Kolkata Rape Murder Case: कोलकाता में ट्रेनी डॉक्टर के साथ रेप और हत्या के बाद से धरना प्रदर्शन कर रहे डॉक्टरों ने हड़ताल खत्म करने का ऐलान किया है। सभी डॉक्टर्स शनिवार से काम पर लौटेंगे। वहीं शुक्रवार को रैली निकालेंगे। आरजी कर मेडिकल कॉलेज में महिला डॉक्टर के साथ हुई घटना के खिलाफ जूनियर रेजिडेंट डॉक्टर 9 अगस्त से धरना दे रहे थे। ममता सरकार बार-बार उनसे काम पर लौटने की अपील कर रही थी। सुप्रीम कोर्ट ने भी डॉक्टरों को काम पर लौटने के लिए कहा था।
कोलकाता: शनिवार से काम पर लौटेंगे जूनियर डॉक्टर्स, रेप हत्याकांड के बाद हड़ताल पर थे डॉक्टर्स#JuniorDoctors #DoctorsProtest #WestBengal #breakingnews pic.twitter.com/LvPnsgxXlW
— Bansal News (@BansalNewsMPCG) September 19, 2024
41 दिन बाद काम पर लौटेंगे जूनियर डॉक्टर्स
जूनियर डॉक्टरों ने स्वास्थ्य भवन और कोलकाता में चल रहे धरना प्रदर्शन को खत्म करने का फैसला लिया है। शनिवार से सभी डॉक्टर अपने काम पर लौटेंगे और बाढ़ से प्रभावित क्षेत्रों में जाकर लोगों की मदद करेंगे। 41 दिनों के बाद डॉक्टर आवश्यक सेवाओं में फिर से शामिल होंगे।
ममता सरकार ने जूनियर डॉक्टर्स की 3 मांग मानी
जूनियर डॉक्टरों के संगठनों ने कोलकाता कांड (Kolkata Rape Murder Case) के खिलाफ धरना देने का फैसला लिया था। इससे बंगाल की स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित हुईं। हड़ताल पर बैठे डॉक्टरों की 5 मांगें थीं, जिनमें से ममता सरकार ने 3 को मान लिया। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने डॉक्टरों के प्रतिनिधियों से बातचीत कर आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई का वादा किया।
सीएम ममता बनर्जी का एक्शन
ममता बनर्जी ने चिकित्सा शिक्षा निदेशक और स्वास्थ्य सेवा निदेशक को हटाया। पुलिस कमिश्नर विनीत गोयल को भी मंगलवार को हटाया और नए IPS अधिकारी को जिम्मेदारी सौंपी। इसके साथ ही कोलकाता पुलिस के उपायुक्त (उत्तर) को भी हटाया। उनके खिलाफ पीड़ित परिवार ने रिश्वतखोरी का आरोप लगाया था।
ये थीं जूनियर डॉक्टर्स की 5 मांगें
1. ट्रेनी डॉक्टर से रेप और मर्डर के बाद सबूतों को मिटाने के लिए जिम्मेदार लोगों की जवाबदेही तय हो और उन्हें सजा मिले।
2. मेडिकल कॉलेज के पूर्व प्रिंसिपल डॉक्टर संदीप घोष के खिलाफ सख्त कार्रवाई हो।
3. कोलकाता के पुलिस कमिश्नर विनीत गोयल और स्वास्थ्य सचिव नारायण स्वरूप निगम के इस्तीफे की मांग की।
4. स्वास्थ्यकर्मियों के लिए बेहतर सुरक्षा व्यवस्था की हो।
5. सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों में धमकी की संस्कृति खत्म की जाए।
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जूनियर डॉक्टर्स को सुप्रीम कोर्ट ने दी थी डेडलाइन
9 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट में हुई सुनवाई के दौरान CJI ने कहा कि डॉक्टरों को काम पर लौटना चाहिए और हम उनकी सभी सुविधाएं सुनिश्चित करेंगे। अगर वे ऐसा नहीं करते हैं, तो उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। सुप्रीम कोर्ट ने पुलिस को आदेश दिया कि वे डॉक्टरों की सुरक्षा के लिए जरूरी इंतजाम करें, जिसमें अलग ड्यूटी रूम, शौचालय और सीसीटीवी कैमरे लगाना शामिल है। डॉक्टरों को पहले काम पर लौटना चाहिए और अपना काम पूरा करना चाहिए।
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