kVS Revised Admission Guidelines:अभी तक सांसदों के कोटे के माध्यम से, प्रत्येक सांसद द्वारा प्रत्येक शैक्षणिक वर्ष की शुरुआत में कक्षा एक से नौवीं तक में प्रवेश के लिए 10 छात्रों की सिफारिश की जा सकती थी। नियमों के तहत, 10 नाम उन बच्चों तक ही सीमित होने चाहिए, जिनके माता-पिता सिफारिश करने वाले सांसद के निर्वाचन क्षेत्र से संबंधित हैं। लेकिन जैसे ही ये कोटा खत्म हुआ फिर नया आदेश जारी कर दिया गया है।KV SCHOOL QUOTA BAN
कोविड में जिन्होंने खोये हैं माता-पिता उनको मिलेगा
नए दिशानिर्देशों में यह भी कहा गया है कि कोविड -19 महामारी के कारण अनाथ बच्चों को पीएम केयर्स फॉर चिल्ड्रन योजना के तहत कक्षा की संख्या से अधिक एडमिशन के लिए विचार किया जाएगा। यानी कक्षा में सीटें फुल होने जाने के बावजूद यदि किसी ऐसे छात्र का एडमिशन आता है, जिसके माता-पिता कोविड 19 के कारण जीवित नहीं रहे, तो ऐसे बच्चों को एडमिशन देने पर विचार किया जाएगा और उन्हें दाखिले में प्राथमिकता दी जाएगीKV SCHOOL QUOTA BAN
साथ ही ये कोटे हैं बरकरार
हालांकि, दाखिला कोटा में जिन विशेष प्रावधानों को बरकरार रखा गया है उनमें परमवीर चक्र, महावीर चक्र, वीर चक्र, अशोक चक्र, कीर्ति चक्र और शौर्य चक्र प्राप्त करने वालों के बच्चों का प्रवेश शामिल है; राष्ट्रीय वीरता पुरस्कार के प्राप्तकर्ता; रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (रॉ) के कर्मचारियों के 15 बच्चे; कोविड-19 के कारण अनाथ हुए बच्चे; केंद्र सरकार के दिवंगत कर्मचारियों के बच्चे; ललित कला में विशेष प्रतिभा दिखाने वाले बच्चे आदि संबंधित कोटे से दाखिला ले सकेंगे। KV SCHOOL QUOTA BAN kVS Revised Admission Guidelines
जिला अधिकारी बनाएगा लिस्ट
केन्द्रीय विद्यालय संगठन ने कहा कि ऐसे छात्रों का एडमिशन संबंधित जिले के जिलाधिकारी द्वारा दी गई सूची के आधार पर किया जाएगा, जिसमें प्रति केवी 10 बच्चे और प्रति कक्षा अधिकतम दो बच्चे होंगे. इन बच्चों को पहली से बारहवीं कक्षा तक फीस (ट्यूशन शुल्क, कंप्यूटर फंड और वीवीएन) के भुगतान से छूट दी जाएगी।
कक्षा में सीट भरने के बाद भी इन छात्रों को मिलेगा एडमिशन :
1। सशस्त्र बलों के शिक्षा निदेशालय यानी सेना, वायु सेना, नौसेना और तटरक्षक बल दसवीं और बारहवीं कक्षा को छोड़कर रक्षा क्षेत्र में स्थित केंद्रीय विद्यालयों में एक शैक्षणिक वर्ष में अपने रक्षा कर्मियों के बच्चों के एडमिशन के लिए अधिकतम 06 नामों की सिफारिश कर सकते हैं।
2। केवीएस में नौकरी कर रहे कर्मचारियों के बच्चों का एडमिशन। KVS रीजनल ऑफिस जैसे कि ZIETs और KVS (HQ) में काम करने वाले कर्मियों के बच्चों को साल में कभी एडमिशन मिलेगा। हालांकि कक्षा 9वीं के छात्रों को एडमिशन टेस्ट देना होगा। रिटायर होने वाले कर्मियों के बच्चों के एडमिशन में इसकी छूट नहीं मिलेगी।
3। केंद्र सरकार के कर्मचारियों के बच्चे जिनकी मौत हो जाती है।
4। परमवीर चक्र, महावीर चक्र, वीर चक्र, अशोक चक्र, कीर्ति चक्र और शौर्य चक्र, सेना पदक, नौसेना पदक, वायु सेना पदक पाने वाले सैनिकों के बच्चों को ।
5। वीरता के लिए राष्ट्रपति पुलिस पदक और पुलिस पदक प्राप्त करने वालों के बच्चे।
6। सरकार द्वारा आयोजित एसजीएफआई/सीबीएसई/राष्ट्रीय/राज्य स्तरीय खेलों में प्रथम, द्वितीय और तृतीय स्थान प्राप्त करने वाले मेधावी स्पोर्ट्स के बच्चे।
7। स्काउट्स एंड गाइड्स में राष्ट्रपति पुरस्कार के प्राप्तकर्ता।
8। वे बच्चे जो राष्ट्रीय वीरता पुरस्कार या राष्ट्रीय बाल भवन द्वारा स्थापित बालश्री पुरस्कार प्राप्त कर चुके हैं।
9। जिन बच्चों ने ललित कला में विशेष प्रतिभा दिखाई है और उन्हें राष्ट्रीय या राज्य स्तर पर पहचान मिली है।
10। विदेश मंत्रालय के कर्मचारियों को हर साल भारत में कहीं भी स्थित केंद्रीय विद्यालयों में 60 और केंद्रीय विद्यालयों के छात्रावासों में 15 प्रवेश दिए जाएंगे।
11। रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (रॉ) कर्मचारियों के 15 बच्चों को केवीएस मुख्यालय द्वारा जारी आदेश पर एडमिशन दिया जाएगा। इनमें से अधिकतम 5 सीटें दिल्ली में और शेष दिल्ली के बाहर दी जाएंगी।
12। गृह मंत्रालय के तहत केंद्रीय पुलिस संगठनों, यानी सीआरपीएफ, बीएसएफ, आईटीबीपी, एसएसबी, सीआईएसएफ, एनडीआरएफ और असम राइफल्स के ग्रुप-बी और सी कर्मचारियों के बच्चों के लिए केंद्रीय विद्यालयों में 50 एडमिशन है।
13। कश्मीर प्रवासियों के बच्चों को।
इनके हटे हैं कोटे
केंद्र सरकार ने अपनी पूर्व घोषणा के अनुसार बड़ा कदम उठाते हुए 2022-23 और उसके बाद के दाखिले संबंधी दिशा-निर्देशों में बदलाव कर दिया है। सरकार ने इसके तहत केंद्रीय विद्यालयों में दाखिले के लिए सांसद यानी एमपी कोटे, पूर्व कर्मचारियों, जिला कलेक्टर और अधिकारियों के लिए निर्धारित कोटे को खत्म कर दिया है। बता दें कि देश भर में 1,248 केंद्रीय विद्यालय हैं। इनमें लगभग 14,35,562 छात्र नामांकित हैं।
स्कूल प्रबंधन समिति के अध्यक्ष के कोटे को भी हटाया
केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के तहत स्वायत्त निकाय केंद्रीय विद्यालय संगठन ने कहा कि दाखिले के लिए विशेष प्रावधानों की समीक्षा के बाद संशोधित दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं। संशोधित अधिसूचना के अनुसार, केंद्रीय विद्यालयों (केवी) में प्रवेश के लिए संसद सदस्य (सांसद) नामों की सिफारिश करने वाले कोटे को खत्म कर दिया है।
इसके साथ ही शिक्षा मंत्रालय के कर्मचारियों, बच्चों और सांसदों के आश्रित पोते और सेवारत या सेवानिवृत्त केवी कर्मचारियों के बच्चों को प्रवेश देने के लिए विशेष प्रावधान, स्कूल प्रबंधन समिति के अध्यक्ष के विवेकाधीन कोटे को भी हटा दिया गया है।
क्या था सांसद कोटा और कितनी सिफारिश का था अधिकार?
अभी तक सांसदों के कोटे के माध्यम से, प्रत्येक सांसद द्वारा प्रत्येक शैक्षणिक वर्ष की शुरुआत में कक्षा एक से नौवीं तक में प्रवेश के लिए 10 छात्रों की सिफारिश की जा सकती थी। नियमों के तहत, 10 नाम उन बच्चों तक ही सीमित होने चाहिए, जिनके माता-पिता सिफारिश करने वाले सांसद के निर्वाचन क्षेत्र से संबंधित हैं। KV SCHOOL QUOTA BAN
कई बार पार हुई सालाना कोटे की सिफारिश सीमा
लोकसभा में 543 और राज्यसभा में 245 सांसद होते हैं जो कि व्यक्तिगत कोटे के तहत सामूहिक रूप से प्रति वर्ष 7,880 छात्रों के प्रवेश की सिफारिश कर सकते हैं। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, 2018-19 में सांसदों के कोटे के तहत 8,164 दाखिले हुए, यानी कि सिफारिश सीमा को पार किया गया। वहीं, 2019-20 और 2020-21 में इस श्रेणी में क्रमश: 9,411 और 12,295 दाखिले हुए तथा 2021-22 में 7,301 दाखिले सिफारिश से हुए थे। इससे पहले, इस कोटे को अतीत में कम से कम दो बार वापस लिया गया था, लेकिन वापस बहाल कर दिया गया। अब केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने एक बार फिर इस विवेकाधीन कोटे के माध्यम से प्रवेश रोक दिए हैं। KV SCHOOL QUOTA BAN