लामनी पार्क को चुना था। यहां करीब ढाई करोड़ रुपए खर्च कर एवीयरी शुरू की गई। पिंजरे के अंदर अव्यवस्था के साथ-साथ अब यहां पक्षी भी मौजूद नहीं है। ज्यादातर पिंजरे खाली हैं। जिससे पता चल रहा है कि यहां लाए गए पक्षी अब जीवित नहीं है। दरअसल लाए गए पक्षी ठंडे वातावरण में रहने वाले पक्षी हैं। इनके उपचार के साथ वातावरण की अनुकूलता को ध्यान में नहीं रखा गया। ना ही नियमित तौर पर निगरानी की गई। पक्षियों की मौत के मामले पर भी विभाग खामोश बना रहा।
वन विभाग का बयान
इस मामले में वन विभाग के SDO आशीष कोटरीवार ने बताया कि ” शुरुआती तौर पर पक्षियों को क्वॉरेंटाइन करके वेक्सिनेशन करके रखा गया था। लेकिन बर्ड एवीयरी में बाहरी पक्षियों के साथ इनका संपर्क हुआ। जिससे बाहरी पक्षियों का इंफेक्शन एवीयरी के भीतर रहे पक्षियों में दिखाई दिया। जिनमें कुछ पक्षियों की मौत हुई और कुछ पक्षियों का इलाज हुआ। वर्तमान की स्थित में 10 पक्षियों को रिप्लेस करके एडल्ट पक्षी विभाग को दिया गया है। जो पूरी तरह से वेक्सीनेटेड हैं और उन्हें क्वॉरेंटाइन करके रखा गया है.”
क्यों हुई पक्षियों की मौत
विभाग के अनुसार 12 से 14 पक्षियों की अब तक मौत हुई है। जबकि 100 से अधिक पक्षी यहां लाए गए थे। वर्तमान में यहां पर गिनती के पक्षी मौजूद हैं। जिससे पता चलता है कि ज्यादा पक्षियों की मौत हुई है। मौत की एक वजह यह भी मानी जा रही है कि बदले हुए वातावरण में डॉक्टरों के जरिए जिस तरह से निगरानी की जानी चाहिए थी। वह निगरानी और उपचार की व्यवस्था भी नहीं की गई। ना ही पक्षियों के लिए पौष्टिक आहार और दूसरी चीजों को समय पर लाया गया। जिसकी वजह से पक्षियों की धीरे-धीरे मौत हो गई। ढ़ाई करोड़ रुपए की लागत से बनाई गई एवियरी लोगों के लिए मनोरंजन और ज्ञानवर्धक होने से पहले ही भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गई।
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