Kuno Cheetah भोपाल। मध्यप्रदेश के श्योपुर जिले के कूनो राष्ट्रीय उद्यान में पिछले चार दिनों से हेपेटोरेनल (गुर्दे और यकृत से जुड़ा) संक्रमण से पीड़ित मादा चीते का स्वास्थ्य शुक्रवार को पहले के मुकाबले बेहतर है। एक अधिकारी ने यह जानकारी दी है। इस मादा चीते को पिछले साल सितंबर के मध्य में नामीबिया से आठ अन्य चीतों के साथ इस उद्यान में लाया गया है। इसे साशा के नाम से जाना जाता है और वह चार साल से थोड़ी अधिक उम्र की है।
इस चीते की सेहत के बारे में पूछे जाने पर मध्यप्रदेश के प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्यजीव) जेएस चौहान ने बताया है कि वह अब पहले से बेहतर है। एक दिन पहले उन्होंने कहा था कि इस चीते की हालत में सुधार हुआ है। चौहान ने कहा कि इसका इलाज तीन पशु चिकित्सकों द्वारा किया जा रहा है और वे नामीबिया और दक्षिण अफ्रीका के चीता विशेषज्ञों के साथ लगातार संपर्क में हैं। इसे गुर्दे और यकृत की कुछ समस्याएं हैं।
उन्होंने कहा कि उसकी यह समस्या सोमवार को सामने आई थी। यह चीता हेपेटोरेनल संक्रमण से पीड़ित है। उसे पृथक रखा गया है और उसका इलाज जारी है। मालूम हो कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 1952 में भारत में विलुप्त हुए चीतों की आबादी को पुनर्जीवित करने की परियोजना के तहत इन आठ चीतों को 17 सितंबर को कूनो राष्ट्रीय उद्यान में एक मंच से लीवर घुमाकर लकड़ी के पिंजड़ों के दरवाजे खोलकर विशेष बाड़ों में पृथकवास में छोड़ा था। इनमें से पांच मादा एवं तीन नर चीते हैं।
बता दें कि इन चीतों को 17 सितंबर 2022 के दिन कूनो नेशनल पार्क में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा छोड़ा गया था। नामीबिया से आठ चीते आने के बाद अब दक्षिण अफ्रीका से भी यहां 12 चीते लाए जाने हैं। अफ्रीका में 4 महीने से ज्यादा समय से इन चीतों को क्वारंटाइन में रखा गया है। भारत के वन्यजीव संस्थान द्वारा तैयार भारत में चीतों को फिर से बसाने की कार्ययोजना के अनुसार करीब 12-14 जंगली चीतों (8 से 10 नर और 4 से 6 मादा) को दक्षिण अफ्रीका, नामीबिया तथा अन्य अफ्रीकी देशों से मंगाया जाना है।