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हाइलाइट्स
कूनो नेशनल पार्क में बढ़ रहा चीतों का कुनबा
चीतों का शिफ्ट करने का विचार कर रही सरकार
मादा चीता गामिनी ने 5 शावकों को दिया जन्म
Kuno National Park से एक बार फिर खुशखबरी सामने आई है. साउथ अफ्रीका से लाई गई मादा चीता गामिनी (Gamini) ने 5 शावकों को जन्म दिया है.
इसके साथ ही भारत मे चीतों के शावकों की कुल संख्या 13 हो गई है. इन सभी शावकों का जन्म भारत में ही हुआ है.
श्योपुर के कूनो नेशनल पार्क में चीतों का कुनबा बड़ने को चीता प्रोजेक्ट को बड़ी सफलता माना जा रहा है.
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चीता गामिनी के शावक[/caption]
कुनो में चीतों की संख्या हुई 26
भारत से विलुप्त हो चुके कैट फैमली के सदस्य चीतों की वापसी कराना इस प्रोजेक्ट का प्रमुख लक्ष्य है. कूनो नेशनल पार्क (Kuno National Park) में चीतों की संख्या लगातार बढ़ना इस प्रोजेक्ट की बड़ी सफलता है.
गामिनी (Gamini) के 5 शावकों को मिलाकर चीतों की संख्या कुल 26 हो गई है. इन शावकों के जन्म से वन विभाग की टीम भी बेहद उत्साहित है.
केंद्रीय वन मंत्री भूपेंद्र यादव ने लिखा High Five, kuno!
सोशल मीडिया पर केंद्रीय वन मंत्री ने पोस्ट साझा करते हुए जानकारी दी. उन्होंने लिखा कि High Five, kuno! साउथ अफ्रीका के त्वालु कालाहारी रिजर्व से आई.
https://twitter.com/byadavbjp/status/1766775087485620289
गामिनी (Gamini) ने आज पांच शावकों को जन्म दिया है. जिससे देश में जन्में चीतों की संख्या 13 हो गई है. यह देश की धरती पर चौथा चीतों का कुनबा है.
जबकि साउथ अफ्रीका से लाए गए चीतों का पहला कुनबा है. वन मंत्री भूपेंद्र यादव ने वन विभाग की टीम को भी बधाई दी है.
उन्होंने लिखा कि तनाव मुक्त वातावरण बनाने के लिए खासकर वन अधिकारियों, पशुचिकित्सकों और फील्ड स्टाफ की टीम को बधाई.
दो चरण में भारत लाए गए थे चीते
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पीएम मोदी ने प्रोजेक्ट चीता शुरू किया था. इस प्रोजेक्ट के तहत दो चरण में नामीबिया और साउथ अफ्रीका से 20 चीतों को लाया गया था.
पहला कुनबा 17 सितंबर 2022 को नामीबिया से 8 चीतों को लाया गया था. दूसरा कुनबा फरवरी 2023 में साउथ अफ्रीका से 12 चीतों को लाया गया था. हालांकि इस दौरान 4 चीतों की मौत भी हुई थी.
चीतों की मौत पर विशेषज्ञों की राय
चीता प्रोजेक्ट पर लगातार सवाल उठते रहे हैं. चीतों की मौत को लेकर विपक्ष ने भी सवाल उठाए थे. वहीं हाई कोर्ट ने भी सरकार से चीतों की मौत को लेकर सवाल किए थे.
जिस पर वाइल्ड लाइफ एक्सपर्ट ने कहा था कि दुनिया में चीतों का सर्वाइवल रेट 50 फिसदी से भी कम है. ऐसे में चीतों की मौत प्राकृतिक है.
यदि हम आधे चीतों को भी बचाते हैं तो यह प्रोजेक्ट (cheetah Project) सफल हो सकता है. बता दें चीतों की मृत्यू दर 53.2% है.
2024 में 9 शावकों का जन्म
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मादा चीता आशा के शावक[/caption]
नए साल में 3 जनवरी को मादा चीता आशा ने चार शावकों को जन्म दिया था. इसके पहले 24 मार्च 2023 में मादा चीता ज्वाला ने चार शावकों को जन्म दिया था.
जिसमें से तीन की मौत हो गई थी. ज्वाला का एक शावक अभी जीवित है. और आज 10 मार्च को गामिनी ने 5 शावकों को जन्म दिया है.
अब कूनो में कुल 26 चीते हैं जिसमें 13 वयस्क और 13 शावक शामिल हैं. जिसमें से 9 शावकों का जन्म 2024 में हुआ है.
यह भी पढ़ें: Kuno National Park: कूनो नेशनल पार्क से खुशखबरी, मादा चीता आशा ने 3 शावकों को दिया जन्म
क्या है चीता प्रोजेक्ट के आगे की राह
दक्षिण अफ्रीका में चीतों की सुरक्षा के लिये मेटा-जनसंख्या प्रबंधन नामक संरक्षण रणनीति का उपयोग किया गया था.
इस नीति के तहत चीतों को कुछ समूह में बांटकर अलग अलग पार्कों में रखा जाता है. इसी तरह भारत में भी इस मॉडल को अपनाया जा रहा है.
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गांधी सागर वाइल्ड लाइफ सेंचुरी में बनी हुई रॉक पेंटिंग[/caption]
गांधी सागर वन्यजीव अभयारण्य मंदसौर-नीमच, मुकुंदरा टाइगर रिज़र्व राजस्थान, में चीतों को शिफ्ट करने की प्लानिंग की जा रही है.
हालांकि चीतों को तेंदुए से सुरक्षित बाड़ों में रखना एक बड़ी चुनौती होगी. साथ ही चीतों को अभयारण्यों और राष्ट्रीय उद्यानों तक सीमित करने चीतों और अन्य वन्य जीवों को नुकसान पहुंच सकता है.
71 साल बाद भारत में हुआ था चीतों का जन्म
भारत में 71 साल भारत बाद पहली बार 29 मार्च 2023 को चीतों का जन्म हुआ था. तब कूनो नेशनल पार्क (Kuno National Park) में नामीबिया से लाई गई मादा चीता सियाया ने 4 शावकों को जन्म दिया था. हालांकि सियासा के भी तीन शावकों की बाद में मौत हो गई थी.
17 महीनों में हुई 10 चीतों की मौत
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नर चीता सूरज का शव[/caption]
चीता प्रोजेक्ट के 17 महीने में 10 चीतों की मौत हो चुकी है. वहीं अब तक चार मादा चीता शावकों को जन्म दे चुकी हैं. जिसमें 7 वयस्क चीतों की मौत हो गई. वहीं 3 शावकों ने भी इस दौरान दम तोड़ दिया था.
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