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Kolkata Rape Case SC A bench headed by Chief Justice dy chandrachud Kolkata case hear today in the Supreme Court Hindi news
Kolkata Rape Case SC: पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता में 9 अगस्त को ट्रेनी महिला डॉक्टर के साथ दुष्कर्म और बेरहमी से उसकी हत्या का मामला सामने आया था। पीड़ित के साथ दरिंदगी का मामला सामने आने के बाद देशभर में डॉक्टर्स और आम लोगों काफी आक्रोशित हैं। इसके बाद शीर्ष अदालत ने मामले के स्वत: संज्ञान लिया है।
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वहीं, अब फेडरेशन ऑफ रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन (FORDA) ने अपने वकील सत्यम सिंह, संजीव गुप्ता और एओआर थॉमस ओमेन के जरिए सुप्रीम कोर्ट में स्वत: संज्ञान जनहित याचिका में इंटरवेंशन एप्लीकेशन दायर किया है। बता दें कि मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने घटना का संज्ञान लेते हुए मामले को मंगलवार सुबह 10:30 बजे से सुनवाई के लिए वाद सूची में प्रथम पर रखा गया है।
सुप्रीम कोर्ट में होगी आज सुनवाई
सुप्रीम कोर्ट ने कोलकाता के आर. जी. कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में एक ट्रेनी महिला डॉक्टर से दुष्कर्म और हत्या मामले में स्वत: संज्ञान लिया था। इस मामले में मंगलवार को मुख्य न्यायाधीश डी, वाई. चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ सुनवाई करेगी। वहीं, सुप्रीम कोर्ट की वेबसाइट पर अपलोड की गई 20 अगस्त की वाद सूची में इसको प्रथम स्थान पर रखा गया है। मामले की सुनवाई सुबह साढ़े 10 बजे शुरू हो सकती है।
डॉक्टरों के संगठन ने किया सुप्रीम कोर्ट का रुख
बता दें कि डॉक्टरों के संगठन फेडरेशन ऑफ एसोसिएशन ऑफ मेडिकल कंसल्टेंट्स ऑफ इंडिया (FAMCI) और फेडरेशन ऑफ रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन (FORDA) और वकील विशाल तिवारी ने सुप्रीम कोर्ट में स्वत: मामले में इंटरवेंशन एप्लीकेशन को दायर किया था।
FAMCI ने अपनी इस याचिका में किसी भी केंद्रीय कानून के अभाव में देश भर के सरकारी और निजी डॉक्टर्स के लिए सुरक्षा चिंताओं को उठाया और कहा कि सालों पहले से बुनियादी सुरक्षा उपायों की मांग करके बाद भी सभी चिकित्सा कर्मचारी जोखिम भरे वातावरण में कार्य कर रहे हैं।
हॉस्पिटल में बनाई जाए पुलिस चौकी
डॉक्टरों के निकाय ने कहा कि केंद्र सरकार को स्वास्थ्य कर्मियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने और राज्य-स्तरीय कानूनों में कमियों को दूर करने के लिए समान दिशा-निर्देश तैयार करने के लिए कहा जाना चाहिए। इसमें यह भी कहा कि मेडिकल कॉलेजों (सरकारी और निजी) में रेजिडेंट डॉक्टरों और सरकारी अस्पतालों में डॉक्टरों को औपचारिक रूप से 'सार्वजनिक सेवक' घोषित कर दिया जाना चाहिए।
नगरपालिका अस्पतालों के परिसर में अनिवार्य रूप से पुलिस चौकी बनाई जानी चाहिए। वहीं, FORDA ने वकील सत्यम सिंह और संजीव गुप्ता के माध्यम से दायर अपनी इंटरवेंशन एप्लीकेशन में कहा कि डॉक्टरों ने जीवन बचाने और समाज की सेवा करने के लिए मेडिकल स्कूल और रेजिडेंसी सहित 10 से 11 साल की कठोर शिक्षा और पशिक्षण समर्पित किया है।
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