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Bore Basi: पौष्टिकता से भरपूर, कई रोगों में कारगर है बोरे-बासी, डॉक्टर भी देते हैं खाने की सलाह

छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल अंतरराष्ट्रीय मजदूर दिवस पर बोरे-बासी Bore Basi खाकर श्रम का उत्सव मनाया। #HamarBoreBaasi ट्रेंड करता रहा।

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Bansal News
Bore Basi: पौष्टिकता से भरपूर, कई रोगों में कारगर है बोरे-बासी, डॉक्टर भी देते हैं खाने की सलाह

Bore Basi: पौष्टिकता से भरपूर, कई रोगों में कारगर बोरे-बासी की चर्चा इन दिनों देशभर में हो रही है। वैसे बोरे-बासी एक छत्तीसगढ़ी व्यंजन है, लेकिन भारत के अन्य हिस्सों में भी इसे अलग-अलग नामों से जाना जाता है। आज हम आपको बता रहे हैं बोरे-बासी क्या है, इसे और क्या कहते, कैसे बनाया जाता, इसके क्या फयदे हैं।

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दरअसल, छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल ने अंतरराष्ट्रीय मजदूर दिवस 1 मई पर प्रदेश से सभी लोगों से बोरे-बासी Bore Basi खाकर श्रम का उत्सव मनाए जाने का आह्वान किया, जिसके बाद बोरे-बासी खाते हुए अपनी तस्वीरें-वीडियो सोशल मीडिया पर अपलोड किए। हैशटैग #HamarBoreBaasi ट्रेंड करता रहा। आइए जानते हैं बोरे-बासी के बारे में...

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बोरे-बासी क्या है?

वैसे तो बोरे-बासी Bore Basi दो शब्द हैं, लेकिन इसे एक ही व्यंजन के लिए उपयोग किया जाता है। गर्मियों के मौसम में छत्तीसगढ़ के मजदूर, किसान और आम नगरिक भी इसका उपयोग करते हैं। मना जाता है कि बोरे-बासी खाने से कई रोगों से निजात मिलती है। साथ ही गर्मी में यह पानी की कमी के लिए भी दूर करता है। इसे खाने से बहुत अधिक प्यास लगती है, जिससे पानी अधिक पीने से शरीर में पानी की कमी नहीं होती।

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बोरे-बासी कैसे बनाया जाता है?

जब रात के समय बने हुए बचे चावल या भात में पानी डालकर रख दिया जाता है, तब कुछ घंटे बाद या सुबह उसे बासी हो जाने पर बोरे-बासी Bore Basi कहा जाता है। सुबह होने पर इसे अचार, चटनी, मट्ठा जैसी चीजों के साथ खाया जाता है। आम तौर पर गर्मियों में छत्तीसगढ़ के मजदूर और किसान इसे खाते हैं। अब बोरे-बासी को सीजी के बड़े होटलों के मेन्यू में भी शामिल कर लिया गया है।

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बोरे-बासी खाने के फायदे?

ज्यादातर गर्मी के मौसम में बोरे-बासी खाए जाने की सलाह दी जाती है। जहां एक ओर गर्मियों में बासी भोजन लोग नहीं करते तो वहीं दूसरी ओर बोरे-बासी एक ऐसा व्यंजन है, जिसको गर्मियों में खाने से शरीर को लाभ मिलता है। बोरे-बासी Bore Basi में शरीर के तापमान को नियंत्रित करने की शक्ति होती है। इसे खाने से गर्मियों में लू से बचते हैं साथ ही अच्छी नींद भी लगती है।

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बोरे-बासी को क्या कहते हैं?

उत्तर भारत के क्षेत्र में बस्योरा पर्व के दौरान बोरे-बासी जैसे व्यंजन का उपयोग किया जाता है। भारत के कुछ हिस्सों में इसे बासी भात, बस्योरा भी कहा जाता है। होली के त्योहार के बाद रंगपंचमी से अष्टमी तक मां शीतला को बसौड़ा बनाकर चढ़ाया जाता है। बसौड़ा (मीठे चावल) भी बोरे-बासी Bore Basi की ही तरह व्यंजन होता है।

बोरे-बासी Bore Basi खाने से क्या होता है?

- विटामिन बी की कमी दूर होती है Bore Basi
- शरीर को कैल्शियम-पोटेशियम मिलता है
- हृदय रोगों का निदान
- स्किन रोग का निदान
- खूब प्यास लगती
- डि-हाइड्रेशन की समस्या नहीं होती
- शरीर का तापमान सही रहता है
- डायरिया का निदान Bore Basi
- इम्युनिटी बढ़ती है
- शरीर में आयरन की कमी नहीं होती
- पेट को ठंडक मिलती है
- गर्मी-लू से बचाव होता है
- अच्छी नींद आती है
- पाचन तंत्र दुरुस्त होता है
- मेमोरी पावर बढ़ता है
- एकाग्रता बढ़ती है Bore Basi
- मुंह के अल्सर के उपचार में कारगर
- शिशुवती माताओं के लिए फायदेमंद
- चाय-कॉफी, शराब की लत छुड़ा सकते हैं Bore Basi

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