भोपाल। Kundli Dekhne Ka Tarika: कई लोगों के मन में ये दुविधा होती है कि राशिफल को लग्न राशि देखना चाहिए या चंद्र राशि से। इस संबंध में ज्योतिषाचार्य की मानें तो कुछ व्यक्तियों के कुंडली में लग्न राशि बलवान होती है और कुछ लोगों की कुंडली में चंद्र राशि बलवान होती है। पंडित अनिल पांडे से जानते हैं कि राशिफल को लग्न राशि देखना चाहिए या चंद्र राशि से। साथ ही जानेंगे कि चंद्र राशि का क्या महत्व है।
कुंडली में लग्न बलवान है या चंद्र- Chandra Rashi in Kundli
ज्योतिषाचार्य पंडित अनिल पांडे के अनुसार आपकी कुंडली में अगर लग्न बलवान है, तो आपको लग्न से अपनी कुंडली देखना चाहिए और अगर चंद्रमा बलवान है तो आपको चंद्र राशि अपनी कुंडली देखना चाहिए। इसकी पहचान का सबसे आसान तरीका है कि आप एक बार दोनों राशियों से अपना राशिफल देखें। जो राशिफल आपको ज्यादा उपयुक्त लगे, उसी राशि का राशिफल आपको बार-बार देखना चाहिए।
चंद्र राशि का महत्व- significant of Chandra Rashi
पहले तो आपको ये जानना होगा कि चंद्र राशि है क्या और इससे क्या होता है? तो आपको बता दें ज्योतिष शास्त्र के अनुसार किसी जातक के जन्म के समय कुंडली में चंद्रमा जिस राशि में होता है वह उस व्यक्ति की चंद्र राशि कहलाती है। इस चंद्र राशि के माध्यम से ही व्यक्ति के स्वभाव, उसके व्यक्तित्व तथा स्वास्थ्य और इसके अलावा जीवन से जुड़े अन्य ज़रुरी पहलुओं के बारे में जानकारी जुटाई जा सकती है।
चंद्र राशि से देखते हैं भविष्य
ज्योतिषाचार्य वैदिक ज्योतिष में जन्मपत्री यानि कुंडली से भविष्यफल को देखने के लिए चंद्र राशि को ही देखते हैं। चंद्र राशि के माध्यम से हम भविष्य में होने वाली घटनाओं और परिस्थितियों के बारे में एक अंदाज लगा सकते हैं। जिसका हमें भविष्य में सामना करना पड़ सकता है। इतना ही नहीं चंद्र राशि यह भी बताती है कि समाज में हम अपने आपको कैसे प्रस्तुत करेंगे अर्थात हमारा सामाजिक जीवन कैसा रहने वाला है।
चंद्र राशि का महत्व
चंद्रमा को शुभ ग्रह माना जाता है। जब ये बृहस्पति ग्रह के साथ युति करते हैं तो जीवन में बौद्धिक कौशल एवं धन-समृद्धि बढ़ती है। दोनों ही मित्र ग्रह माने जाते हैं। इसकी प्रकृति की बात करें तो यह गृह आकार में सबसे छोटा होता है। साथ ही पृथ्वी के निकट भी है।
मामा चंद्रमा स्त्री लिंगी ग्रह है
आपको जानकर आश्चर्य होगा कि वैसे तो चंद्रमा को चंदा मामा कहकर पुकारा जाता है लेकिन ज्योतिष शास्त्र के अनुसार ये एक स्त्री लिंगी ग्रह है। इसलिए अगर आपको नहीं पता है कि आकाशीय परिषद की रानी कौन है तो इसका जबाव है चंद्रमा। जो सूर्य के प्रकाश से चमकता है।
द्रव तत्वों का कारक है चंद्रमा
ज्योतिष के अनुसार चंद्रमा द्रव पदार्थों का कारक माना जाता है। कुंडली में उच्च का चंद्रमा होने पर या मजबूत स्थिति में होने पर ये आपको मानसिक शांति और ख़ुशियां देता है। इसके विपरीत यदि अगर यह नीच का हो या फिर किसी क्रूर ग्रह से पीड़ित हो तो इसके बुरे प्रभाव से जातकों की मानसिक अशांति झेलने पड़ सकती है। इस स्थिति में आपकी माता जी को भी कष्ट का सामना करना पड़ सकता है।
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