भोपाल। उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी जिले में हाल में हुई हिंसा की पृष्ठभूमि में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की वरिष्ठ नेता उमा भारती ने मंगलवार को कहा कि कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा और उनकी पार्टी के अन्य लोगों को किसानों और लोकतंत्र के बारे में बोलने का अधिकार नहीं है। लखीमपुर खीरी के तिकोनिया क्षेत्र में हुई हिंसा में चार किसानों समेत आठ लोगों की मौत के बाद वहां जाने के दौरान रास्ते में वाद्रा को सोमवार को हिरासत में लिया गया था। मंगलवार को कांग्रेस महासचिव ने ट्विटर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से पूछा कि लखीमपुर खीरी में चार किसानों की हत्या के लिए जिम्मेदार व्यक्ति को अभी तक गिरफ्तार क्यों नहीं किया गया जबकि बिना किसी आदेश या प्राथमिकी के वह पिछले 28 घंटों से नजरबंद है। इसके बाद, सुबह उमा भारती ने ट्वीट किया कि उत्तर प्रदेश की प्रभारी एवं कांग्रेस महासचिव वाद्रा और कांग्रेस के अन्य नेताओं को जिन मुद्दों पर बोलने का अधिकार नहीं है, उन पर ना बोलें। भाजपा नेता ने अगले ट्वीट में कहा कि आजादी के तुरंत बाद, देश में गांधीजी के कृषि को प्रमुख आर्थिक आधार मानने के सपने को उस समय के प्रधानमंत्री नेहरु जी ने ध्वस्त कर दिया। फिर तो कृषि और किसान पीछे छूटते ही गए।
कांग्रेस बोलने का अधिकार खो चुकी है
उमा भारती ने आगे कहा कि देश में आपातकाल लगाने वाली कांग्रेस पार्टी, अपने मुंह से लोकतंत्र का उच्चारण करने का अधिकार खो चुकी है। 1984 के दंगों में कांग्रेस नेताओं एवं कार्यकर्ताओं ने ही दस हजार सिखों को जिंदा भूना था। कांग्रेस के मुंह से अहिंसा शब्द शोभा नहीं देता। भारती ने कहा कि कांग्रेस नेताओं को उनका सुझाव है कि वे किसानों की समस्याओं को सुलझाने के लिए सरकार के साथ सहयोगी एवं सकारात्मक रुख रखे। इससे पहले सुबह वाद्रा ने ट्विटर पर एक वीडियो साझा किया, जिसमें किसानों के एक समूह को एक एसयूवी द्वारा कुचलते हुए दिखाया गया है। उन्होंने ट्वीट किया कि नरेंद्र मोदी जी आपकी सरकार ने बगैर किसी आर्डर और एफआईआर के मुझे पिछले 28 घंटे से हिरासत में रखा है। अन्नदाता को कुचल देने वाला यह व्यक्ति अब तक गिरफ्तार नहीं हुआ।