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Krishna Janmashtami 2025: जन्माष्टमी पर ककड़ी काटने में भूलकर भी न करें ये गलती, जानें गर्भनाल काटने के नियम, पूजा विधि

Krishna Janmashtami 2025: जन्माष्टमी पर ककड़ी काटने में भूलकर भी न करें ये गलती, जानें गर्भनाल काटने के नियम, पूजा विधि Krishna Janmashtami 2025 date muhurat kheera kakdi katne ke niyam krishna mantra decoration idea puja vidhi hindi news pds

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Preeti Dwivedi
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Krishna Janmashtami 2025 Puja Vidhi kahan se katna chahiye: इस साल श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का त्योहार 16 अगस्त शनिवार को बड़ी धूमधाम से मनाया जाएगा। देश के कृष्ण मंदिरों के साथ-साथ घरों में बाल गोपाल का जन्मोत्सव होगा।

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हिन्दू पंचांग के अनुसार भाद्रपद के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को कृष्ण जी का जन्म हुआ था।

ऐसे में च​लिए जानते हैं कि श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर घर के लिए पूजा विधि क्या है। साथ ही जानेंगे कि इस व्रत में किन चीजों के बिना पूजा अधूरी होती है। भगवान के नरा के रूप में ककड़ी का नरा कहां से काटना चाहिए।

जन्माष्टमी के व्रत की स्टेप वाय स्टेप प्रकिया

ज्योतिषाचार्य पंडित रामगोविंद शास्त्री से जानते हैं श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के व्रत की स्टेप वाय स्टेप प्रकिया क्या है।

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janmashtami 2024 toran design

घर के मुख्यद्वार पर बंदरवार या तोरण

जन्माष्टमी के अलावा कोई भी व्रत त्योहार हो, घर के मुख्य द्वार पर तोरण या जिसे बंदरवार भी कहते हैं, इसे जरूर लगाना चाहिए। ये भगवान के स्वागत और आगमन के लिए जरूरी होता है।

इसके लिए आप या तो रेडिमेड तोरण ले लें नहीं तो सबसे अच्छा है कि इसके लिए अशोक के पत्तों को धागे से पिरोकर बीच—बीच में आम के पत्ते और फूल लगाकर तोरण तैयार कर लें।

इससे भी आसान है कि आम के पत्तों के डगाल लेकर उसे दरवाजें में फसा दें।

 

जन्माष्टमी के लिए मंदिर की झांकी

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जन्माष्टमी पर मंदिर के लिए झांकी सजाई जाती है। इसके लिए अगर आपके पास समय कम है तो आप या तो जन्माष्टमी के लिए रेडिमेड थर्माकोल के डेकोरेशन आइटम ले सकते हैं या फिर नार्मल गुब्बारे या क्रेप पेपर लगाए जा सकते हैं।

जन्माष्टमी पर पूजा स्थल की तैयारी कैसे करें

घर पर श्रीकृष्ण जन्माष्टमी की तैयारी करने ​ के लिए पूजा स्थल पर सबसे पहले आप मंदिर के ऊपर एक धागे या कील की सहायता से फुरैला बांधने की व्यवस्था कर लें। वरना पूजा का चौक बनाने के बाद इसमें समस्या आ सकती है।

इसके बाद भगवान जन्माष्टी के लिए उनके जन्म को प्रदर्शित करने वाला जो कागज का पाट बाजार में मिलता है। उसे मंदिर की दीवार या पूजा के कमरे की दीवार पर चिपका लें।

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इसके बाद पूजा के कमरे में जहां जन्माष्टमी की पूजा करनी है वहां पर आटे से एक चौक बनाकर उस पर लाल या पीला कपड़ा बिछाएं। उस पर भगवान श्री लड्डू गोपाल को विराजें। उनके बाजू में भगवान श्रीगणेश की स्थापना करें।

इसके बाद चौक के आगे बांई ओर कलश स्थापित करें। इसके लिए एक तांबे के लोटे में जल भरकर उसमें चावल, एक सुपारी, एक सिक्का, हल्दी की गांठ डालें। इस पर एक दीपक में तेल डालकर लंबी वाली बाती डालकर कलश तैयार कर लें।

janmashtami puja chouk design
janmashtami puja chouk design

जन्माष्टमी के लिए भोग की तैयारी (Janmashtami Bhog) 

भगवान के भोग के लिए गुड़ के लड्डू, आटे की या धनिया की पंजीरी तैयार करें। इसके अलावा फलों में ककड़ी, सेव, केला के अलावा कुछ मिठाई रख लें।

श्रीकृष्ण जन्माष्टमी की पूजा विधि (Puja vidhi) 

सबसे पहले श्रीगणेश जी के रूप में कलश पूजन करें।

इसके बाद दीवार पर लगाए गए श्रीकृष्ण के जन्माष्टमी की लीलाओं के पट पर कपड़ा लगाकर उसे गुड़ और दूर्बा से चिपका दें।

इसके बाद इस पाट का पूजन करें।

इसके बाद सभी देवी-देवताओं का पूजन करके आगे की पूजा शुरू करें।

भगवान श्रीकृष्ण के नरा काटने के रूप में ककड़ी जिसे जौआ भी कहते हैं। जिसमें फूल लगा होता है, इसे लेकर इस पर बीचोंबीच कच्चा सूत लपेंटे।

इसे बाद दो एक पर्दा की आड़ करके इस ककड़ी के रूप में नरा को काटें। इस दौरान भगवान श्रीविष्णु के भगवान विष्णु का द्वादशाक्षर मंत्र ओम नमो भगवते वासुदेवाय मंत्र का जाप करते रहें।

नरा कटने के बाद भगवान को पंचामृत से स्नान कराएं।

फिर भगवान को नए वस्त्र पहनाकर, नई पगड़ी, मोर पंख, बांसुरी से श्रृंगार करें।

इसके बाद बधाई नंद के आनंद भयो जय कन्हैया लाल की….गाकर श्रीकृष्ण के जन्म की खुशी मनाएं।

janmashtami 2024 Havan Mantra

इसके बाद हवन करें। हवन के दौरान भगवान विष्णु के द्वादशाक्षर मंत्र ओम नमो भगवते वासुदेवाय मंत्र का जाप करते रहें यानी इस मंत्र के साथ जन्माष्टमी का हवन करें।

इसके बाद भगवान को उनकी पसंद की मिश्री, पंजीरी, माखन, गुड़ के लड्डू, अठवाई, फलों का भोग लगाएं।

 

श्रीकृष्ण जी की स्तुति गाएं (Krishna Stuti hindi me) 

श्रीकृष्ण का जन्म होने के बाद सभी लोग जोर-जोर से भगवान की इस स्तुति को गाएं।

Shri Krishna Janmashtami krishna ji ki stuti likhit me

इसे नंद के घर आनंद भयो जय कन्हैया लाल की गाएं।

हवन के बाद सबसे पहले गणेश जी की फिर भगवान कृष्ण यानी जगदीश जी की आरती गाएं।

आरती के बाद नारियल फोड़कर सभी को प्रसाद वितरण करें।

कई लोग इस दिन जागरण भी करते हैं।

ककड़ी का नरा कहां से काटना चाहिए

आपको बता दें ज्योतिषाचार्य के अनुसार ककड़ी पर कच्चा सूत लपेटकर नरा बीचोंबीच काटना चाहिए। हालांकि इसके लिए कहीं कोई नियम नहीं है, लेकिन प्रतीक के रूप में नरा को बीचोंबीच काटने से वह दो भागों में बंटना चाहिए।

janam Ashtami 2024 kakdi kahan se katni chahiye

नाल से अलग करने का है प्रतीक

बच्चे के पैदा होने पर गर्भनाल से बच्चे को अलग किया जाता है इसी रूप में जौआ जिसे अपरिपक्प फल कहा जाता है। इसे काटा जाता है।

पंडित रामगोविन्द शास्त्री के अनुसार श्री महामृत्युंजय मंत्र में भी “उर्वारुक मिव मंदनाम्” जिक है। इसमें उर्वारूक का अर्थ खीर होता है। यहां इसका अर्थ पीड़ा से अलग होने का तात्पर्य रखा गया है।

जिस प्रकार बच्चा गर्भनाल से अलग किया जाता है। उसी प्रकार प्र​तीक रूप में इसका उपयोग जाता है। ठीक उसी प्रकार से जौआ (खीरे का सबसे छोटा रूप, जिसमें फूल व पत्ती लगी होती है) खीरे को डंठल से काटकर अलग किया जाता है।

यह भगवान श्री कृष्ण को मां देवकी से अलग करने का प्रतीक माना जाता है। इसके बिना पूजा अधूरी मानी जाती है।

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