World Menstrual Hygiene Day क्या हैं पीरियड्स से जुड़े रीति-रिवाज

World Menstrual Hygiene Day 2023: दुनिया में क्या हैं पीरियड्स से जुड़े रीति-रिवाज

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नई दिल्ली। World Menstrual Hygiene Day 2023: मासिक धर्म और मासिक धर्म स्वच्छता की शुरुआत के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए दुनिया भर में हर साल 28 मई को विश्व मासिक धर्म स्वच्छता दिवस मनाया जाता है। अगर आपको नहीं पता है तो चलिए जानते हैं दुनिया में क्या हैं पीरियड्स से जुड़े रीति-रिवाज।

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कब शुरू होता है मासिक धर्म

विशेषज्ञों के अनुसार पहला मासिक धर्म युवावस्था की शुरुआत के बाद होता है, जिसे मेनार्चे के रूप में जाना जाता है, जबकि मेनार्चे की औसत आयु 12 से 15 वर्ष होती है। मासिक धर्म हर लड़की के जीवन में एक महत्वपूर्ण मोड़ होता है क्योंकि यह बड़ी संख्या में हार्मोनल बदलाव लाता है। जिससे शरीर में कई परिवर्तन होत हैं।

हालांकि इसे एक बड़े बदलाव के रूप में जाना जाता है, फिर भी दुनिया के विभिन्न हिस्सों में पीरियड्स के बारे में बात करना अभी भी वर्जित है। हालाँकि, मासिक धर्म की शुरुआत या पहली अवधि भारत के कई हिस्सों में एक अवसर के रूप में मनाई जाती है।

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नैचुरल प्रोसेस है पीरियड्स 

पीरियड्स यानि माहवारी 4-5 दिन तक चलने वाली नैचुरल प्रोसेस है। इस दौरान महिलाओं के शरीर से रक्त स्त्राव होता है। पहले के जमाने में अधिकतर लड़कियों को 13-14 साल की उम्र में पीरियड्स शुरू हो जाते थे। लेकिन अब बदलते खानपान की वजह से उम्र में अंतर आ जाता है। लेकिन कई ऐसे देश हैं, जहां पीरियड्स के दौरान लड़कियों को अछूत माना जाता है। उनके साथ भेदभाव किया जाता है।

साथ ही उनका खाने से लेकर सोने तक की जगह तक सब बदल दी जाती है। लेकिन कई देश ऐसे भी हैं, जहां पीरियड्स को त्योहार की तरह मनाया जाता है। इस दिन कहीं कुछ खास पकवान बनते हैं तो कहीं कोई रीत निभाई जाती है। आज इस आर्टिकल में हम आपको केवल भारत के ही नहीं दुनिया में पीरियड्स से जुड़े रीति-रिवाजों के बारे में बताएंगे।

पीरियड्स से जुड़े खास रीति रिवाज 

इज़राइल – पहली बार पीरियड्स आने पर चटाया जाता है शहद 

भारत में कई जगह हैं जहां शुभ काम करने के पहले चीनी या गुड़ ऐसा सुनने में आता है। ठीक इसी तरह इज़राइल में भी एक परंपरा के रूप में पीरियड्स होने पर लड़की को शहद चटाया जाता है। ऐसी मान्यता है कि शहद चटाने से होने वाले पीरियड्स आसान हो जाते हैं। मतलब माहवारी के दौरान होने वाला दर्द कम हो जाता है। लेकिन ये सब मान्यताएं हैं। जिस वजह से हर लकड़ी को पीरियड्स के दौरान ऐसा करना होता है।

ब्राजील – यहां बन जाती है ब्रेकिंग न्यूज

ब्राजील को अपने पर्यटक प्लेस के रूप में तो पहचाना ही जाता है लेकिन इसी के साथ यहां पीरियड्स से जुड़ी भी बेहद खास और अनूठी परंपरा है। कई जगह पीरियड्स को छिपाया जाता है लेकिन ब्राजील में किसी भी लड़की को पहली बार पीरियड्स आने की खबर ब्रेकिंग न्यूज बन जाती है। यानी इस बात की खबर सभी लोगों दी जाती है। इतना ही नहीं लड़की के परिवार सहित सभी दोस्तों को इसकी जानकारी दी जाती है। इसका सेलिब्रेशन करके लोग पार्टी मनाते हैं।

साउथ इंडिया – यहां मनाते हैं खुशी

साउथ इंडिया में पीरियड्स को एक खुशी के रूप में देखा जाता है। ऐसा माना जाता है कि भविष्य में मां बनने के लिए पीरियड्स को आना बेहद जरूरी होता है। चूंकि भारत विविधताओं का देश है। इसलिए यहां आपको अलग-अलग बोली और अनूठी संस्कृति के साथ परंपराओं में भी विविधता देखने को मिलेगी। कई जगहों पर पीरियड्स के दौरान लड़कियों को अछूता माना जाता है।

तमिलनाडु – यहां हल्दी के पानी से नहलाने की है परंपरा

तमिलनाडु में पीरियड्स से जुड़ी बेहद रोचक परंपरा है। यहां इस त्योहार को मंजल निरातु विजा कहते हैं। इस दौरान एक भव्य समारोह होता है। जिसमें परिवार के सभी रिश्तेदारों को बुलाया जाता है। जिसमें हल्दी के पानी से लड़की को नहलाया जाता है। लड़की के चाचा नारियल,आम और नीम के पत्तों से झोपड़ी बनाते हैं। लड़की को हल्दी के पानी से नहलाकर रेशम की साड़ी पहनाकर तैयार करके झोपड़ी में बिठाया जाता है। यहां वह लड़की रहती है। इतना ही नहीं चाचा द्वारा बनाई गई झोपड़ी में स्वादिष्ट पकवान भी रखे जाते हैं। मंजल निरातु विजा का यह त्योहार ‘पुण्य धनम’ से पूरा होता है। इस परंपरा को पूरा करने के बाद झोपड़ी को हटा दिया जाता है।

जापान – इस डिश के बनने से चलता है पता

तकनीक के मामले में जापान को खास माना जाता है। पर क्या आप जानते हैं कि पीरियड्स को लेकर भी यहां की परंपरा खास है। दरअसल परिवार में जब लकड़ी के पीरियड्स शुरू होते हैं तो उस दौरान लड़की की मां सेकीहान नाम का एक पारंपरिक भोजन बनाती है। ​ये डिश राइस और रेड बीन्स से मिलकर बनी होती है। आपको बता दें ये डिश केवल पीरियड्स होने पर ही बनाई जाती है। ऐसा इसलिए क्योंकि इसके बनाने से सभी को पीरियड्स का पता चल जाता है।

आइसलैंड – मां बनाती है रेड एंड व्हाट कलर का केक

आइसलैंड में भी पहले पीरियड्स से जुड़ी रोचक परंपरा है। यहां बेटी का पहली बार पीरियड्स आने पर मां द्वारा अपनी बेटी को केक बनाकर खिलाती हैं। पर आपको बता दें ये केक खास नहीं होता। ये केक रेड एंड व्हाइट कलर यानि लाल और सफेद रंग का होता है। आपको बता दें इसका संबंध लड़की के जीवन के नए माइलस्टोन से होता है। इसका मतलब वे अब मैच्योर हो चुकी है।

नोट : इस लेख में दी गई सूचनाएं सामान्य जानकारियों पर आधारित है। बंसल न्यूज इसकी पुष्टि नहीं करता। अमल में लाने से पहले विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।

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