नई दिल्ली: लक्ष्मी विलास बैंक (Lakshmi Vilas Bank) का अस्तित्व आज से पूरी तरह खत्म हो जाएगा। आज से डीबीएस बैंक इंडिया लिमिटेड (DBS Bank India Limited) के साथ विलय के बाद 94 साल पुराना यह बैंक DBS बैंक इंडिया के नाम से जाना जाएगा। लक्ष्मी विलास बैंक की शाखाएं आज से डीबीएस बैंक के साथ खुलेंगी और ऑपरेट होंगी।
DBS India के पास गया पूरा डिपॉजिट
विलय नियम के मुताबिक, आज से लक्ष्मी विलास बैंक के शेयर एक्सचेंज से डीलिस्ट हो गए हैं। अब इस बैंक का पूरा डिपॉजिट DBS India के पास चला गया है। जिन लोगों के अकाउंट्स लक्ष्मी विलास बैंक में हैं अब वो डीबीएस के कस्टमर कहलाएंगे।
RBI ने बताया, लक्ष्मी विलास बैंक के कस्टमर्स को जो सुविधाएं मिलती हैं वो उन्हें दी जाएं इसके लिए सभी जरूरी इंतजाम किए जा रहे हैं।
वित्तीय संकट से जूझ रहे लक्ष्मी विलास बैंक पर 17 नवंबर को केंद्र सरकार ने एक महीने के लिए मोरेटोरियम लगाया था, लेकिन बाद में इसका विलय DBS इंडिया में कर दिया।
रकम निकालने की सीमा भी हटा
लक्ष्मी विलास बैंक के खातों से अधिकतम 25 हजार रुपये की रकम निकालने की सीमा भी हटा ली गई है। यह पहली बार है, जब किसी भारतीय बैंक को डूबने से बचाने के लिए विदेशी बैंक में मर्ज करने का फैसला लिया गया है। DBS बैंक का मुख्यालय सिंगापुर में है।
सात लोगों ने की थी लक्ष्मी विलास बैंक की शुरुआत
बता दें कि, लक्ष्मी विलास बैंक की शुरुआत तमिलनाडु के करूर में की गई थी। 94 साल पहले कुछ कारोबारियों ने मिलकर इसको शुरू किया था। तब यह बैंक छोटे बिजनेस को लोन देता था। फिर धीरे-धीरे बैंक का दायरा बढ़ा। बैंक की वेबसाइट पर दी गई जानकारी के मुताबिक, सात लोगों ने मिलकर इस बैंक की शुरुआत की थी।