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Kranti Gaud Success Story
हाइलाइट्स
मां ने गहने बेचकर सपना बचाया
क्रांति गौड़ ने ऑस्ट्रेलिया कप्तान को बोल्ड किया
हार्दिक पंड्या से प्रेरित हैं क्रांति
Kranti Gaud Success Story: इतिहास रचने वाली इंडियन विमेंस क्रिकेट टीम की पेसर क्रांति गौड़ की कहानी संघर्ष और चुनौतियों से भरी है। बचपन में एक समय ऐसा आया जब क्रिकेट की प्रैक्टिस को जाने के लिए घर में पैसे नहीं थे...कोई उधार देने को भी तैयार नहीं था। उस समय क्रांति की मां ने गहने बेचकर बिटिया का क्रिकेट जारी रखा और अब क्रांति वर्ल्ड कप चैंपियन बन गई। क्रांति मेंस क्रिकेटर हार्दिक पंड्या से इंस्पायर हैं और उनकी तरह ही ऑलराउंडर बनना चाहती हैं।
ऑस्ट्रेलियाई कप्तान को किया बोल्ड
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सेमीफाइनल मुकाबले में ऑस्ट्रेलिया की कप्तान ऐलिसा हैली को क्लिन बोल्ड करने के बाद क्रांति गौड़।[/caption]
क्रांति विमेंस वनडे वर्ल्ड के दौरान पाकिस्तान मैच के दौरान तीन विकेट लेने के बाद सुर्खियों में आईं। हालांकि, क्रांति ने टीम के लिए सेमीफाइनल में सबसे बड़ा काम किया। जब क्रांति ने ऑस्ट्रेलिया की धुरंधर बल्लेबाज और कप्तान ऐलिसा हैली (Alisa Healy) को क्लिन बोल्ड किया। इससे पहले न्यूजीलैंड के खिलाफ दो विकेट लिए थे।
क्रांति के भाई मयंक सिंह बताते हैं, "जहां पर क्रांति ने पहला लेदर बॉल मैच खेला था वहां हमने बड़ी स्क्रीन लगवाई. भारत ने मैच जीता और हमें बहुत ख़ुशी हुई. इससे भी ज़्यादा ख़ुशी तब हुई जब क्रांति को प्लेयर ऑफ़ द मैच चुना गया."
टेनिस बॉल से हुई क्रिकेट की शुरुआत
आदिवासी समुदाय से संबंध रखने वालीं क्रांति गौड़ की शुरुआत टेनिस बॉल क्रिकेट से हुई। जहां क्रांति लड़कों के साथ गली क्रिकेट खेलती थीं। क्योंकि उनके कस्बे धुवारा में लड़कियां क्रिकेट नहीं खेलती थीं।
भाई के साथ टेनिस बॉल टूर्नामेंट से खेलती थीं
एक इंटरव्यू में क्रांति बताया था, "घर के सामने एक ग्राउंड है वहां कुछ लड़के क्रिकेट खेल रहे थे। लड़कियां भी साइड में अपना गेम खेल रही थीं, लेकिन मुझे ऐसा लगा कि मुझे क्रिकेट खेलनी चाहिए। फिर सब लड़कियां एक साइड खेलती थीं और मैं लड़कों के साथ क्रिकेट खेलती थी।" इसके बाद अपने भाई के साथ क्रांति आस-पास के टेनिस बॉल टूर्नामेंट में भी हिस्सा लेने लगीं। हालांकि, इस दौरान उन्हें सामाजिक चुनौतियों का भी सामना करना पड़ा।
... और प्लेयर ऑफ द मैच अवॉर्ड लेकर लौटीं
साल 2017 में छतरपुर जिले में 'स्वर्गीय श्री राज बहादुर सिंह बुंदेला स्मृति क्रिकेट टूर्नामेंट' का आयोजन हुआ। इसमें एक मैच लड़कियों का भी था। क्रांति बतौर दर्शक इस मैच को देखने पहुंची थीं और जब घर लौटीं तो उनके हाथ में प्लेयर ऑफ द मैच का अवॉर्ड था। इससे भी क्रांति काफी इंस्पायर हुईं।
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कप्तान हरमन प्रीत कौर और धुरंधर बल्लेबाज स्मृति मंधाना के साथ क्रांति गौड़।[/caption]
...मां ने गहन बेजकर मैच खेलने भेजा
पिता पुलिस विभाग की नौकरी से सस्पेंड हो गए थे और भाई के पास भी नौकरी नहीं थी। ऐसे में कोच ने क्रांति की रहने से लेकर क्रिकेट के लिए सामान मुहैया कराने की जिम्मेदारी उठाई। क्रांति उन दिनों को याद करते हुए बताया था, "एक समय ऐसा आया था कि हमें खाने के लिए भी उधार लेना पड़ता था और लोगों से वादा करते थे कि हम आपको वापस लौटा देंगे। कहते हैं न कि बुरे वक्त में कोई साथ नहीं देता है, तो जब हमारा बुरा वक्त आया तो किसी ने साथ नहीं दिया।" "ऐसे वक्त में मुझे प्रैक्टिस के लिए जाना होता था तो कोई पैसे उधार भी नहीं देता था। उस टाइम मुझे मम्मी ने अपने गहने बेचकर मैच खेलने भेजा था।"
ऐसे बनाई टीम इंडिया में जगह
क्रांति मध्य प्रदेश महिला क्रिकेट टीम के लिए घरेलू क्रिकेट खेलती हैं। उन्होंने बंगाल के खिलाफ 2024-25 सीनियर महिला वनडे ट्रॉफी के फाइनल में 4 विकेट झटके थे। यहीं से क्रांति सिलेक्टर की नजरों में आ गई थीं। लगातार अच्छे प्रदर्शन के बाद, क्रांति को 2025 विश्व कप के लिए इंडिया टीम में शामिल किया गया।
विमेंस वर्ल्ड कप में 5 अक्टूबर को कोलंबो में पाकिस्तान के खिलाफ भारत के ग्रुप चरण के मैच में क्रांति ने तीन विकेट लिए और अपनी टीम को 88 रनों से जीत दिलाई। उन्हें प्लेयर ऑफ द मैच से नवाजा गया।
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हार्दिक पंड्या से हैं इंस्पायर
क्रांति ने बताया कि "जब मैं पेस बॉलिंग डालती थी तो मैं हार्दिक पंड्या को फ़ॉलो करती थी। उनकी गेंदबाजी के वीडियो देखती थी। मुझे उनका एटीट्यूड बहुत अच्छा लगता है। मैं जब भी उन्हें देखती तो सोचती थी कि जब भी मैं बड़ी खिलाड़ी बनूंगी तो हार्दिक पंड्या जैसा एटीट्यूड रखूंगी। मैंने शुरू से ही सोच लिया था कि हार्दिक पंड्या बनना है।"
क्रांति ने वर्ल्ड कप चैंपियन बनने से पहले बताया था कि हार्दिक पंड्या को रोल मॉडल मानने के पीछे एक बड़ी वजह उनकी ऑलराउंडर क्षमता है। अब वो टीम इंडिया में तेज गेंदबाजी आक्रमण की मैन बॉलर बन गई हैं।
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