Plastic Chaval ki Pahchan: जो चावल हमारी रसोई में रोजाना पकता है और जिसे घर के सभी लोग स्वाद लेकर खाते हैं, आजकल वह भी मिलावटी और नकली बिकने लगा है. जी हां, इन दिनों बाजार में नकली चावल बिक रहे हैं. लोगों को पता भी नहीं कि जो चावल वे खा रहे हैं, वह प्लास्टिक के हो सकते हैं.
अधिक मुनाफा कमाने के चक्कर में मुनाफाखोर और मिलावट करने वाले दुकानदार ग्राहकों को चावल की पहचान नहीं बताते हैं. अनजाने में ग्राहक प्लास्टिक से बने नकली चावल घर ले आते हैं. आए दिन पुलिस प्लास्टिक चावल की खरीद-फरोख्त से जुड़े दुकानदारों और लोगों को गिरफ्तार करती रहती है. लेकिन, फिर भी बाजार में प्लास्टिक के नकली चावल बिक ही रहे हैं.
बता दें, प्लास्टिक के चावल देखने में असली चावल की तरह ही दिखते हैं. पकने के बाद भी प्लास्टिक के चावल की पहचान आसान नहीं है. यह सेहत के लिए बहुत खतरनाक है. आइए जानते हैं, प्लास्टिक के नकली चावल की पहचान कैसे करें.
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प्लास्टिक चावल की पहचान – 1
प्लास्टिक के चावल की पहचान के लिए थोड़े से चावल लेकर उसे जलाएं. यदि चावल के जलने के बाद प्लास्टिक की बदबू आती है, तो वह चावल नकली है. प्लास्टिक से बने होने के कारण ये चावल प्लास्टिक की तरह जलते है और वैसी ही बदबू देते हैं.
प्लास्टिक चावल की पहचान – 2
थोड़े से चावल को चूना और पानी के घोल में कुछ देर भिगोकर छोड़ दें. यदि चावल का रंग बदलता है या वह रंग छोड़ने लगे तो समझ जाइए कि चावल नकली हैं. प्लास्टिक चावल की पहचान का ये तरीका बहुत ही प्रामाणिक है.
प्लास्टिक चावल की पहचान – 3
एक बाउल या छोटे भगौने में एक-दो गिलास पानी लें और उसमें दो-तीन मुट्ठी चावल को पानी में डालें. यदि पानी में डालने के बाद चावल डूब जाता है तो वह असली है. क्योंकि, असली चावल ठोस और वजनदार होता है. वही, यदि चावल पानी पर तैरने लगे तो वह नकली चावल है, क्योंकि प्लास्टिक चावल पानी में नहीं डूबता है. क्योंकि, वह असली चावल के मुकाबले हल्का होता है.
प्लास्टिक चावल की पहचान – 4
चावल की पहचान का ये तरीका सबसे अधिक कामयाब है. इसमें चावल के असली और नकली होने में कोई संदेह ही नहीं बचता है. एक पैन या कड़ाही तेल लेकर सूए बहुत तेज गर्म करें. फिर उस गर्म तेल में एक मुट्ठी चावल डालें. यदि चावल पिघलकर आपस में चिपकने लगे तो वह प्लास्टिक चावल है. क्योंकि, प्लास्टिक गर्मी पाकर पिघलने लगता है. वहीं यदि वह चावल असली होता, तो वह लावा की तरह फूट कर तेल में तला हुआ भुजा या फरही (मूढ़ी) बन जाता.
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